पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/५६९

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छटाना १६४७ छुड़ोती ते सरकारे सुकुमार । मेन बांधत बेनी बधे नील छबीले वार। छुड़वाना-त्रि० स० [हिं० छोड़ना का प्रे० रूप] छोड़ने का काम -विहारी (शब्द०)। फराना । छोड़ने के लिये प्रेरित या उद्यम करना । जैसे,- छुटाना-शि०स० गाय या भैंस का दूध देना या बंद कर देना । बहेलिए से नीलकंठ छुड़वाना। छुटानी@-संशा जी० [हिं० घुटना] दे० 'छूट' 1 उ०-सत गुरु छुड़ाई-संज्ञा स्त्री० [हि छुड़ाना] १.छोड़ने की क्रिया। मिले तो होय छुटानो।-कवीर सा०, पृ० १५८६1 यो०- छोड़ छुड़ाई माफो। छुटारा--संशा पुं० [हिं० छूट] दे० 'छुटकारा'। उ०-यमराज २. वह धन जो किसी व्यक्ति या वस्तु के छोड़ने के बदले में ते भए छुटारा । निर्भय हसा लोक सिधारा ।—कबीर सा०, दिया या लिया जाय । जैसे,--पशुप्रों की छटाई, नीलफठ पृ० ४५३ । की छुड़ाई । ३.बहे कनकौए को दूर ले जापार अपर उछालना छुटया-संज्ञा स्त्री॰ [हिं० छूट] भांड़ों और स्वांग करनेवालों के जिससे कि पतंग ऊपर उड़ जाय। छईया |--(पतंग)। चुटकुले। क्रि० प्र०करना । देनां । छुटौती - संवा स्त्री० [हिं० छूट] १. वह सूद या लगन जो छोड़ दिया छुड़ाना'---क्रि० स० [हिं० छोटना] १. किसी वस्तु को ऐसा करना जाय । छडुमा । २, छोड़ने या छुड़ाने के कार्य के एवज में जिसमें वह छूट जाय । दूसरे की पकए से अलग करना । दिया गया धन । बँधी, फैंसी उलझी या लगी हुई वस्तु को पृथक करना । जैसे, छुट्टा-वि० [हिं० छूटना] [वि० बी० छुट्टी] १, जो बंधा न हो। वह हाथ छुड़ाकर भागा; लड़के का पर चारपाई में फंस गया है, छड़ा हो;, गाँठ छुड़ाना प्रादि । उ०-चाँह छुड़ाए जात हो यौ०-छट्टा पान= बिना लगा हुआ पान । पान का पत्ता । छुट्टा निवल जानि के मोहि । हिरदय में से जाइयो मरद बद्गी साड़=(१) निबंध वैल। (२) बंधन विहीन व्यक्ति । विना जोस जाँता का अादमी। तोहि ।-(शब्द०)। २. दूसरे के अधिकार से अलग करना (२) एकाएको एकाकी । अकेला । (३) जिसके साथ कुछ जैसे,--रेहन रखा हुघा खेत छुड़ाना, माल छुड़ाना, विल्टी छुड़ाना आदि। माल असबाब न हो। संयो० कि०-देना ।—लेना। मुहा०-छट्टा परिव एकाकी। अकेला। जिसके साथ यात्रा ३. किसी वस्तु पर पुती हुई वस्तु को दूर करना । जैसे,-रंग में माल असबाब या साथी न हो। छह हाथ खाली हाथ । छुड़ाना । दाग छुड़ाना, मल छुड़ाना। - हाथ में विना छड़ी या हथियार श्रादि लिए। संयो० कि०--डालना !--देना।--लेना। छुट्टी-चा स्त्री० हिं० छूट] २. छुटकारा। मुक्ति । रिहाई। ४. कार्य से अलग करना। नौकरी से हटाना। घरखास्त जैसे,-बिना लगान दिए छट्टी नहीं है । करना । जैसे,--उसने उस पुराने नौकर को छुड़ा दिया। कि प्र०-देना 1-पाना 1-मिलना ।—होना । संयो० कि०--देना। मुहा०-छट्टी पाना=भंझट से बचना। पीछा छुड़ाना । ५ किसी नियमित क्रिया का त्याग कराना । किसी प्रवृत्ति को जवाबदेही या जिम्मेदारी से अलग होना । जैसे,—तुम तो यह दूर कराना । जैसे, अभ्यास छुड़ाना, मुक्स कराना । जैसे-- कहकर छ ही पा जानोगे, तंग होंगे हम। छुट्टी होना शंभर हम उसका पाना जाना छुड़ा देंगे। दूर होना । काम निबटना या समाप्त होना। छुड़ाना--क्रि० स० [छोड़ना का न० रूप] छोड़ने का काम २. वह समय किसमें कोई कार्य न हो। काम से खाली वक्त कराना । दे० 'छड़वाना' । या समय । अवकाश । फुरसत । जैसे--(क) प्राजफल मेरे छडया-वि० [हिं० छडामा-ऐया (प्रत्य॰)] जुड़ानेवाला। सिर इतना काम है कि खाने पीने तक की छुट्टी नहीं। (ख) बचानेवाला । रक्षक । उसने तीन महीने की छुट्टी ली है। छुड़या -संश [हिं० छोड़ना+ऐया (प्रत्य॰)] किसी को गुडी कि०प्र०-देना ।---पाना।-मिलना ।-लेना। या पतंग को उड़ाने के लिये कुछ दूर पर लाकर, दोनों हाथों मुहा.-छुट्टी पर जाना या होना=नियत कार्य से अवकाश से पकड़ कर कपर अाकाश की योर छोड़ना या हवा ग्रहण करना। में उड़ाना। ३. वह दिन जिस में नियत कार्य बंद रहे। कार्यालय या स्कूल क्रि० प्र०-देना। के बंद रहने का दिन । तातील। जैसे,--प्राज स्कूल में विशेप-जिस समय हवा कम होती है और गुडी या पतंग मादि के उड़ने में कुछ कठिनता होती है, उस समय एक मुहा०-छट्टी मनाना= अवकाश का दिन प्रानंद से विताना। टूसरा प्रादमी पतंग या गुड्डी को पकड़कर कुछ दूर ले जाता छुट्टी लेना=कार्य से अवकाश लेना। है; और तब वहां से उसे ऊपर की ओर छोड़ता या उड़ाता - ४. फाम से छुड़ाए जाने की क्रिया। मौकूफी । ५. प्रस्थान करने है। जिससे वह सहन में और जल्दी उदने लगती है। की अनुमति । जाने की पाज्ञा। जैसे-~-अब छुट्टी दीजिए, छुडीती-संघाश्री० [हिं० छुड़ाना ] १. देनदार या असामी से बहुत देर हो रही है । ६. भाड़ों का चुटकुला । पायना छोड़ देने की हिग । २. वह रुपया नो असामी या