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(ग) जिससे उन्हें कोई नहीं मार सकता। [क्रिया-विशेषण-उपवाक्य (ख) का परिणाम]।
वाक्य | प्रकार | साधारण उद्देश्य | उद्देश्य-वर्द्धक | साधारण विधेय | कर्म | पूर्त्ति | विधेय-विस्तारक | सं॰ श॰ |
(क) | मुख्य उपवाक्य (ख) का | शत्रु | … | नहीं मारे जा सकते | … | … | इसलिए | … |
(ख) | क्रिया-विशेषण-उपवाक्य, (क) का कारण | उन्होंने | … | किया है | वर ही ऐसा | प्राप्त | … | कि |
(ग) | क्रिया-विशेषण-उपवाक्य, (ख) का परिणाम | कोई | … | नहीं मार सकता | उन्हें | … | … | जिससे |
(९) समाज को एक सूत्र में बद्ध करने के लिए न्याय यह है कि सबको अपना काम करने के लिए स्वतंत्रता मिले, ताकि किसी को शिकायत करने का मौका न रहे। (मिश्र वाक्य)
(क) समाज को एक सूत्र में बद्ध करने के लिए न्याय यह है। (मुख्य उपवाक्य)
(ख) कि सबको अपना काम करने के लिए स्वतंत्रता मिले। [संज्ञा-उपवाक्य (क) का; 'यह' सर्वनाम की समानाधिकरण]।
(ग) ताकि किसी को शिकायत करने का मौका न रहे। [क्रिया-विशेषण-उपवाक्य (ख) का कार्य]।