मारे—यौगिक संबंधसूचक अव्यय, ‘दुर्गध' संज्ञा के संबंध-कारक के साथ आकर उसका संबंध 'बैठा जायगा' क्रिया से मिलता है। (यह शब्द 'मारा' भूतकालिक कृदंत का विकृत रूप है।)
बैठा जायगा—अकर्मक क्रिया, भाववाच्य, निश्चयार्थ, सामान्य भविष्यत्-काल, अन्यपुरुष, पुँल्लिंग, एकवचन, इसका उद्देश्य (बैठना) क्रिया के अर्थ में सम्मिलित है, भावेप्रयोग।
(९) गणित सीखा हुआ आदमी व्यापार में सफल होता है।
गणित—अप्रत्यय कर्मकारक, 'सीखा हुआ' सकर्मक भूतकालिक कृदंत विशेषण का कर्म।
सीखा हुआ—इसका प्रयोग यहाँ कर्तृवाचक है, 'विशेष्य' 'आदमी'।
आदमी—यौगिक संज्ञा।
(१०) कहनेवाले को क्या कहे कोई।
क्या—प्रश्नवाचक सर्वनाम, 'नाम' लुप्त संज्ञा की ओर संकेत करता है, अन्यपुरुष, पुॅल्लिंग, एकवचन, कर्म-कारक, 'कहे' द्विकर्मक क्रिया की कर्म-पूर्त्ति।
कहे—क्रिया द्विकर्मक, कर्तृवाच्य, संभावनार्थ, संभाव्य भविष्यत्-काल, अन्यपुरुष, उभयलिग, एकवचन, कर्त्ता 'कोई' से अन्वित, मुख्यकर्म 'कहनेवाले को' और कर्म-पूर्त्ति 'क्या' पर अधिकार कर्त्तरिप्रयोग।
(११) गाड़ी मे माल लादा जा रहा है।
माल—कर्त्ता-कारक, 'लादा जाता है' क्रिया का कर्म; उद्देश्य होकर आया है।