पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/७३

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७२ इयम्-इराक्षौर इयम् (दै० त्रि०) कर्तरि असुन् किञ्च। १ गन्ता, , लगे हैं। गोले भागमें दलदल बहुत है। वहां हबशी चलनवाला। (ली. ) भावे असुन् । २ गमन, चाल। रहते हैं यहांक राजाओंके किले मिट्टोके होते हैं। जो इर (संपु०) इरक। 'उर्वरा भूमि, उपजाऊ चावल बोते और चटायो बुनते हैं। शतुल-हायोके लोग जमीन्। बड़े उपद्रवी हैं। यहां यात्री प्रायः लुट जाते हैं। इरंमद (वै० पु०) इरया जलेन मद्यते, इरा-मद उत्तरसे शमार आकर ओर भी अधिक उपद्रव उप- खच् निपातनात् इस्वः। उग्रष्यन्ये त्यादि । पा ३।२।३।। स्थित किया करते हैं। किन्तु तुक-सरकार अब १ वच्चानल, बिजलीको भाग। २ बड़वानल । धीरे-धीरे तिगरिस पर अपना प्रभाब बढ़ा रही है। इरज्य (वै० पु०) पृथिवोका ईश्वर। 'इरज्यो भुवनाना यफ्रेतसको बाढ़ रुकने और दलदल सूखनेका प्रबन्ध मीश्वरः। (सायण) भी हुवा है। यहांके अधिवासी अधिकतर शोया हैं। इरण (सं० लो०) इरण ईरिण, ऋ-अण पृषोदरा इनकी बुद्धि तीक्ष्ण होती है। गर्मी में यहांक अमीर दित्वात्। ऊषर भूमि, रेगस्तान, जिस जमीनपर लोग हिन्दुस्थानी पला व्यवहार करते हैं। कुछ न उगे। बग़दाद और बसरा दोनो स्थान इराकमें ही हैं। इरशाल (अ.पु.).१ प्रशासन, हिदायत । २ आदेश, यहांसे खजर, अनाज, चावल और ऊन बाहर भेजा हुक्म । ३ इच्छा, मरजी। जाता है। बाहरसे पानेवाले मालमें कपड़ा, मट्टीका इरसाल (अ० पु०) १ वाचिक पत्र, जरूरी चिट्ठी। तेल और पत्थरका कोयला प्रधान है। तिगरिसमें २ मासिक राजस्व, माहवार आमदनी। छोटा अफसर व्यापारी जहाज़ चलते हैं। यतिसमें यात्रियों को बड़े अफसरके पास प्रत्येक मास इरसाल पहुंचाता है। नौका रस्मीसे आदमी खींचते हैं। यहां पक्की इरसी (हिं० स्त्री०) चक्रध्र व, पहियेका महवर। सड़क नहीं हैं। इसलिये बाढ़ पा जाने और दल- परा (सं. स्त्री०) इ-इन् गुणभावश्च निपातनात् दल रहनेसे ऊंटपर लादकर माल भेजने में असुविधा अथवा इ कामं राति, इ-रा-क-टाए। १ भूमि, | होती है। ज़मौन्। २ रात्रि, रात। ३ जल, पानी। ४ पब, ई०के वे शताब्दमें ईराकको अधिक श्रीवृद्धि हुयी अनाज। ५ मुरा, शराब। ६ वाक्य, बात। ७ सर थी। अब्बासी खलीफोकी अधीनतामें यहां कृषिकार्य स्वती। ८ कश्यपको को। इरादेवी वृक्षलता, वली बड़े जोर शोरसे चला था। किन्तु उनका अधिकार और समस्त जातिको पैदा करती है। मानन्द, उठजानसे फिर यह देश पूर्ववत् वन्य हो गया। अब खु.शी। अंगरजींने बगदाद जीत लिया है। अंगरेजी होनेसे फिर इराक-१ पारस्वस्थ प्रदेश-विशेष, ईरान्का एक भाग। यहां धनधान्य बढ़ने की आशा होती है। इराकमें बाबि- यह खुरासान्से पूर्व अवस्थित है। इराक उत्तर लन, सिल्य किया, तेसिफीन प्रभृति प्राचीन नगरौंका पश्चिमसे दक्षिण-पूर्व ६०० मोल लम्बा और उत्तर- सावशेष पड़ा है। ३ सिन्धुप्रदेशको एक नदी। यह पूर्व से दक्षिण-पश्चिम ३०० मील चौड़ा है। मुसलमान् अक्षा० २५° २० उ० तथा ट्राधि० ६७° ४५ पू० नवाबोंके समय इरावी भारतवर्ष पा सैनिक कार्य पर इटुल पर्वतके नीचेसे निकलती है और दक्षिणपूर्व करते थे। २ एशियायो तुर्व स्थानका एक प्रदेश।। ४० मौल बहकर कन्नड़ झोलमें जा गिरती है। यहांके लोग अरबी बोलते हैं। यह देश-दो भागों में | इराकी (प.नि.) इराक देशीय, इराक मुल्कके विभक्त है,-सूखा और गोला। सूखेका जलवायु | मुतालिक। . अच्छा और गोलेका रूराब है। किन्तु गोले भागमें इराक्षौर (सं० पु०) इरा जलं क्षीरमिव यस्य, अधिकार्य अधिक होता है। यहां तिगरिस और र फ्रेतस बहुव्री० । क्षीरसमुद्र। इस समुद्रके जलमें दूधका दो नदी बहती हैं। उनके किनारे-किनारे खजूर के पेड़ स्वाद है।