पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/१९९

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१२७६ गाला' ... भाई । वचन कहहि मब गाल फुलाई।-तुलसी (शब्द०)। तन जाली, यहु मन गाली, करवत सीस चढ़ाऊ २ राम |-- (२) रूठकर न बोलना। हलना । रिसाना। उ०-दोउ एक दादू०, पृ० ५२० । संग न होइ भुवालू । हंसव ठठाइ फुलाउब गाल ।—तुलसी गालना --कि० स० [हिं० गाल ] बोलना । कहना। . (शब्द०)। गाल बजाना=(१) ढींग नारना। बड़ बढ़कर गालना@ । क्रि० स० [सं० गाल फेंकना, दूर करना] छोड़ना । ' वातें करना । उ०-(क) वृथा मरहु जनि गाल बजाई। त्याग करना । उ०-सज्जा दुज्जरग के कहे भडिक न दीजइ ..... मनमोदकन कि भूख बुझाई- तुलसी (शब्द०)। (ख) गालि । हलिवइ हलिवइडियइ जिम जल थंड पालि ।- ... बलवान है स्दान गली अपनी तोहि लाज न गाल बजावत ढोला, दू० १९९। ... सोहै। —तुलसी (शब्द०) ।-(२) व्यर्थ वकवाद करना। गालवंद-संज्ञा पुं० [हि० गाल+बंद] एक प्रकार का बंधन जिसमें

मिथ्या प्रलाप करना। उ०—कबीर वर्णहि फेरि के अबरण चमड़े के तस्मे को किसी कांटी में फंसाकर अटकाते हैं।

भई छिनार । बैठी आयु अतीत ह कियो अनंत भतार । कबीर (जहाजी)। बठी शेष हबिना रूप की राड़। गाल बनावै नेति कहि कियो क्रि० प्र०-बांधना।। भतारहि भांड़ ।कबीर (शब्द०)। गाल में जानाम गालमसरी-संक्षा बी०दिश.1 एक पकवान या मिठाई। उ०-ग्रह ... मुह में पड़ना । काल के गाल में जाना=मृत्यु के मुख में तसहि गालमसूरी। जेहि बातहि मुख दुःख दूरी । —सूर पड़ना। मरना। गाल में भरना खाने के लिये मुंह में (शब्द०)। रखना । गाल करना=(१) डींग हांकना। बढ़ बढ़कर बातें गालव-संज्ञा पुं० [मं०] १. एक ऋषि का नाम । .. करना 1 सीटना । उ-मूढ़ मृपा जनि मारंसि गाला । राम विशेप-महाभारत के अनुसार ये विश्वामित्र जी के प्रवासी -..: वैर होइहै अत्त हाला-तुलसी (शब्द०) (२) व्यर्थ वकवाद थे। विद्या समाप्त कर समावर्तन के समय इन्होंने अपने गुरु ..करना । बड़बड़ाना । मिथ्या कल्पना । उ०-क्यों न मारे विश्वामित्र जी ने इनके हठ से चिढ़कर पाठ सौ श्यामकर्ण ... नाल वैठो काल डाढ़न बीच ।तुलसी (शब्द०)। घोड़े माने । गालव जी ने राजा ययाति के पास जाकर उनसे २.वड़वड़ाने का स्वभाव । वकवाद करने की लत । मुहजोरी। आठ सौ श्यामकर्ण घोड़ों के लिये याचना की; पर ययाति के - उ-हँस कह रानि गाल बड़ तोरे। दीन्ह लखन सिव अस यहाँ भी पाठ सौ श्यामकर्ण घोड़े नहीं थे; अतः ययाति ने - मन मोरे।—तुलसी (शब्द०)। उन्हें अपनी कन्या, जिसका नाम माधवी या, देकर कहा- ...। मुहा०----गाल करना = (१) बोलने में शंका संकोच न करना। 'गालव जी, आप इस कन्या को ले जाइए; और जो दो सौ ... मुजोरी करना । मुह से अंडवंड निकालना । उ०—कत सिख श्यामकर्ण घोड़े दे, उसे इससे एक पुत्र उत्पन्न कर लेने देइ हमहि. कोउ माई । गालू करव केहि कर वल पाई।--- दीजिए। इस प्रकार आप आठ सौ क्यामकर्ण घोड़े लेकर .... . तुलसी (शब्द०)। (२) बढ़ बढ़कर बातें करना। डोंग अपने गुरु को गुरुदक्षिणा दे दीजिए । गालव जी माधवी को

मारना । जैसे,—वह मघवा वलि लेतु है नित करि करि गाल । लेकर हर्यश्व राजा के पास गए; और हय्यंश्व ने दो सौ

गिरि गोवर्द्धन पूजिये जीवन गोपाल—सूर (गद०)। श्याम कर्ण घोड़े देकर उससे एक संतान उत्पन्न की। इसी -..३. मध्य । वीच । जैसे,—वे पर्वत के गाल में उड़ते दीखते हैं।-- तरह वे उसे दिवोदास और उशीनर के पास ले गए; और उन .. वायुसागर (शब्द०)।४. उतना अन्न जितना एक बार मुह में लोगों ने भी दो दो सौ घोड़े देकर उस कन्या से एक एक पुत्र ... डाला जाय । फंका। ग्रास । जैसे,—एक गाल मार लें तो उत्पन्न किया । अव गालव जी को कोई राजा ऐसा न मिला चलें। . . जो उन्हें शेष दो सौ घोड़े देकर माधवी से एक और पुत्र मुहा०—पाल मारना=ग्रास मुख में रखना। कौर मुह में उत्पन्न करता । अंत को गालव जी छह सौ घोड़े और माधवी ....डालना। को लेकर विश्वामित्र जी के याथम पर लौट गए और उन्होंने - ५. वह मुट्ठी भर अम्न जो चक्की में पीसने के लिये एक बार उनसे सब हाल कहा। विश्वामित्र जी ने उन छह सौ घोड़ों को डाला जाता है। झींक । ६. मुह । जैसे,-काल के गाल में .. जाना। ले लिया और उस कन्या से एक पुत्र उत्पन्न कर गालव जी को .. गाल --संज्ञा पुं० [देश॰] तमाक की एक जाति । गुरुदक्षिणा के ऋण से मुक्त किया। हरिवंश में इन्हें विश्वा- गालगूल --संश्था पुं० [हिं० गाल+अनु० ] व्यर्थ बात । गपशप मित्र जी का पुत्र लिखा है। २. एक प्रसिद्ध वैयाकरण जिनका मत पाणिनि ने अष्टाध्यायी में . अनाप शनाप । अडवंड वात। उ०-हरहि जनि जन्म जाय उद्धृत किया है। ३. लोध का पेड़। श्वेत लोध। ४. तेंद गालगूल गपत । कर्मकाल गुन सुभाव सबके सीस तपत - .. . तुलसी (शब्द०)। का पेड़ । ५. एक स्मृतिकार । - गालन-संज्ञा पुं० [सं०] १. निचोड़ना। २. किसी तरल पदार्थ को गालवि--संश पुं० [सं०] गालव के पुत्र प्रागंगवत् । इन्होंने कुरिणगर्ग -- एक बर्तन से दूसरे बर्तन में इस तरह डालना कि उसका मैल की एक वृद्धा फन्या से विवाह किया था। . . "पहले ही बर्तन में रह जाय । ३. पिघलना । गल जाना [को०]। गाला'-संश पुं० [हिं० गाल-ग्रास] १. धुनी हुई रुई का गोला गालना'@-किस [संजालन] दे० 'गलाना' ।-१० यह जा चरतम कातने के लिये बनाया जाता है। पूनी। २. वर