पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/७२

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इमाद्-उल-मुल्क-इयत्ता विवाहादि उत्सवों पर बारी इमलोकी पत्तियोंते। किसी-किसीके सतमें जन्म लेनेपर भी इमाम सहदी बड़ी-बड़ो पत्तरें बना लोगोंको दिखाता है और पुर छिपे हुये हैं। वेही जगत्में इसलाम धर्म का प्रचार स्कार पाता है। करेंगे। कितने ही वर्ष पहिले मिथ में युद्ध होते समय इमाद-उल्-मुल्क- दविजापध इमाद-गाहोराजवंशक एका इमाम सहदो दोख पड़े थे। वे अपने को वारहवें स्थापषिता। विजयनगरवाले तो अबलम्यान घर इनास बतति थे। चारो ओरसे नसलमानोंने अफ्रीका इनका जन्म हवाया। बाल्यकाल महोबा पहुंच उन्हें साहाय्य दिया। धर्मयड में विधर्मियों को बार चाय थे। कुछ दिन बाद बरारको नापति और हराना और मुसलमान को बचानाही उजशा उद्देश्य था। शासनमा अजान वान्ने इन्हें अपने शरीररसोक्ष पद सुन्नी सम्प्रदायका मत स्वतन्त्र है। उसके कथ- पर नियुस किया था। अहमद शाः बहमालो के रानव जातुसार प्रत्ये। सजनमन्दिरसें रहनेवाले साक्षात् काजसें इन्हनि इमाद-उल-जुको उपाधि धोर बरार बुरशी इमासहजा सकते हैं। वह चार इमाम बनानाबमका पर पाया था। अपने परिपोषज्ञ वाजता है,-हतोक, मालिश, शफो और हनवल । खाजा महमूदक मनपर ये बगरले शासनकाती इमानदस्ता (हिं० पु०) उलखल-अमल, खरज और बने। अब सुचनान् महमूद बहमानो बशी त्वाब खुदका। यह लोहे, पत्थर या पोतलका बनता है हये, तब यह मन्चोक पदपर बेठे थे। किन्तु अप- और मसाला तथा दवा कूट के काम में आता है। रापर मात्यके वैभव देख न सवाजेसे इन्होंने सन्निपद इमामबाड़ा (हिं. पु.) १ ताज़िया रखने और छोड दिया। पोछे ये खतन्त्र नवाब हो गये। गाड़जेको जगह। यहां मुसलमान् शवपर भेंट एलिचपुर इन्होंने अपनी राजधानी बनाई थी। १५१३ | चढ़ाते हैं। २ मुहरम त्योहार सम्पन्न करनेका भवन । ई०को गनको मृत्य हुयो। वादमें इनके ज्येष्ठ पुत्रको इमामबाड़े में हरम के समय अलो ओर तत्पुत्र इसन सिंहासनका उत्तराधिकार मिला था। तथा हुसेनके स्मरणार्य उपासना की जाती है। इमाम (अ० पु०) प्रधान याजक, स्तुतिपाठ करने- इमारत (अ॰ स्त्रो०) १ अमोरके राज्य का जिला । वाला। मुसलमानोंका शोया सम्पदाय, मुहम्मदके २ शासन, हुकूमत। ३ वैभव, रुतबा। ४ चमत्कार, जामाता अलोको और उनके परा-पर वंशधरों को इसी | रौनक । ५ विशाल भवन, आलीशान मकान्। नामसे पुकारते पाया है। सब मिलाकर १२ इमाम इमि (हिं०-क्रि-वि०) एवम्, इसतरह, ऐसे।। हुये हैं,- इम्तहान (अ.पु.) १विचार, परख। २ परीक्षा, इमाम जांच, पूछताछ। हसन इम्ला (अ० पु.) लेखनप्रणाली, हिज्जे । हुसेन इयक्षु (वै० त्रि०) यज-उ वेदे निपातनात् सम्प्रसा- जैन-उल्-प्राविदोन् रणम् । यज्ञ करनेको इच्छा रखनेवाला। (ऋक् १०४१) मुहम्मद बाकिर इयत् (वै० त्रि.) इद परिमाणमस्य, वतुप घादेशश्च । जाफर सादिक किमिदम्यां वो घः। पा ५।२।४०। एतावत्. इसकदर, मूसा काजिम इतनासा। मुहम्मद तकी इयत्तक (वै० त्रि.) इयत्ता इति कुत्सितार्थे कन् अली नको हखश्च । निन्दित इयत्ता, अल्प-प्रमाण, बहुत छोटा। हुसेन अस्करी 'इयत्तकः कुत्सितेयत्त: पल्पप्रमाणः।' (सायण) महदी . इयत्ता (सं० स्त्री०) इयतो भावः इति तत् । एतावत्व, पली मूसा रजा इसना परिमाण, मुकरर मिकदार, अान्दाज़। अलो • 1 6FCAN