पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/६५०

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कड़क-कड़बड़ा ६४९ कड़क (सं.ली.) कद्यते अयते, कड़-अच् संज्ञायां। कड़कनाल (हिं. स्त्री.) एक तोप। इसका मुंह कन्। १ कड़कच लवण, समुन्दरी नमक। इसका चौडा होता है। यह यत्र को भयभीत करनेके लिये संस्कृत पर्याय-सामुद्र, विकूट, अक्षीव, वशिर, सामु- दागो जाती है। कारण इसका शब्द अत्यन्त कठोर ट्रज,सागरज और उदधिसम्भव है । भावप्रकाश मतस और घोर डोना है। कड़क मधुर, विपाक, वैषत् तिक्त एवं मधुररसयुक्त, कड़कवांका (हिं. पु.) बलवान् नवयुवक, ताकत- गुरु, न अतिशय शीतल तथा न अतिशय उष्ण, वर नौजवान् जिमका गब्द सुनकर लोग कांपने अग्निदीपक, भेदक, क्षारयुक्त, अविदाही, कफकारक, लगते, उमो युवक को 'कड़ कबांका' कहते हैं। वायुनाशक, तीक्षण और अरुक्ष होता है। कड़कबिजली (हिं० बी०) १ स्त्रियों का एक अल- (हिं० स्त्री०) २ कठोर शब्द, कड़ी आवाज़। झार, औरतोंका एक गहना। यह कानोम पहनी ३ अपद, तड़प। ४ वज, बिजलो। ५ अखगति- जाती है। इसका दूसरा नाम 'चांदवाला है। कारण भेद, घोड़े की एक चाल । ६ रोगविशेष, एक बीमारी। यह चन्द्राकार बनती है। इसमें मूत्र रुक-रुक उतरता और इन्द्रियमें दाई कडका (हिं. पु०) कठोर शब्दविशेष, एक कड़ी उठने लगता है। ७ पटेबाजीका एक हाथ। इसे : आवाज। कड़ाकेका शब्द 'कड़का' कहाता है। खेलाडीके दक्षिण पदयर वाम ओर फटकारते हैं। कड़खा (हिं. पु.) गतिविशेष, एक नगमा। यह ८ कठोरता, कड़ापन। पोड़ाविशेष, कसक, दर्द। एक प्रकारका युद्धसङ्गीत है। इसमें वोरोंको प्रशंसा यह रुक-रुक कर हुआ करतो है। भरी रहती है। कड़खा सुन योद्धा उत्तेजित कड़कच (सं० लो०) सामुद्रलवण, समुन्दरी नमक। होते हैं। यह लवण सफेद और काला दाप्रकार होता है। कडखैत (हिं. पु.) १ कड़खा सुनानवाला, जो. बङ्गालके वीरभूम जिलेमें सिवा सफेदक काला नहीं कडखा गाता हो। २ चारण, बन्दी, भाट । मिलता। कालेको अपेक्षा सफेद कुछ कड़ा-जैसा कड़कर, डर देखो। लगता है। कड़कंच संन्धव लवपकी भांति विशुद्ध कडङ्ग (म० पु०) कई मादकताशतिं गमयति जन- रहता है। इससे स्मतिशास्त्र में विधवावोंके भोजनको यति, कड़-गम-ड। १ सुराविशेष, एक शराब। सैन्धव और सामुद्र दोनों लवण का विधान है। २ देशविशेष, एक मुल्क। कड़कड़ (हिं. पु०) कठोर शब्दविशेष, एक कड़ी कडकर (सं.पु०) कड़ात भक्षणीयशस्यादेः सका- आवाज। दो वस्तुवों के एक दूसरेसे टक्कर खाने या शात् नियत क्षियत, कड़-ए-खच्, कई भक्षणीय- परस्परके आघातसे टूट-फूट जानेके शब्दका नाम शस्थादिकं गिरति प्रात्मनः सकाशात्, कड़-ए-पच् 'कड़-कड़' है। वा। वुष, भूसो, पैरा। कड़कड़ाता (हिं. वि०) १. चटखता हुआ, जो कड़करीव ( वि.) कड़ङ्गर वुष अहति, कड़कर- कड़कड़ा रहा हो। २ प्रचण्ड, घोर, तेज, कड़ा। घन्। बुधभक्षक, भूसी खानवाला। कड़कड़ाना (हिं० क्रि०) १ कठोर शब्द निकालना, "नवारपाकादिकडरौटेरामश्वते जानपदे कथित् ।" ( रघु हार) बोलना, ज़ोर ज़ोरसे चिल्लाना। २ भङ्ग करना. तोड़ कड़न (सं० क्लो०) गड्यते सिच्यते जलादिकम्, डालना। ३ गर्म करना, ताना । गड़-मनन् गकारस्य ककारः। गड़ेरादिश्व कः। उण.६।१०६। कड़कड़ाहट (हिं. स्त्री०) कठोर शब्द, कड़ी आवाज़। पावविशेष, एक बरतन। कड़कना (हिं. क्रि.) १ तड़पना, कड़कड़ाना, कड़न्दिका (सं० स्त्रो०) विज्ञान, विद्या, इल्म, वाक- कड़ी पावाज निकालना।२ चटखना टटना-फटना। फियत, हिकमत। ३ घोर शब्दके साथ डांट बताना, जोर-जोर बोलना। कड़बड़ा (हिं० वि० ) १ कर्बुरित, कबरा। (पु.) • Vol. III. 163 गह-