पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/५६५

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२२१५ करते रहना। . - मुहा०-दुम भरना = किसी स्वर का देर तक उच्चारण दमक-समा ५ ४२२० । दमनकर्ता । दबाने, रोकने या शात करनेवाला। यौल-दमसार = वह पादमी जो किसी गवैए के गाने के समय दमकना-क्रि० प्र० [हि. धमकना फा' अनु.] १ चमकना । 'चम- उसकी पहायता के लिये स्वर भरवा रहे ।..... पमाना। -गजमोतिन से पूरे मांगा। लाल हिरा पुनि ६. पकाने की वह किया जिसमें किसी खाद्य पदार्थ को वरतन दमके प्रांगा। कबीर सा०, पु. ४५५ । २. ज्वलित होना। में चढ़ाकर और उसका मुह बंद करके प्राग पर पढ़ा देते सुलगना। हैं। इस प्रकार बरतन के मदर की भाफ बाहर नहीं निकासने दमका-सश.."दमकता दमन करनेवाला। स्वामी। पाती मौर उस पदार्थ के पकने में माफ से बहुत सहायता “शासक को ' - -,--" मिलती है. .... दमकल-सा की. [f६० दम+कल१ वह यत्र जिसमें एक या --०प्र०-करना-देना।। - - , पधिक ऐसे नल बगे हों, जिनके द्वारा कोई तरल पदार्थ हवा यौ०-दम मूल्वा । दम मालू । दम पुस्त। के दबाव-से, ऊपर अयवा भौर किसी मोर झोंक से फेंका महा-दम करना-फिसी पोर को बरतन में रखकर पौर - वा सके। पंप । .. .. - 1- भाप रोकने के लिये उसका मुंह बंद करके भाग पर चढा . विशेष-ऐसे यंत्रों में एक खजाना होता है जिसमें बल मथवा देना । 'दम साना=किसी पवायं का ईद मुंह से पौर कोई.परल पदार्थ भरा रहता है, और इसमें एक मोर , बरतन में भीतरी भाफ की सहायता से पकाया जाना। पिचकारी और दूसरी मोर साधारण-नस लगा रहता है। दम देवा-किसी पधपकी चीन को पूरी - तरह से चन पिचकारी चलाते तपखवाने में का पदार्थ पोर से पकाने के सिये उसे फुलको पाँच, पर.. रखकर उसका मुंह दुसरे छल के द्वारा बाहर निकलता है। .. . .संद कर देना जिसमें वह मच्छी तरह से पका पाय । दम पर २. उक्त सिद्धांत पर बना हुमा वह यंत्र जिसकी सहायता से माना=किसी पदार्थ के पकने में केवल इतनी कसर रह मकानों में लगी हुई धाग बुझाई जाती है। पंप। ३ सत्ता जाना कि पोड़ा दम देने से वह पच्छी तरह पक जाय । पम - सिद्धांत पर बना हुमा वा यत्र जिसकी सहायता से कुएं से कर तैयारी पर माना। थोड़ी देर माप बद करके छोड़ देने पानी निकालते है। पंप । दे० 'दमकला'।. . की क्रसर रहना । दम होना = पाप से पफना। . दमकला-सधा पुं० [हि.+कल ] १. दमकल सिवात पर बना १०. पोला। छल । फरेब । जैसे-माप तो इसी तरह लोगों हुमा यह बड़ा पात्र जिसमें लगी हुई- पिचकारी के द्वारा को वम देते हैं। बड़ी मडी महफिलों में लोगो पर गुलावजन अथवा रंग प्रादि यो०-दम झांसा = छन कपट । दम दिलासा-यह बात जो बिका जाता है। २ जहाज में वह यत्र जिसकी सहायता से विस्स फुपलाने के लिए कही जाय । झूठी माशा । दम पट्टी- पाल खड़ा करते हैं। ३ दे० 'दमकल'। (१) धोखा। फरेव । (२) दे० 'दम दिलासा' । दमवाज% दमकला-सा पुं० [हिं० दम] २० वमचुल्हा'। (१) धोखा देनेवाला । (२) फुसलाने या वहकानेवाला। दमखम-मक्ष पुं० [फा. दमनम] १ ता । मजबूती। 30-कवि मुहा०-दम देना=बहकाना। धोखा देना । फुसलाना । वम में तमरे के सामने दमखम से उपस्थित होते थे।-प्राचार्य, माना- घोसे में पड़ना। फरेब में माना। जाल में फंसना । पृ० २.३ । २. जीवनी शक्ति। प्राण । ३ तलवार की धार दम खाना- फरेर में पाना । पोखे में पड़ना । दम में लाना- मौर उसका मुकाव । ' (१) बहकाना । फुसलाना । (२) धोखा देना । झांसा देना। दमगलो-सक ० [टि ] बढ़ाई। दमपर। हमाल । युद्ध। ११ तलवार या छुरी प्रावि की बाढ़ । घार । १०-सुर मसुर दमगल लख सकम, यक प्रबल कथल पथल यौ०-मदार=पोला । तेज । पैना । धारदार । पल-रघु०७०, पृ० २२१ । दम--सा . [देश दरी चुननेवालों की एक प्रकार की दमघोष-सबा पुं० [सं०] चेदि देश के प्रसिद्ध राजा शिशुपाल तिकोनी कमाची जिसमें सवा सवा गज की नीन लड़ियां एक के पिता का वाम को दमयंती के भाईये। इनका दूसरा साप बंधी रहती हैं। ये करपे में पड़ी रहती है और उसमें नाम तथवा भी है। जोतीबंधी रहती पोकर पेंगूठे में बाँध दी जाती है। दमचा-सका पुं० [देश०] खेत के कोने पर बनी हुई वह मचान बिस- बुनने के समय इसे पैर से नीचे दवाते हैं। पर बैठकर खेतिहर पपने खेत की रखवाली करता है। दम-सका पु० [ देश झोपता छप्पर । ५०-ये अपनी बस्ती दमचूल्हा--सक्षा ० [देश॰] एक प्रकार का लोहे का बना पा गोल - को विश् कहते थे मोर उनके मीतर इनके झोपड़े दम पौर चूल्हा जिसके मीच में एक,जाली या करना होता है। पू कहलाते थे।--प्रा. मा. ५०, १० ६६ । विशेष-इस जानी के नीचे एक मौर बड़ा छिद्र होता है। दमक-सका नौ हि बमकका मनु.] चमक । चमचमाइट। इसकी जाली पर कुछ कोयले रखकर उसकी दीवार पर पति । प्राभा। पकाने का बरतन रखते है और नीचे के छिद्र से उसमें हवा.