पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/४२४

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वालरस, ताड़ी (को०)। - में निकट तालगन ..या अपारों और बचाव को राजा-(को०) 1 तालकासा वाक्षरंग भीतर रख बारह पहर तक पकाते है 'पौर फिर ठठा होने तालवेन--संशोखी० [सं० तालवेणु ] एक प्रकार का गावा TFEE पर उतार लेते है। ताल बैताल-समा पुं० [सं० ठाले वैताले ] दो देनदा यो पक्ष । ताखकोशात पंथ एक पेड़ का नाम 'विशेष-ऐसा प्रसिद्ध है कि राजा विक्रमादित्य ने इन्हें सिख बालक्षीरसंक ०.[ सं 1, १, खजूर या तार की चीनी । २ किया था पौर ये बरांवर उनकी सेवा में रहते थे। तामभंग-सचा पुं० [सं० ताल+भङ्गो गाने और बजाने में लाल र सालचौरक-संज्ञा पुं० [सं०] दे० 'वालक्षौर' कोला की विषमता।' तालखजरी--सका खी० [सं० सात+हि.बसूर-तकी । उ०---- वालमखाना, समा ई० [हिं० बाल + मक्खन ], एक पोधा को तालखजूरी, तृनचुमा, केतकि परति पाई।-नंद .. गीली या सीड़ जमीन में होता है, विशेषत पानी या दसदनों पृ० ११५/tric" : ।। के निकट-1 - गर्म-10 ] नाही-को०)।:- ।। 1- 11 विशेष-इसकी पत्तियां,५ या अगुल लंबी भोर मगुप्त सवा तामचर-सा कु[सं०11: एक देश का नाम । २... उक्त देश - अगुल-चौड़ी होती है। इसकी पर से पारों मोर बहुत सी टह- निवासी सक्त देश का राजा-(को०) 1.. - . निया निकलती है जिनमे थोड़ी थोड़ी दर पर मूमें के परि को ताजघ-संवा [ संतालबद्ध] १. एक देश का नाम । २. गांठों 4. ऐसी गाँठे होती हैं। इन गांठों पर, कांटे होते हैं। .. उस देश का निवासी । ३ एक यदुवंशी राजा जिसके पुर्षों ने इन्हीं गांठों पर फूल या बीजों कोनों मर होते हैं। जागरपितासितको राजच्युत किया था। ४ एक फ मों के मर जाने पर गांठ के कोशों में पीरे ऐरे बीज प्रकार की महको 15 महाभारत का एक पात्र या . १ या परते हैं, जो दवा के काम में माते हैं । वैद्यक में ये बीज मधुर, नायक (को - Hoin --- । शीतल, बलकारक, वीर्यवर्दक तया पथरी, वातरक्त, प्रमेह वालजटा-शा पुं० [सं०] तारे की जटा [को०]'111 - यादि को दूर करनेवाले माने जाते हैं। वाट पोर गठिया में भी तालान- gafसं०] संगो की तालों का जानकार [को०] 1 .... तालमखाने के। होते हैं। डाक्टरों ने भी परीक्षा तालधारक-सा [.'] नर्तक [को०Ext-- -- करके इन्हें मुत्रकारक, बलकारक मोर जननेंद्रिय सभी रोगों तालध्वज-मन'०' | "] १. वह जिसकी ध्वजा पर 'ताट के पेड़ ... के लिये उपकारक बताया है । तसिमखनि का पोषा दो प्रकार ___ का चिह्न हो । ३. भीष्म । ३ मनराम ।'.. एक पर्वत की. होता है एक लाल फर्म का दूसरा सफेद फूल का। 'HTTका नाम FISH. ! Nirgo: -- - सफेद फूल का. पषिक मिलता है। कहीं कहीं इसकी पत्तियाँ तासनवमी-संशा स्रोग[सं०] भाद्र शुक्ला नवमी ।' '15 का साग भी खाया जाता है। ri}* विशेष-इस दिन स्त्रियों प्रत रखती और तालपत्र पादि से गौरी । पर्यात कोकिलाम । काका, क्षुर । क्षुरक । भिक्षु, कदिनु । की पूजन करती FIE FIF 1 गधा । गाली शृखलि। शूरक गालघंटी। पचास्थि। सांसपत्र का [. rar का पता -- . भूखला. वनमंटक । वज। विधुरं । शुलपुष्प ( सफेद विशेष प्राचीन समय में, पब कागज का भाविकार नही हमा तानसखाता)। क प्रौर प्रतिच्छष (वाघमसाना )। बा, मापसे पर ही लिया जाता था। TASHISH A RE २ एक प्रकार का कान का गहना वाटक [को०j ! तालमर्दलश पुं० [सं०] एक प्रकार फा पाना [को०] 1. वासपत्रिका-सा मी हातमूसी । मुसली। -- तालमूल-सा पुं० [सं०] लकी दाल 4-- 0 तानपत्रीmaa aoup [[HREST- Tण । मूपापणी,। मुसाफानी । तालमलिकासमा श्री [हिं०] ३० तालमूली'Anti-cis २ विधवा [को०] 1 tarivar गोरा -सी सं०] मुसुली। . Fina )=TIP FIम जामपर्ण सङ्ग ६०] फरकारी तालमेल समा ० [हिं० ताल मेलवाल,सुर का मिलान । २ तालपर्णी-सहा स्त्री onfirm.. समीकरधरी ३ ताल- - मिलान सेलुलोमा उपयुक्त योजना को योग । किसली मुसली समा। सोया नाम का साग । मुहा०-तालमेल खाना = ठोकाटीक सयोग होता प्रकृति मावि वामयुष्पकसमा पु० [सं०] पुररिया पोरी का मेला-होना मिति सिलना मेल पटना में दावमेव तालप्रलंय-सा ढालअल fair की दायी Tठनातालमेलालाना EPS Fl तीनवटा क्ष तप, तालिका+विध विलेला जिसमें ३ उपयुक्त प्रयासरत पनुकूश सयोमा जनतासमेत दबकर काम Pा नामदेश की हर एक मदिखनोई नई हो करना चाहिएERSTER = Tak - बालबद्धारमा स० तोलयुक्त को MAYS दानयंत्रासमा [.तालय - र-काम करने का एक ताली तील मत (बल) ताई। उ.- आधीत मोजार । ३. तालाLI ताला मोर-जागी (०] । तालवत फल स्वार्य कदत हुत्यो नंदलाल भनेकार्थ, तालसमा सरताबरडा एक प्रकार का नगा जिसस पृ० १३३ । तारा दिया जाता है। - FIFT: