पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/७२८

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एतव्यतीत गान्धार राज्यमें एक पति हात् देवा- "पविय' विवकुमका बनिः सवपितः।" (मारव १७११११) सय, पोर कई सहाराम भो कनिम्चने बनवाये। कनिष्ठक (सं• को०) कनिहमिव कायति प्रकाशने, फाहियान प्रमति चौनके प्राचीन परिव्राजक उस कनिष्ठ-कै-क। १शुक्रवय, सूकही घास। (वि.) देवश और सकाराम देख गये हैं। २ पति पल्प, निहायत कम, सबसे छोटा। कनिष्फके मरने पर सत्यों ने काश्मोर अधिकार कनिष्ठता (स. स्त्रो०) १ प्रति युवावस्खा, निहायत किया था। | कमसिनो, छोटाई। २ पलता, कमा। आज भी स्थिर कर न सके-कनिष्क किस समय कनिष्ठपद (सं• को.) १ वीजगणितोल ज्वेहापेक्षा विद्यमान रहे। इस सम्बन्धमें अनेक लोग अनेक अल्प संख्या-मुख पदका वर्गमूत। कनिष्ठपदका वर्ग बातें कह चुके है। चीन-परिव्राजक सुनयनके मतमें | निर्धारित गुषकसे गुणित हान पौर निर्धारित संयो- बुरनिर्वाणसे ३०० वर्ष पोछे कनिष्क विद्यमान थे। जक मिलाया या निर्धारित शोधक घटाया जानेपर हिउएन मियाङ्ग कहते-बुद्धनिर्वाणसे ४०० वर्ष पौछ। निषित वर्गमूल प्रदान कर सकता है। २षत्वल कनिष्क गान्धारके राजा बने। किन्तु पञ्जाब प्रान्तीय | वा प्रथम मूल, निहायत छोटो या पहखो बड़। रावलपिण्डी जिलेके अन्तर्गत माणिक्यास नामक एक कनिष्ठमूल, कनिष्ठपद देखो। ग्राममें कनिष्कको रोमक-मुद्रा मिली है। यह मुद्रा कनिष्ठा (सं• स्त्रो०) कनिष्ठ-टाए । १ दुबैख अखि, ई से ३३ वर्ष पहलकी है। पाश्चात्य पुरातत्त्वविदोंके छिगुनी, सबसे छाटो उंगलो। २ नायिका विशेष । 'मतसे यह युइचि (Yuei-chi )के राजा रहे। शिखा. जो परिणोता नायिका स्वामीका पल खेह पाती, लिपिमें इन्हें 'कनिष्क कुषाण' वा गुषाण-वंशीय कनिष्क वहौ कनिष्ठा कहाती है। यह तोन प्रकारको होतो लिखा गया है। है-धौरा, अधौरा और धौराधोरा। ___ मोक्षमूलरके मतसे कनिष्क शकराजा थे। इन्हीके धौरा कनिष्ठा- समय शकाब्द प्रचलित हुआ। " प्यारो देखो कहा बहो मारो दोष । कनिष्कपुर-बाहराज कनिष्क-प्रतिष्ठित काश्मीरका एक जासों इतनो कर रही इमपर विरचा रोष। नगर। ( राजवरशियो १।१६८) . कौन मावि परितोष हो हमको देह पताय । - इस नगरका वर्तमान नाम कामपुर है। यह नहीं चिह्न रविको बोई धान बोच देखाय । क्रोध कियो पनत्रानवे नहीं बियो उपरोध । श्रीनगरसे ५ कोस दक्षिण पौरपचाल गिरिक पथपर चुगलनको नहिं कामकर राखा हिरद बाध । अवस्थित है। पाजकल कनिष्कपुर एक सामान्य अधोरा कनिष्ठा- ग्राम गिना जाता है। यहां एक सराय बनी है। विना दोषसों गालियां देवी को मुंह फार। कनिष्ठ (सं.वि.) अतिशयेन युवा पल्पो वा, युवन् माथे मोरे बदको तमो वोमो डार । अल्यो वा-इष्ठन् कनादेशच। युवासवोः बनवतरस्याम्। पा बाको मुख देखावई खात्र बरमके पात्र । पाश६४।१ प्रतियुवा, मिहायत कमसिन, बहुत काही करो तुम नहोंगाको राखी पात्र । छोटा। २ पल्प, कम। ३ सछु, छोटा। ४ पचात् खामोको गाली नहीं देवों विद्या प्रबोन । जात, पोछे पैदा हुपा। ५ वयसमें छोटा, उनमें बौन देशको रीति यह योग गुरु सिख दोन। कम। (पु.)। अनुज, छोटा भाई। इसका संस्कृत विषय मानिदे प्रिये वषिये शोध पार । बौं वो कहिय शेष दूंचपनो सब घरवार । पर्याय यवीयान, अनुज, प्रवरज, जघन्यज, कमोयान, बन्धस और यविष्ट है। .महादेव। बीराधोरा कनिहा- निमहामक मवमै वर्तमान पेशावर नबरसे । मौष दधिर एक बातमै रोवलोम परिमोष। -यदिम इस प्राचीन देवखवासावशेष पड़ा। सममा गुड महिंचावदोषपनी गुम या दोष।