दूसलाम खलीफा वंशके प्रथम शताब्दका इतिहास पढ़नेसे | यफेटिस तोरवर्ती किडयग नगरोसे उठाकर दमास्कास" नगरी में अपनी राजधानी स्थापित की। उसके राजत्व- यह बात जानी जाती है, कि मुसलमान सम्प्रदाय ने शृङ्गलाबद्ध विजयाभिमान हारा अपने साम्राज्यको कालमें मुसलमान-सेनापति उकबा-बिन-नफोरके समृहिरूपी भूषणसे अलङ्कत किया था। अबूबकरके उद्योगसे ६७५ ई० में करवान नगरको स्थापना हुई। राजत्वकालमें वीरवर स्वालिदने समग्र सिरिया और इसके बाद उकबा ताञ्जियारसे लेकर अतलान्तिक मिसोपोटमिया राज्यको तथा जमरके प्रधान महासागरके तौर पर्यन्त मुसलमान साम्राज्यको सेनापति अमरूबिन-लैसने समग्र मिश्र राज्यको अरब प्रभुता फैल गई। यहांसे जब इन्होंने समुद्रपारकर साम्राज्यके अधीन कर दिया था। इसके बाद | स्पेन राज्यमें जानेका उद्योग किया, तब इनको यहां उन्होंने १४ महीने तक अवरुद्ध होकर अलेकजेन्द्रिया मृत्यु हो गई। इसलिये किसो प्रधान न होनसे और मेंफिसका जय तथा फोस्तात (प्राचीन कायारो)। मुसलमानोंको शक्ति छिन्न भिन्न हो गई और मुद्र नगरका स्थापन किया था। अफ्रीकाके पश्चिम भूभागमें मुसलमानों द्वारा विध्वस्त मिश्रराज्य विजय करनेके बाद ही मुसलमान समस्त राज्य फिर स्वतन्त्र हो गये। सेनादलने भमध्यसागरके तौर साहरणिका प्रभृति ____ इसके बाद फिर ६८८ ई० में जिब्राल्तार-प्रणाली क्षुद्र क्षुद्र राज्य अपने वश कर लिये। इसी समय पर्यन्त समग्र उत्तर अफ्रोका अरबजातिके हस्तगत हो अफीकाके हबशी लोगोंके साथ अरब देशोय मरुपुत्र गया। खलीफा प्रथम वालिद के राज्यकालम (७०५-- लोगोंको मित्रता स्थापित हुई और इससे मुसलमान | ७१५ ई० ) अरबके साम्राज्यको खूब हो विस्तति सम्प्रदायको शक्ति और भी दृढ़ हो गई। हुई। इसी समय स्पनराज रेडाविक-किउटारने सैयद बिन आवि बख्शने ६३५ ई०के समय कादे शासनकर्ता जुलियानासको कन्याको विशेषरूपसे सियाके युद्दमें । ६३७ ई०के समय जल ला रणक्षेत्रमें, लाञ्छित और अपमानित किया, इसलिये जुलिया- और ६४२ ई०के समय हालेवन और नेहवन्दके रण नास उनसे विरुद्ध हो गया। उसने अफ्रीकाके तात्- प्राङ्गणमें एकके बाद एक पारसिक सेनाको परास्त कालिक प्रतिनिधि मूसाबिन नौशेरको स्पनराजक किया और पारस्य सिंहासनपर मुसलमान अधोखर विरुद्ध उभाड दिया। तदनुसार अरब-सेनापति तारीख की स्थापना की। उस्मानके राजत्वकालमें ६४२ ई०के बिन-जियाद समुद्रको पारकर स्पनराज्यमें पदार्पगा समय साइप्रासदीप लुण्ठित हुआ था। इसके बाद किया, उनके नामानुसार तबसे उस स्थानका नाम अबदुन्ना बिन-उमर खू रासानने अपने अधिकार को 'जेब्रे ल तारीख' ( तारीख पर्यन्त) पड़ा। एवं क्रमसे विस्तृति वाल्हिकराज्य पर्यन्त कर मुसलमान साम्राज्य | अपभ्रंश होते होते ही वह अब जिब्रालतार का पत्तन किया। (Gibraltar ) अन्तरीय कहलाने लगा है। अली-बिन-पाबी-तालेवरके राज्यकालमें एहविवाद । तारीख-बिन-जियादने स्पेनराज्यमें पहुंच कर होनेसे राष्ट्रविप्लव खड़ा हो गया। उन्होंने उस विप्लवके ७११ ई०को १८ वीं जुलाइको जेरेज डिला फ्रेण्टे रके शान्त होनेकौ चेष्टा की, तो भी वे पबटुर-रहमान युद्धमें स्पेनराज रेडाविकको पराजित किया और स्वयं बिन मुलजिम नामक प्रबल विद्रोहीके हाथ मार | वहांके राजा बने। इसके थोड़े ही दिन बाद पादा- डाले गये। बस ! इन्होंके राजत्वकी समाप्ति होते | लसिया, प्राणाडा और मासिया प्रभृति स्थानों में भी हो महम्मदी खलीफा-वंशके शासन को भी समाप्ति उन्होंने मुसलमान शक्तिका प्रभाव विस्तृत कर दिया। हो गई। फिर उनका सिंहासन उमैयदगणने मुशो- | इस तरफ पूर्वाञ्चलमें खुरासानपति कोतिवा विन्- मित किया। . मुसलिम मवराल-नहरने वोखारा तुर्कस्थान और ___इसी उमैयद वंशके प्रथम खलीफा. मुयावियाने । खारिजम् राज्यपर अपना अधिकार कर लिया एवं
पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/८९
दिखावट