पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/४८१

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चुत्यलपना चुटकुला.. १५६० दिल्लगी उड़ाना । ठट्ठा करना । उपहास करना। २. व्यंग्य जिसे चोट लगी हो। जिसे घाव लगा हो। २. लगनेवाला। वचन बोलना । चुभती या लगती बात कहना । ३. चुटकी से चुभनेवाला । जैसे,—उनका वाक्प्रहार बड़ा चुटीला धा। ... खोदना । चुटकी से दवाना । चुटकी भरना । ३०-बार वार चुटीला-संक्षा पुं॰ [हिं० चोटी] छोटी चोटी। अगल बगल की कर गहिहि निरखत घट पोट करी किन न्यारो। कबहुँक पतली चोटी । मेंडी। सवि, राधावर कैसा सजीला। देवी .. कर परसत कपोल छुइ चुटकी लेता हहिं निहारो। सूर री गुइयां नजर नहि लागे अंगुरिन कर चट काट चुटीला। (शब्द०)। -हरिश्चंद्र, (शब्द)। ५. अंगूठे और उंगली से मोड़कर बनाया हुआ गोखरू, गोटा या , चुटीला-वि० चोटी का । सिरे का । सबसे बडिगा । भड़कदार । लचका । (कभी कभी यह किश्तीनुमा भी होता है, जिसे किश्ती । चुटकी-संवा बी० [हिं० चुटकी] दे॰ 'चुटको' । की चुटकी कहते हैं)। ६. बंदूक के प्याले का ढकना । बंदूक , चुटैल-वि० [हिं० चोट] १. जो चोट खाए हो । जिसे चोट लगी ... का घोड़ा। (लग०) १७. कटावदार गुलबदन या मशह ८. हो । घायल । २. चोट करनेवाला । आक्रमण करनेवाला। F..: घर की गलियों में पहनने का चांदी का एक गहना। एक चुड़ना-क्रि० स० [सं० चि ( =चम), प्रा० चुद; अप०, -... प्रकार का चौड़ा छल्ला । ६. कपड़ा छापने की एक रीति । १० राज. चट्ट] दे॰ 'चुनना। काठ मांदि की बनी हुई एक प्रकार की चिमटी जिसमें कागज चटा-संशा ० [हिं० चुटला] ३० त्रुटला'। या किसी और हलकी वस्तु की पकड़ा देने से वह इधर उधर चड:-मंशा बी० [सं० चुडु] दे० 'चुड्ड' । - . चड़ने नहीं पती। ११. पेचकश । १२. दरी के ताने का सूत।। चुड़-संवा पुं० [सं० चूर्ण ] चूड़ा। --चुटकुला संवा 'पुं० [हिं० चोट या चुट(छोटी,छोटी)+कला] १. चुड़ना-क्रि० प्र० [हिं० चूरना] दे० 'धुरना'। - विलमण बात । विनोदपूर्ण बात । चमत्कारपूर्ण उक्ति थोड़े में चुड़ला-संज्ञा पुं० [हिं० चूड़ा+ला (प्रत्य॰)] ३० 'चूड़ा' (हाय में , कही हुई ऐसी बात जिससे लोगों को कुतूहल हो। मजेदार बात। पहननेवाला) । वि० दे० 'चुरिला'! ...: 'यो०-चुटगुलावाज । चुटकुलाबांजी। चुटकुलेबाज । चुटकुलेबाजी। चुड़ाव-संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक जंगली जाति । महा:- चुटकुला छेड़ना या छोड़ना=(१) विलक्षण बात कह चुड़िया-संझ लौ० [हिं० चूड़ी] दे॰ 'चूड़ी'। बैठना । दिल्लगी की बात करना। २. कोई ऐसी बात कहना चडिहारा-संज्ञा पुं० [हिं० चूड़ि-+हारा (प्रत्य॰)] [की चूड़ि- . जिससे एक नया मामला खड़ा हो जाय । जैसे,—उसने एक हारिन ] चूड़ी बनाने या बेचनेवाला । - ऐसा चुटकुला छोड़ दिया कि दोनों आपस में ही लड़ पड़े। चडुक्का-संथा पुं० [हिं० चिड़िया ] लाल की तरह एक छोटी २ दवा का कोई छोटा भा नुसखा जो बहुत गुणकारक हो । लटका। सी चिड़िया। चुटपुटिया-संथा श्री अमुम्ब० चटपुट की आवाज करनेवाली एक प्रकार की धामद की छोटी टिक्की जिसे बच्चे जमीन पर विशेष-इसकी चोंक और पैर काले, पीठ मटमैले रंग की तथा ... घिसकर छोड़ते हैं। . पूछ कुछ लंबी होती है। वह स्थिर नहीं रहती; बराबर इधर चुटफुट-संच स्त्री० [हिं०] फुटकर वस्तु । फुटकर चीज । उधर फुदकती रहती है। चुटला--वि० [हिं०. चुटिला] दे॰ 'चुटीला' । चुटुक्का-वि० [अनु॰] धूर्त । लंपट ! इधर उवर वात लगानेवाला। चुटला:- संचा पुं० [हिं० चोटी या सं० चूड़ा] १. एक गहना जो सिर चड़े लवाल-संझा सौ. [ देश०] वैश्यों की जाति । . . . पर चोटी या वेणी के ऊपर पहना जाता है। २. स्त्रियों की चुड़ल-संहा मी० [चूड़ा ( चोटी)+ऐल (प्रत्य०)] १. भूत ... बांधी हुई वेणी जूरा । की स्त्री । भूतनी । डायन । प्रेतनी। पिशाचिनी। चुटानगर-क्रि० अ०ह चोट से नामिक धातु ] चोट खाना। विशेष-ऐसा प्रसिद्ध है कि चलों के सिर में बड़ी भारी चोटी । घायल होना। होती है जिसे काट लेने से वै वशीभूत हो सकती हैं।

चुटिया --संक्षा सौ. हि. चोटी+इया (प्रत्य॰)] बालों

२. कुल्पा और विकराल स्त्री। ३. क्रूर स्वभाव की स्त्री । दुष्टा स्त्री। " को वह लट जो सिर के बीचोबीच रखी जाती है। शिखा! चूद्ध-संभा की [च्युत मग भग । योनि ।-(पंजावी)। ... दी। (हिंदू, चीनी यादि इस प्रकार की शिखा रखते हैं।) चड़ो-संशा सी० [हिं० चूड ] एक प्रकार की गाली जो स्त्रियों को मुहा०-(किसी को) चुटिया हाथ में होना=( किसी का ) अपने प धीन होना । (किसी का) अपने नीचे दबना। दी जाती है । छिनाल । ध्या-संदा पुं० [हिं० चोट या चोटी चोरों या ठगों का सरदार। चूत'-संधा पुं० [सं०] गुदद्वार । गुदा का द्वार । पटियाना क्रि० स० चिोट1१. चोट पहचाना। घाव चुत - 1 °न्युत ५० युत। ...करना। घायल करना । जसमी करना । २. काटना । उसना। चुत्थना--कि० स० [हिं० चोयना या चोयना] ३. 'चायना'। टियाना-क्रि० प्र० चोट खाया जाना । घायल होना। चत्थल-वि० [हिं० चहलन्?वाज । ठठोल । विनोदप्रिय । मसखरा । .यूटिला. संश पुहि० दे० 'चुटीला'। चुत्थल - संझा पुं० [हिं० चुत्या] दे० 'चुत्या' । पुटासना-क्रि० स० नहि चोट चोट करना या पहुंचाना । चुत्यलपना-संवा पुं० [हिं० चुत्यल- पन] ठोली। हसी। डाचा-वि० [हिं० चोट] [वि०ी चुटिली] १. चोट खाया हुमा। दिल्लगी। मसखरापन । ट पहुंचाना इसना। चुत्या विहिवा ] ३० सपन] डोली ।