पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/५४४

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ओमा-ओरछा ५४३ गवार। २ कपालु, मेहरबान्। ३ सन्तोषदायक, पुरुषजातिके ओरंगोटंग कोई दो गजतक लम्बे देख खुश कर देनेवाला। पड़ते हैं। गाल दोनो ओर लटके रहते हैं। गले और 'प्रोमा (सं० पु.) १ रचा, हिफाजत, मदद।। छातीके सामने एक थैलो होतो है। बाहें बहुत २ कृपा, मेहरबानी। ३ वपालु पुरुष, मेहरबान लम्बी रहती हैं। आकार-प्रकार मनुष्यसे मिलता है। शख्स। वर्ण रक्त रहता है। इसके बाल लालभूरे होते हैं। प्रोमावा (सं० स्त्री०) रक्षा, साहाय्य, मदद, हिफाजत। ओरछा-१ बुदेलखण्ड का एक देशो राज्य। यह प्रोम्या ( सं० स्त्रो०) कृपा, रक्षा, मेहरबानी, हिफाजत। अक्षा०२४.२६ एवं२५° ३४ उ०, देशा० ७८.२८ प्रोम्यावान् (सं० त्रि.) कृपालु, मेहरबान् । ३०” तथा ७५ २३ पू० के मध्य अवस्थित है। इसे ओयन्त-युक्तप्रदेशके खेरी ज़िलेका एक नगर। यह टेहरी या टोकमगड़ भी कहते हैं। ओरछेसे पश्चिम अक्षा. २७.५०३.“उ०, तथा देशा०८०.४६५५ झांसी तथा ललितपुर जिला, दक्षिण ललितपुर, पना पू० में लखोमपुरसे ८ मौल पश्चिम सौतापुरको सड़क तथा बिजावर मोर पूर्व बिजावर, चरखारो तथा पर अवस्थित है। चारो और चिकनी मट्टोका मैदान गरौची राज्य पड़ता है। क्षेत्रफल प्रायः २००० वर्म है। कृषिकार्य अधिक होता है। वृक्ष बहुत हैं। मौल है। वन एवं पर्वत अधिक है। भूमि उपजाऊ किन्तु मकान् मट्टोके बने और टटी फटी दीवारोंपर नहीं। कुछ तालाब बहुत अच्छे हैं। घने जंगलों में छप्पर पड़े हैं। महादेवका मन्दिर अति सुन्दर है। डाकूवोंको छिपने का सुभोता है। १८७३-७४ ई. को चीनौके कारखाने चला करते हैं। डाकुवाने कितने ही ग्रामों और यात्रियों को लूट लिया भोयष्टररोफ-निम्न ब्रह्मस्थ श्राराकान समुद्रतटके समीप था। बुंदेलखण्डके राज्यों में पोरका सबसे प्राचीन डूबा हुआ एक भयानक शैल-सेतु। १८७६ ई. को और प्रतिष्ठित है। पेशवा इसे अपने अधीन करन इस डूबे हुये शैलसेतुके दक्षिण किनारे एक आलोक- सके थे। अंगरेजोंके बुंदेलखण्ड पहुंचते समय भवन बनाया गया था। स्वच्छ आकाश रहते उक्त विक्रमादित्य-महेन्द्र राजा रहे। १८१२ ई.को भवनका आलोक १५ मौलसे देख पड़ता है। इससे सरकारने उनसे मित्रता को सन्धि को। वार्षिक पाकायाब बन्दर पहुंचने में पश्चिम और उत्तरको ओर आय प्रायः ८ लाख रुपया है। १८५७ ई.को जहाजोंको भय नहीं रहता। आलोक वैलाके अंगरेज सरकारने राजभक्ति के उपहारमें इस राज्य का तलसे ७७ फोट ऊंचे अवस्थित है। कर छोड़ दिया था। १८१५ ई० को राजाने 'महा- ोयेलिङ्गटन, वेलिङ्गटन देखो। राज' उपाधि पाया। फिर १८८२ ई०के समय ओयेलेस्लि -वेलेस लि देखो। राजपरिवारको 'खामों' का भी उपाधि मिला । ओर (हिं. स्त्रो०) दिक, तरफ। २ पंच, अलंग। महाराज १५ तोपोंको सलामो पाते हैं। युद्ध- (पु.) ३ अन्त, किनारा। विभागमें २०० सवार, ४४०० पैदल, ५० तोप और ओरंगोटंग (अं. पु०=Orangoutang ) वानर- १०० तोपची हैं। विशेष, एक बन्दर। इस शब्दका अर्थ जङ्गली आदमी २ बुंदेलखण्ड के ओरछा राज्य की प्राचीन राजधानी । या बनमानुस है। यह भारत-महासागरके बोरनियो| यह अक्षा० २५ २१ उ. तथा देशा० ७८° ४२ और सुमात्रा द्वीपमें रहता है। बोरनियोका ओरं- पू में वेतवा नदीके दोनों किनारे अवस्थित है। एक 'गोटंग जङ्गली दलदलोंमें पहाडोंके नीचे मिलता और पस्थरपर थोपा किला बना, जिसमें प्राचीन राजाके मनुष्यके भूमिपर चलने की तरह वृक्षोंको शाखौंपर रहनेका भवन खड़ा है। जहांमोरके निवासको उछलता फिरता है। फिर यह वृक्षोंपर शयनागार भी एक प्रासादभी बनाया गया था। किलेसे नगरतक बना लेता है। इसकी प्रायः छह जाति होती हैं।। नदीपर लकडीका पुल बंधा है।