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पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/४८६

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एतन्माव-ऐदर ४४५ एतमात्र (सं.वि.) एतद्-मावच। प्रमाणे वसदन कमी नहीं। कहीं कहीं मुसलमान और जैन रहते मावत् । पा रा३७। इस परिमाणवाला, इतना। हैं। दो एक घर पारसियोंके भो हैं। एतबार (अ.पु.) विश्वास, भरोसा, ठिकाना। पूर्वकाल पर यहां कोल जातिका राजत्व रहा। एतराज. (अ.पु.) आपत्ति, झगड़ा, कहा-सुनी। राजाका उपाधि भलशुर कोल पड़ता था। इस एतर्हि (सं• अव्य०) इदम्-हिल एतादेशश्च । वंशके शेष राजाका नाम शम्बना रहा। वह अतिशय इदमोहिल। पा ५३।१६। एते तो रथोः। पा ५३।४। सम्पति, लम्पट और पापाचारी थे। उनके मन्त्रीने छलसे अब, इस समय पर। सोनग रावको बुलाया। उन्होंने यहां प्रा शम्बलाको एतवार, इतवार देखो। विनाश और ईडर राज्य अधिकार किया था सोनग- एतवारी (हिं० वि०) एतवारवाला, जो इतवारको हो। रावसे १२ पुरुष बाद जगन्नाथ राव ईडरके राजा एतश (सं० पु० ) इण-तशन् । इनस्तशन्तशसूनौ। बने। उस समय मुराद बख.श गुजरातकं सूबेदार थे। उच्च ३०१४६। ब्राह्मण। १६५६ ई. को मुरादके दौरात्म्यसे जगन्नाथ राज्य एतशः, एतश देखो। छोड़ भागे। पीछे मुरादने यहां एक देशाई (सहकारी) एतस (सं० पु.) इण बाहुलकात् तसन् । ब्राह्मण। नियुक्त किया था। एता (स. स्त्रो०)१हरिणी, हिरनी। (हिं.वि.) १७२८ ई. को योधपुर राज्यके दोनों भाइयां २ इस परिमाणवाला, इतना। प्रानन्दसिंह और रायसिंहने बितने है अश्वारोही एतादृक् (सं० वि०) एतदिव दृश्यते, एतद्-दृश सैन्यके साथ स्वल्पायासमें ईडर जय किया था। उसी क्विन् । इस प्रकारवाला, ऐसा। समयसे ईडरमें राजपूतोंका अधिकार जमा । एतादृक्ष (सं० त्रि.) एतदिव दृश्यते, एतद् दृश- ईडर राज्य में प्रधानतः सात जिले हैं-१ ईडर, कस । इस प्रकारवाला, ऐसा। २ अहमदनगर, ३ मोरासा, ४ बायाड़, ५ हरसोल, एतादृश (स० वि०) एतदिव दृश्यते, एतद्-दृश- ६ परान्तिज और ७ वौजापुर सिवा इसके दूसरे ढक । १ एतसदृश, ऐसा। २ इस प्रकार निर्मित, | पांच जिले ईडरके करद राज्य समझ जाते हैं। ऐसा ही बना हुआ। __राजपूतोंका अधिकार होनेके कई वर्ष पोछे पूर्वोत एतावत् (सं० त्रि.) एतद्-वतुप । यत्तदैतेभ्यः परि देशाईने अपना हृतराज्य फिर पाने की प्राशासे माणे वतुम्। पा ५।२।३९ । १ इस परिमाणवाला, इतना | पेशवाको भड़काया था। उन्होंने बाछाजी दूबाजी ज्यादा। (अव्य.)२ इस प्रकारसे, ऐसे। . नामक एक व्यक्ति ईडर जय करनेको भेजा। यथा- एतावन्मान (सं० वि०) केवल इसी परिमाणवासा, समय बाछाजी ईडर राज्यमें श्रा पहुंचे थे। सुयोग इतना ही। देख जगवाथ रावके कितने हो सजपूत-कर्मचारी एतिक (हिं० . वि०) इस परिमाणवाली, इतनी। उनके साथ होलिये। युद्दमें प्रानन्द सिंह मारे गये यह शब्द सदा स्त्रीलिङ्गमें ही व्यवहृत होता है। थे। बाछाजीकी जीत हुई। वह कितने ही सैन्य एदर (ईडर)-गुजरातके माहोकांठे प्रान्तका एक सामन्त छोड़ अहमदाबादको चल दिये। पीछे राय- राजपूत-राज्य। इस राज्यसे उत्तर सिरोही तथा सिंहने सैन्यसंग्रह कर ईडर राज्य जीता। आनन्द- उदयपूर, दक्षिण एवं पश्चिम बम्बई प्रान्त पौर सिंहके पुत्र शिवसिंह राजा भार राय सह अभि- पूर्व डुंगरपुर है। लोकसंख्या ढाई लाखसे अधिक | भावक बने थे। १७६६ ई. को रायसिंह मरे। निकलती है। उसमें कोई ११ हज़ार भील हैं। इसके कुछ दिन पोछे पेशवाने ईडर राज्यके परान्तिज, कोल जातिको संख्या हो विशेष है। किन्तु वीजापुर, मोरासा, बायाड़ और हरसोलका आधा भाग ब्राह्मण, चत्रिय, वैश्य और कुनबी प्रभृतिको भी कोई। दबा लिया था। अवशिष्ट पाधा अंग गायकवाड़के VoL III. 122