पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/४२९

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ताशी नातिस क्रि० प्र० सेलना - Ex. hr g---"HTTMM ताहा-किनिहि. दे. 'वहाँ' उहाँ तोहेलाहीमा- लान,पड़य-पेस्लिप.तुमु फरमान ! ----को७ि५८ । ३ वाय का खेल । ४ कड़े कागज या दप्ती कीचकती जिस- पर सीने को तगाजपेटीरवता ...TE ताहि सर्व० [हिं० ता+हि (प्रत्य॰)] उसको उसे। उ०- ताशा-सा पुं० [4 तास ] अमड़ा मढ़ा हुपा एक पानी को गले काहिक सुदरि के ताहि जान ! माकुल,कए गेलि हमर.परान। में लटकाकर दो प्रतली लकड़ियों से बनाया जाता है। -विद्यापति, पृ.१७६ -- .) कीर ! . . . ) । विशेष--यह धूमधाम सूचित करने के लिये ही पजाया जाता है। साही-मव्य• [हिं] दे० 'ताई', 'तई तास'- संज्ञा पुं॰ [फा०] १. एक सुनहरे तारो का जड़ाक कपडा। तहो-सर्व[हिं०] दे० 'ताहिए। उ०-- परमप्रेमी पति इक . उ०---ये वास का सब वस्त्र पहने थी मोर मुंह पर भी तास पाही। 'नंद' जगामति बरनत वाही।नंद. 4, पृ. ११७। 'का नकाब पडाहमा था।-मारतेंदु पं०, भा. ३,०१८ 24Fi r mwal । २. चहा तरत। पराती (को०)। ३. वह कटोरा जो-जलपड़ साह सर्व-हिं. ताहि प्रतिसे मो। उसको जो ___ की नाक में पड़ता पा(को०)।' यं-सों मोरको रुपमा परनान होय। वाहू कहत प्रतीप हैं तास-सर्व० [हिं०] दे० "तासु। १०-पनस पयि चिदि कांध कोविद सब कोय ।- मति..पू. ३७३। पाकाप्य, पकित भईहूँ छोर न सास-सुदर कमा० २, तिडुक -सरा पं० [? पथवा कोल (परिक)] तमाल । ३०-कालबंध, .----. . . -" दापिन्छ पुनि, तिङ्गक सहजतमाल ।-नंद १०, पृ० १.३। साँसना- हि.] | प्यासना। २. प्यास कारण कठ ' तितिड़ा-सा पुं० [सं० तित्ति , इमली का पेट या फल । २. इमली की चटनी (को०)। ३.एक राक्षस (को०)। सुख जाने से ताव ला पाना। सभा मो० [सं० निम्ति डिका] १. इमली 1२ इमली की वासला-सा पु० [ देश०] वह रस्सी पिसे भालूगों को नपार्ने इलाका पटनी (को०)। +: के समय कलंदर उनके गले में गले रहो m i

  • तितिड़ी, सडा को [ सं० विन्तिलोक ११. इमली । २. इमली।

तासा--- हिं] " तितिडीमा लो. [सं० विन्तिका चटमी (को०)।.' वा बोगसंवि+कर्ष, पपवा देश ] तीन बार की PHLORE:- ___ पोती हुई भूमि FIF ITI, विविड़ाक-प्रथा पु तिन्ति बोक]। इमली. २. इमली की चटनी (को०)। तासा-वि० [हिं० ] तृपित । प्यासा ये, पियासी तासी विसिद्धीका-सशा सो सितितिडीका] १. ईमजी २ इमची की तासीर---पाको मसर । प्रभाव ! गुण । से, ईवा को चटनी (को०) | TM F R E तासौर, मोहरत की तासीर । उ० जिसके पर्दे दिल में कुछ तितिडीत-सकत' तिम्तिही तग एक प्रकार का शुभा नवासीर है। गर भवामी है तो मेरा-पीर है। कविता. जी हाथ में इगली बीज लेकर खेला जाता है कि रा, ४१०२६। तितिरंगमास तिन्तिराज सात िविवलोही तामुल-स. [सं० दस्य पथवाहिता समित्या)] सका। तास-स० [हिं०] मा तितिलिका सहा सो तिन्तिलिका गतिविहिनी दितिली-बशा स्त्री० [सिन्तिली) ३० तितिहीनी 'तासाला-साहिता+सों (पत्य)उससे ..." तासौल--सर्व० [हिं० दे० 'नासो'। । । . तितिलीका-यधा स्त्री० [सं० तिन्तिलीक] इमली [को॰] । तारकर्या गणपोरी को fait-तिदिश- उमा पु० [तिन्दुिरा] टिंटसी नाम को तरकारी दी। HERE HTRA MESS. तिदुELF [] तेंदू,का पै NF THE SP Im "ताहम-प्रव्य [फा०] भार विस पर यह दावा जरूर है कि मेरे, छद ढीले डोले नाही होत तिदुर-सम्रा पु० [हि.] ३० तेंदुमा' 1 30---पान तिदुरिछ बाल (५०), पृ० १६UTTER: .. । संगापहामवर होर महामृग ल्यावह रासो तिदुका-सहापासपतिन्दु .. माड HETIR-सर्व० [हिं: तुम्हारा देश म्हारा BENEFo; दो तोलाsi fi AMERPRETA ! र्षप्रमाण । हमारा प्रब पियारा, साहरा रंगनी राती । पा०, १० ११२ तिदुकतीर्थ-सथा पृ॰ [ संपतित्वक तीर्थ अवसर ताहरी@--सर्व० स्त्री साहरा FO मोबसी, हौसी रे सिर हेलिदा करणी ताहरी . भिवोर्स is [ RTY OP-Frpी o ]ी-THER पुतर्गत एक तिंदुको नया ताहरूल-सई० [हिनादरा, तिन्दुकोन का पेड] निरी तम्हारा त्वदीय । "माहरू मापू ताँहरू त ने वादा सिंदुकिनी-सा ( [ विन्दुकिती पावतको । 'मगवत, .,पृ० ६७२ मल्ल Box ताहरी सर्वहि ताहरातिसइसकाश दुही तिलासा.[ संसतिन्दुला तेंद्र कापेर hी पवार सुजन ताहफैमरसोध कमरेवर. प्रक, तिस-वि० [सं० वि० IEOमाHOEAFRIPTITTPirp E0. itB - तिन्दुलतिंदूमा पेस1391f विदे० टीस'। सहसहिदुष घ, विस सहस पातकाल सो EYIft :