पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/१४७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

गतिला. १२२४ गदचाम . की क्रिया। उ०—तुम्हारा करता है गतिरोध पिता का कोई सर (शब्द०)। (ख) बाजार चार न बनइ बरनत वस्तु -: पूत प्रबोध !-अपरा, पृ० १३८ । बिनु गथ पाइये। तुलसी (शब्द०)। २. माल । उ-मेरे . गतिला-संचालो. [सं०] १. समान वस्तुओं की परंपरा या सरणि। इन नयनन इते करे। मोहन बदन चकोर चंद्र ज्यों इकटक ते सिलसिला। तांता । २. एक नदी का नाम । ३, वेत्र लता [को०]। न टरे ।....रही तडी बिजि लाज लकुट लै एकह डर न डरे । गतिवद्धक-संज्ञा पुं० [सं० गति+वर्द्ध क] गति बढ़ानेवाला। सूरदास गय खोटो काहे पारखि दोप धरे ।-सूर (शब्द॰) । .. गतिवान-संशा पुं० [सं० गति+हिं० वान] वेगयुक्त । गतिवाला। ३. झुंड । गरोह । क्रियाशील । उ०-तात्या ने तुरंत अपनी छावनी के दो भाग गयना -क्रि० स० [सं० ग्रन्यन] एक को दूसरे से मिलाना। एक "..' करके उसको गतिवान किया और उसे एक ओर हटा लिया में एक जोड़ना । आपस में गूयना । उ०-~रय ते रथ गाय गया। झांसी०, पृ०। मार भचावहिं । भट ते भट फिर तनहिं नचावहिं ।-गोपाल गतिविज्ञान--संज्ञा पुं० [सं०] दे० 'गतिविद्या'। (शब्द०)। गतिविद्या-संथा खो० [सं०] गरिणत और विज्ञान का वह विभाग गथना -क्रि० स० [सं० गाया] बातें बना बनाकर कहना। . जिसमें द्रव्य की क्षमता या गति संबंधी सिद्धांत निर्धारित किए गढ़ गड़कर कहना । 'जाते हैं।.. गद-संवा पु० [सं०] १. रोग। २. विप। श्रीकृष्णचंद्र का छोटा , गतिविधि संज्ञा स्त्री० [सं० गति+विधि] चेष्टा। उद्यम । चालढाल। भाई। यह भगवान् का भवत था। उ०-सात्यकि दानपती - कार्य । उ०-सौराष्ट्र की गतिविधि देखने के लिये एक रण कृतवर्मा । गद उल्मुक निसठहु धृत वर्मा।-रघुराज (शब्द०)। दक्ष सेनापति की अावश्यकता है। स्कंद०, पृ० १३ । यौर-गदाग्नज = कृष्ण । गदबंधु-कृष्ण । उ०-चल्यो द्रपद .. गतिशास्त्र-संचा पुं० [सं०] दे० 'गतिविद्या' । २०-भारतीय भूगोल नृप विसद घोर मदमत्त वीर वर । सँग पदचर ह्य दुरद हिये तथा ग्रहमंडल सबंधी गतिशास्त्र से भी परिचित थे। गदवंधु बैर धर।-गोपाल (पाब्द०)। .:-पू०म० भा०, पृ० २८१ ॥ ४. रामचंद्र जी की सेना का सेनापति एक वानर । उ०--संग गतिशील---वि० [सं०] गतिवाला [को०] । नील नल कुमुद गद जामवंत जुवराजु । चले राम पद नाइ गतिहीन-वि० [मं०] १. स्थिर । ठहरा हुआ । २. असहाय । परि सिर सगुन सुमंगल साजु ।—तुलसी (शब्द०)। ५. एक .. त्यक्त [को०] :: :: . मसुर का नाम । ६. गर्जन । गड़गड़ाहट । मेघध्वनि (को०] । गत्ता-संपुं० देश] कागज के कई परतों को साटकर वनाई हुई गद-संज्ञा पुं० [अनु०] १. वह शब्द जो किसी गुलगुली वस्तु पर ..दफ्ती जो प्रायः जिल्द आदि बांधने के काम माती है। कुट। गुलगुली वस्तु का आघात लगने से होता है। जैसे,--पीठ पर गत्तालखाता-संवा पुं० [सं० गतं, प्रा० गत्त+हि०.खाता] बट्टा ... खाता। गई बीती रकम का लेखा। यो०- गदागद-एक के ऊपर एक । लगातार (आघात) । मुहा०पातालखाते में जाना हजम हो जाना। हड़प हो जाना। २. स्थूलता। मोटापन । .. जैसे हमने जो १०३०. पेशगी दिए, वह सब गत्तालखाते में गदका-संचा पुं० [हिं० गतका] १.दे० 'गतका' । २. बच्चों के • गए । गत्तालखाते लिखना हजम हुअा समझना। गया डूबा हाथ पैर और कमर में पहनाया जानेवाला काला डोरा । समझनान गदकारा-वि० पुं० [अनु० गद-+-कारा (प्रत्य॰)] [वि० श्री. गत्या स्त्री० [सं० ग्रन्य] दे० 'ग' । गदकारी ] मुलायम और दवाने से दब जानेवाला । गुलगुला। गत्य'-संशा पुं० [सं० ग्रन्य, प्रा० गत्य] १. पूजी। जमा । गांठ गुदगुदा। उ०-गोरी गदकारी पर, हंसत कपोलन गाड़। ' का धन । उ०--चिंता न कह अचिंत रहु देनहार समरत्य । पसू कैसी लसति गैयारि यह, सुनकिरवा की पाड़ ।-बिहारी

पसेरू जंतु जिव, तिनकी गांठ न गत्य ।कबीर (शब्द०)। (शब्द०)।

२. गरोह । समूह । झंड। उ०—फटकारि खेलहिं हत्य मैं गदगद -वि० [सं० गद्गद ] दे० 'गद्गद'। उ०---इफि ग्रामू - 'हय हाकियो प्ररि गत्य मैं ।-सूदन (शब्द०)। गदगद गिरा आँखिन कछु न लखात ।-शकुंतला, पृ०७०। गत्वर-वि० [सं०] [वि० सी० गत्वरी] १. जानेवाला । गमनशील । (ख) कबहू के हँसि उठय नृत्य करि रोवन लागय । कवह १. क्षणिक- नाशवान् । गदगद कं० शब्द निकत नहि पागय ।-सुंदर ग्रं०, भा० १, गवरा-संज्ञा स्त्री० [सं०] प्राचीन काल की एक प्रकार को नाव जो पृ०२६ । ८० हाय लंबी, १० हाथ चौड़ी और ८ हाथ ऊँची. होती थी गदगदा ---मंशपु० दिश०] रत्ती का पौधा । मौर समुद्रों में चलती थी। गदगोल -संशा पुं० [ स० गएड (=एक अनिष्ट योग)+गोल] गय -संशा पुं० [सं० ग्रन्थ, प्रा० गत्य] १. पूजी। जमा । गांठ का गोलमाल । उपद्रव । उ०-गजसा मांहि गदगोल बहु माज्या धन। उ०-(क) अति मलीन बृपभानुकुमारी। हरि श्रम तामसा माहि ग्रंवार भाई।-राम० धर्म०, पृ० ३८३ । ...जिस अंतर तनु भीजे ता लालच न धुवावति सारी। अधोमुख गदचाम-पंज्ञा पुं० [सं० गवचन] हाथी का एक रोग जिसमें उनकी - रति उरध नहिं चितवति ज्यों गच हारे पकित पुपारी 1- पीठ पर पाय हो जाता है।. ..