पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/५८८

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कंजूस-कंडा कजस (हिं० वि०) कृपण, बखोल, कम खुर्च | कईक (० पु. = Contract ) नियम, पण, ठेका। करनेवाला। कंट्रैकर (4. पु०- -Contractor ) पपकर्ता, कंजूसी (हिं० स्त्री० ) कृपणता, बखोली, कम वर्च! ठेकेदार। करनेको हालत। कंठदबाव (हिं. पु०) गलेको दावसे किया जानेवाला कंटबांस (हिं. पु.) वंशविशेष, किसो किस्म का | कुश्तीका एक पेच। इसमें पहलवान दूसरेके गखेपर बांस। यह कण्टकाच्छन रहता है। भीतर ठोस । थपको देता और उसो ओरका पैर अपने दसरे होनेसे लोग इसका लठ बहुत पसन्द करते हैं। हाथसे उठा लेता है। फिर भीतरी पड़ानी टांग कटर (हिं. पु.) काचपात्र, कराबा, मौना। यह लगा वह उसे चित मारता है। शब्द अंगरेजी डिकाण्टर (Decanter) का अपभ्रंश है। कंठसा (हिं. पु.) पाभूषणविशेष, एक गहना। केटा. (हिं. पु.) काष्ठविशेष, एक लकड़ी। यह यह बच्चों को पहनाया जाता है। इसमें नजर-बह, पौन हाथ लंबा रहता है। इसमें एक पोर चपरेका बाघके नख और ताबीज़ सूतमें गुथे रहते हैं। टुकड़ा लगा देते हैं। कटेसे चड़ी बनानेवाले चड़ियां कंठहरिया (हिं० स्त्री. ) कण्डो, छोटा कण्ठहार। रंगा करते हैं। कंठा (हिं० पु.) १ कण्गत चिइविशेष, गलेका कंटाइन (हिं• स्त्री०) १ चुडैल, डाइन। २ दुष्टा एक निशान्। यह शकादि पचियोंके कण्ठको चारो स्त्री, बदमाश औरत। पोर पड़ जाता है। २ कण्ठभूषणविशेष, गलेका कटाप (हिं० पु. ) भारयुक्त अग्रभाग, भारी सिरा। एक गहना। इसमें सोने, मोती या रुद्राक्षके बड़े बड़े कंटाल (हिं) कटालु देखो। दाने रहते हैं। ३ पुष्पमाला, । हार । ४ कुरते कटिया (हिं० स्त्री०) १ क्षुद्र कोलक, छोटो कोल। या अंगरखेके गलेपर लगनेवाला जरी या सादी २ लोहे की पतली और टेटी अंगुसी। इससे मछली वेलका घुमावदार काम। ५ पत्थर या ईटका एक मारते हैं। ३ लोहे की टेढ़ी और पतली अंगुसियोंका हिस्सा। यह उपान और कारनिस के बीच पड़ता है। एक गुच्छा। इससे पूर्व में गिरी चीजको फांसकर कंठी (हिं. स्त्रो०) १ छोटे छोटे दानोंका कण्ठा। निकालते हैं। ४ अलारविशेष. एक गहना। यह २ तुलसी आदिको माला। इसकी गुरियां छोटी- शिरपर धारण की जाती है। छोटो होती हैं। कंटोला (हिं. वि.) कण्टकयुक्त, कांटेदार, जिसमें कंडरा (हिं. पु.) कन्दल, मूली और सरसों कांटे रहें। वगैरहका मोटा डंठल। इसमें पुष्प लगता है। यह कंटनमेंट (अं. पु० =Cantonment) सैन्यावास, साग पौर प्रचार में व्यवहत होता है। कितने ही छावनी, फौजके रहनको जगह। सेन्चावासके लोग कंडरा कच्चा हो खा जाते हैं। शासकको कैंटनमेंट मजिष्टर (Cantonment-magis- कंडा (हिं० पु.) १ गोबरका थापा हुआ लंबा trate) कहते हैं। टुकड़ा। यह आग जलाने में काम पाता है। छोटे कटेला (हिं. पु.) कदलीविशेष, किसी किस्मका और गोल कडेको उपरी कहते हैं। जो गोबर केला। इसके फल बृहत् और रुक्ष रहते हैं। कंटेला जंगलमें पड़े-पड़े सूख जाता, वह 'बिनुवा कडा भारतमें प्रायः सब जगह होता है। इसे कच-केला कहाता है। कडेको पाग बहुत अच्छी होती है। या कठकेला भी कहते हैं। कदलौ देखो। पहले हलवाई भट्ठी में कडा ही मुलगाते थे। कण्डेको कटोप (हिं. पु.) किसी किस्पको टोपी। इससे | पांचसे बना हुमा खाद्य प्रत्यन्त सुखाटु होता है। शिर और कर्ण आच्छादित रहते हैं। केटोप जाड़ेमें २ शुष्कमल, गोटा। ३ काण्ड, सरकंडा। यह पहना जाता है। ! चिक, कलम और मोढ़ा बनाने में लगता है।