पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/५६७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

दमसीज २२१५ व्याकूट उपकार करो जिय माई। दमवंती ज्यों नहि मिलाई1- २ गाँजा पीनेवाला । गजेड़ी। जैसे,—दमी यार किसने । दम हिंदी प्रेम गाया०, ५० २२० । लगाके खिसक। (कहा०)। बससास-स.[फा०] वह भादमी जो किसी गवैए के गाने से दमी-वि० [ हिमा ] जिसे दमे का रोग हो । दमे के रोगवाला । समय उसकी सहायता के लिये रेवल स्वर भरता है। दमुना-- पुं० [सं० दमुनस् ] १ भग्नि । प्राग । २ शुक्र का एक दमा-संज्ञा पुं॰ [फा. बमह.] एक प्रसिद्ध रोग । श्वास । सांस। नाम (को०)। विशेर-इस रोग में प्रवासवाहिनी नाषी मंतिम भाग में, जो दुमैया -वि० [हिं० दमन +ऐया (प्रत्य॰)] दमन करनेवाला। फेफड़ों के पास होता है, पाकुचन मोर ऐंठन के कारण सांस उ.-तुलसी तेहि काल कृपाल विना जो क्रौन है दान मेने में पहन कट होता है, खाँसी पाती है और कफ रुककर दुःख दमैपा। सुलसी (शब्द॰) । की कठिनता से धीरे धीरे निकलता है। इस रोय रोगी दमोड़ा-सा पु [हिं० दाम+मोड़ा (प्रत्य॰)] क्षम। मूल्य । को प्राय परयत कष्ट होता है, पर लोगों का विश्वास है कि कीमत। (दलाली)। यह रोग कभी पच्छा नहीं होता। इसी लिये इसके सबध मे दमोदर-सका पु० [सं० दामोदर] दे० 'दामोदर' । दमोदर- of. दामोदर एक कहावत बम गई है कि दमा दम के साय जाता है। दम्य–वि० [सं०] १. दमन करने योग्य । षो दमन किया जा सके। दमाग-सका ५० [५०दमाग] २० 'दिमाग' [को०] । २ बैल जो बषिया करने योग्य हो। दमाद-सा पुं० [सं० जामाता कन्या का पति । जवाई। जामाता। दम्य-सक्षा पुं० बैल जो धुरा धारण कर सके। पुष्ट वैल [को०] । 10-ठाकुर कहत हम वैरी बेवकूफन के बालिम दमाद हैं दयंत --- पुं० [सं० दस्य] दे॰ 'दैत्य' । उ०—(क) देव दयहि प्रदानियो ससुरा -ठाकुर०,१०२६।। भूतहि प्रतहि कलह सौ कबहूँ न डरे सू।-सुवर० प्र०, दमादम-कि. वि० [भनु.] १. दम दम शब्द के साथ । २ छगा- मा०, पृ. ३५। (ख) कीन्देसि राकस भुत परेता । कीन्हेसि तारबराबर। भोकस देव दयता ।--जायसी. (गुप्त), पृ. १२३ । दमान-मन. [देश०] दामन । पाख की चादर (लश०)। दय-सश [सं०] दया । कृपा । करणा दमानक-सका स्त्री० [देश॰] तोपों को वाद। 30-घेव भूत पितर दयत -सहा पुं० [2] दे० 'देस्य । उ०—मो नाम ट बीसल करम सरकास ग्रह मोहिपर पौरि दमानक सो दई है।- चपति साप देह समिय यत ।-पृ० रा०, १३५५५ । तुलसी (बन्द०)।(ब)निष सुपट वीरन संग ले सु दय -सबा पुं० [सं० दयित] दे. 'वयित'। उ०- सुहृद दयत, दमानक पासीं पसी।-पग्राकर , पृ० २३ ।। बल्लभ, सहा प्रीतम परम सुजान नंद००, पृ. २६ । दमाम-पत्र 1 हि. यमामा] दे० 'दमामा' । उ०-जीव जपाले दयनीय-वि० [सं०] दपा करने योग्य । कृपा करने योग्य । परिहा, जमहिंदमाम बजाय।कयौर सा०, से०, पृ.७४। दयनीयता-समा स्त्री॰ [सं०] ऐसी दशा जिसे देखकर देखनेवाले के दमामा-मा पुं० [फा० दमामहनगाड़ा। नक्कारा । उका । घाँस।। मन में बया उत्पत हो। उ०—पसी दयनीयता हुई है क्या। दमारिल-पा पुं० [सं०दावानल 11 जगल को पाग । बन की फूली है, मोतरी रुई है क्या ।-पाराषना, पु०१६ । माम । २. दमड़ी। उ.--प्रधरम पाठो गाठि न्याव दिनु दया- बी० [सं०] १ मन का यह दुःखपूर्ण वेग जो दूसरे के कष्ट पोगम सूपा । किमि दमारि गुगाम पापको भयो प्रसूदा - को दूर करने की प्रेरणा करता है। सहानुभूति का भाव । एसटू वानी, १० ११२२ । करुणा । रहम। दमाववि -समाधी. [से० दमयन्ती] २० 'दमयंती'। उ०-राजा मि०प्र०-पाना। करना। नल कंह से दमावति ।-जायसी (शब्द॰) । यो०-दया राष्टि। दमावती -सका बी-[हि.] दे० 'दमावति'। विशेष-जिसके प्रति दया की जाती है उसके वाचक शब्द के साथ दमाह- पुं० [हि. दमा ] वैलो का एक रोग जिसमें वे हॉफने 'पर' विभक्ति लगती है। वैसे, फिसी पर दया पाना, किसी सगते हैं। पर (या किसी ऊपर) दया करमा। शिष्टाचार के रूप में भी इस शब्द का व्यवहार बहुत होता है। जैसे, किसी ने पूछा दमित-वि० [सं०] १. जिसका दमन किया गया हो। 30-कवि 'माप अच्छी तरह'? उत्तर मिलता है--'मापकी दया से'। सामाजिक प्रतिवों के विरुद्ध मपनी दमित वृत्तियो का प्रका- २ दक्ष प्रजापति को एक कन्या जो धर्म को व्याही गई थी। शन करता है।-नया०, पृ०३। २ पराजित । पराभुत । विजित (को०)। दयाकर-वि० [सं०] दया करनेवाला । दयालु । कृपालु । उ.- दमी-वि० [सं० दमिन् ] दमनशीस । सून सवंश कृपा सुख सिंघो। दीन दयाकर भारत बघो।- मानस, ७१। पमा-सका बी.[फा०] एक प्रकार का जेवी या सफरी नैचा! म लगाने का नैचा। दयाकर-सचा पु० शिव (को०)। एमा-वि० [फा.दम ] १.दम लगानेवाला। कच खींचनेवाला। दयाकूट-सहा पुं० [सं०] बुखदेव ।