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का प्रयोग नहीं होता, क्योकि उसके साथ "होता" शब्द की निरर्थक द्विरुक्ति होती है।

३८९—तीसरे वर्ग के छओं कर्तृवाच्य काल भूतकालिक कृदंत के साथ "होना" सहायक क्रिया के पूर्वोक्त पाँचों कालो के रूप जोड़ने से बनते हैं। इन कालों में "बेलना" वर्ग की क्रियाओं को छोड़कर शेष सकर्मक क्रियाएँ कर्मणिप्रयाग वा भावे-प्रयोग मे आती हैं। (अं॰—३६६, ३६७, ३६८) यहाॅ केवल कर्त्तरिप्रयोग के उदाहरण दिये जाते हैं—

(१) सामान्य भूतकाल भूतकालिक कृदंत में कर्त्ता के पुरुष-लिंग-वचनानुसार रूपांतर करने से बनता है। इसके साथ सहकारी क्रिया नहीं आती, जैसे, मैं आया, हम आये, वह बोला, वे बोलीं।

(२) आसन्न-भूत बनाने के लिए भूतकालिक कृदंत के साथ सहकारी क्रिया के सामान्य वर्त्तमान के रूप जोड़ते हैं, जैसे, मैं बोला हूँ, वह बोला है, तू आया है, वे आई हैं।

(३) पूर्णभूतकाल भूतकालिक कृदंत के साथ सहकारी क्रिया के सामान्य भूतकाल के रूप जोड़कर बनाया जाता है, जैसे, मैं आया था, वह आई थी, तुम बेली थीं, हम बोली थीं।

(४) भूतकालिक कृदंत के साथ सहकारी क्रिया के संभाव्य भविष्यत् काल के रूप जोड़ने से संभाव्य भूतकाल बनती हैं, जैसे, मैं बोला होऊँ, तू बोला हो, वह आई हो, हम आई हों।

(५) भूतकालिक कृदंत के साथ सहकारी क्रिया के सामान्य भविष्यत्-काल के रूप जोड़ने से सदिग्ध भूतकात बनता है; जैसे, मैं आया होऊँगा, वह आया होगा, वे आई होंगी।

(६) पूर्ण संकेतार्थ काल बनाने के लिए भूतकालिक कृदंत के साथ सामान्य संकेतार्थ काल के रूप लगाये जाते हैं, जैसे, "जो