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दमयंती को—रूढ व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिग, एकवचन, सप्रत्यय कर्म-कारक, 'बुलाकर पूर्वकालिक कृदंत से अधिकृत।

बेटा-बेटी—द्वद्व-समास, जातिवाचक संज्ञा, पुँल्लिंग, बहुवचन, अविकृत रूप, 'समेत' सबंधसूचक अव्यय से सबंध। (अं॰—२३२—ख)।

समेत—यौगिक संबधसूचक अव्यय, 'बेटा-बेटी' संज्ञा के अविकृतरूप के आगे आकर 'बुलाकर' पूर्वकालिक कृदंत से उसका संबंध मिलाता है।

पास—रूढ क्रियाविशेषण अव्यय, स्थान-वाचक, 'बुलाकर' पूर्वकालिक कृदत की विशेषता बतलाता है।

बुलाकर—यौगिक सकर्मक पूर्वकालिक कृदत, कर्तृवाच्य, 'दमयंती को' कर्म पर अधिकार, मुख्य क्रिया 'रहे' की विशेषता बताता है।

बहुत—रूढ विशेषण, परिमाण-वाचक, विशेष्य 'काल,' पुल्लिग, एक-वचन।

काल—रूढ संज्ञा, जातिवाचक, पुँल्लिग, एकवचन, अविकृतरूप, "तक" संबंधसूचक अव्यय से सबंध।

तक—रूढ संबंधसूचक अव्यय, 'काल' संज्ञा के (अविकृत रूप के) आगे आकर 'रहे' क्रिया से उसका संबंध मिलाता है।

[सू॰—"काल तक" की व्याख्या एक-साथ भी हो सकती है। तब इसे क्रिया-विशेषण वाक्याश अथवा (किसी-किसी के मतानुसार) अवधिवाचक अधिकरण-कारक कह सकते है।]

सुख-चैन से—द्वद्व-समास, भाववाचक संज्ञा, पुँल्लिंग, एकवचन, करण-कारक, साहित्यार्थ, 'रहे' क्रिया से संबध।