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वि॰ (विक्रमी)—यौगिक विशेषण, गुणवाचक, विशेष्य 'संवत्', पुँल्लिंग, एकवचन।

(४) किसी की निदा न करनी चाहिये

करनी चाहिये—संयुक्त क्रिया, कर्त्तव्यबोधक, सकर्मक, कृर्तृवाच्य, निश्चयार्थ, संभाव्य भविष्यत्-काल, (अर्थ सामान्य वर्त्तमान), अन्यपुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, कर्त्ता 'मनुष्य को' (लुप्त), कर्म निदा, कर्मणिप्रयोग।

(५) उस समय एक बड़ी भयानक ऑधी आई।

उस—सार्वनामिक निश्चयवाचक विशेषण, विशेष्य समय, पुँल्लिग, एकवचन, विशेष्य विकृत कारक में होने के कारण विशेषण का विकृत रूप।

समय—अधिकरण कारक, विभक्ति लुप्त है (अं॰—५५५)।

बड़ी—परिमाणवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य 'भयानक' विशेषण। मूल मे आकारात विशेषण होने के कारण विकृत रूप। (स्त्रीलिंग)।

(६) यह लडका गानेवाला है।

(क) गानेवाला—यौगिक कर्तृवाचक कृदंत, सकर्मक, संज्ञा, जातिवचिक, कर्त्ता-कारक, 'लडका' संज्ञा का समानाधिकरण, 'है' क्रिया की पूर्त्ति।

(ख) गानेवाला—भविष्यत्काल-वाचक सकर्मक कृदंत, विशेषण, विशेष्य 'लड़का', विधेय-विशेषण, पुँल्लिंग, एकवचन। यह पदपरिचय अर्धांतर में है।

(७) रानी ने सहेलियों को बुलाया

बुलाया—कर्तृवाच्य, भावेप्रयोग।

(८) दुर्गध के मारे यहाँ कैसे बैठा जायगा