पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/४८०

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चुचावना १५५६ चुटकी पुलकित गात । अनुराग नैन चुचात । सूर (शब्द०) । (ख) और किसी) उगली का मेल । जैसे.-चुटकी में लेना । चुटकी बाल भाव जिय में सुध पाई अस्तन चले घुचाय । -सूर से उठाना। २.अंगूठे और मध्यमा और तर्जनी के योग से . (शब्द०) (ग) चौगुनो रंग चढ़ो चित मैं चुनरी के चुचात ध्वनि पैदा करना। लला के निचोरत ।--देव (शब्द०)। विशेष-- चटकी प्रायः मंकेत फरने, किसी का ध्यान पापित फरने, फिसी को बुलाने, जगाने प्रयवा ताल देने प्रादि के लिये चुचावना@-क्रि० प्र० [हिं० चुचाना ] दे॰ 'चुचाना'। उ०- बजाई जाती है। हिंदुनों में यह प्रथा है कि जब किसी को । रही गुही वेनी, लखे, गुहिये के त्यौहार । लागे नीर चाबने, जंभाई घाती है, तब पास के लोग घुटकियो धजाते हैं। नीठि सुखाए बार ।-बिहारी (शब्द०)। यो०-चुटकी बजानेवाला खुशामदी । चापलूस । चुटकी भर= , चुचि-संवा खो० [सं०] १. स्तन । चूची । २. थन । ऐन (को०। चतना जितना अंगूठे और मध्यमा के मिलाने पर दोनों के बीच चुचु-संज्ञा पुं॰ [सं० चच्चु] दे० 'चच्चु'।। मा जाय । बहुत थोड़ा। जरा सा जैसे, चुटकी भर पाटी, चुचुआना-कि० अ० [हिं० चु चाना] दे० 'चुचाना'। चुटकी भर नमक । चुटकियों में बहुत शन। चट पट । . . चुचुक-संशा पुं० [सं०] १.कुचाग्र भाग । स्तन के सिरे या नोक पर जैसे-देखते रहो, अभी चुटकियों में यह काम होता है। का भाग जो गोल घुडी के रूप में होता है। ढिपनी । २. मुहा०--चुटफो देनामा दे० 'चुटकी बजामा' । उ०--जो मूरति । दक्षिण भारत का एक प्राचीन देश । ३. उक्त देश का जल थल में व्यापक निगम न खोजत पाई । सो मूरति तू अपने निवासी। प्रांगन चुटको दें दै नचाई 1-सूर (शब्द०)। चुटको बजाना= ... चुचुकना -कि० अ० [सं० शुष्क+ना.प्रत्य०)या देश] सूखकर सिकुड़ अंग को वीच की उगली पर रखकर जोर से छटकाकर शब्द । जाना । ऐसा सूखना जिसमें क्षुरियां पड़ जाय । नीरस होकर निकालना । पुटकी बजाने में पा चुटफो बताते=सतनी देर में । संकुचित हो जाना, जैसे,—फल का चुचुकना, चेहरे का जितनी देर चुटकी बजती है। घट पट । देखते देखते । बात '. चुचुकना। की बात में । जैसे, यह काम तो चुटकी बजाते होगा । घुटको । चुचुकारना । क्रि० स० [हिं० चुचकारना] दे॰ 'चुनकारना। बैठाना=किसी ऐसे काम का अभ्यास होना जो चुटकी से। चुचूक - संशा पुं० [सं०] दे॰ 'चुचुक' [को॰] । पकड़ कर किया जाय। जैसे,-उखाहना नोचना प्रादि । चुट- चुच्चु संज्ञा पुं० [सं०] पालक की तरह का एक प्रकार का साग जिसे कियों में या चुटकियों पर उठाना(1) बात की बात में निव- चौपतिया भी कहते हैं । टाना । पत्यंत तुच्छ या सहज समझना । (२) कुछ न समझना। चुच्चू-संशा पुं० [सं०] दे० 'चुच्चु' [को०] । फुछ परवाह न करना जसे,(क) ऐसे मामलों को तो मैं चुटक'- संज्ञा पुं० [देश०] एक प्रकार का गलीचो या कालीन । चुटकियों में उड़ाता हूँ। (ख) यह मेरा क्या कर सकता है, .. चुटक+-संज्ञा पुं० [हिं० चोट+क(=करनेवाला)]कोड़ा । चावुक । ऐसो को तो मैं चुटकियों पर उड़ाता हूँ, चुटकी लगाग= चुटकर-संशा सी० [अनु० चुटचुट] चुटकी। चुटकना'-क्रि० स० [हिं० चोट] कोड़ मारना । चाबुक मारना । (१) किसी वस्तु को पकड़ने नोचने, वींचने दब ने प्रादि के लिये अंगूठे और मध्यमा (अथवा और किसी उगली) को उ०-करे चाह सौं चुटकि के खरै उड़ो मैन । लाज नवाएँ तरफरत, करत खूद सी नन 1-बिहारी र०, दो० ५४२ । मिलाकर काम में लाना। कपड़े के घान को उगलियों ... चुटकनारे-कि० स० [हिं० चुटकी ] १. चुटकी से तोड़ना। से फाड़ना। थान पर से कपड़ा उतारना । (३) रुपया पैसा, जैसे,—साग चुटकना, फल चुटकना । चुराने के लिये उंगलियों से जेय फाड़ ना । जेब काटना । (४) . चुटकना-फि० अ० [देश॰] सांप काटना। दूध दुहने के लिये चुटकी से गाय का थम पकड़ना । (५). चुटकी से पत्तों को मोड़कर दोना बनाना । चुटकला-संशा पुं० [हिं० चुटकुला दे० 'चुटकुला'। चुटका-संशा पुं० [हिं० चुटको ] १. बड़ी चुटकी। २. चुटकी भर • २. चुटकी भर घाटा। थोड़ा पाटा । जैसे,-साधु को चुटको दे दो। पाटा या और कोई अन्न । क्रि० प्र०---देना। क्रि० प्र०-देना ।---लेना। मुहा०--चुटको मांगना = भिक्षा मांगना । चुटकारी - संज्ञा स्त्री॰ [ हिं० चुटकी+पार ( प्रत्य॰)] चुटकी ३. घुटकी बजाने का शब्द । वह शब्द जो अंगुठे को वीच की । वजाने की ध्वनि या क्रिया। उगली पर रखकर जोर से छटकाने से होता है । उ० किलकि किलफिनाचत चुटकी सुनि डरपति जननि पानि छुटकाएं।- चुटकारी-संञ्चा स्त्री० [हिं० चुटकार ] २० 'चुटकी' । उ०---मदन तुलसी (शब्द०)। ४. अंगठे और तर्जनी के संयोग से किसी . महीप जू को बालक बसंत ताहि, प्रात ही जगायत गुलाय प्राणी के चमड़े को दबाने या पीड़ित करने की क्रिया। चुटकारी दै।-पोद्दार अभि० ०, पृ० १५७ । क्रि० प्र०--काटना। चुटकी-संज्ञा स्त्री० [अनु० चुट चुट ] १. अंगूठे और बीच की मुहा०---चुटको उड़ाना= दे०'चुट की लेना। चुटकी भरना=(१), उगली (अथवा तर्जनी) की वह स्थिति जो दोनों को मिलाने चुटकी काटना । (२) चुभती या लगती हुई वात . या एक को अन्य पर रखने से होती है । किसी वस्तु को पकड़ने, कहना। दि० दे० 'चुटकी लेना' । चुटको लगाना= .. दबाने या लेने भादि के लिये अंगूठे और बीच की (अथवा चुटकी से पकड़ना । चुटकी लेना=(१) हती. उड़ाना । ..