पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ५.pdf/२५२

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भरना २५४५ भरनी गंगास्नान कर रहे थे। उधर से जाती हुई घृताची अप्सरा रसना। उ.- जहाँ मो नागिन भर गई काला करै सो को देखकर इनका वीर्यपात हो गया, जिससे द्रोणाचार्य अंग । —जायसी । (४) सहना । लना । जैसे, (क) का जन्म हुआ। एक बार इन्होंने भ्रम में पड़कर अपने मित्र : दु:ग्व भरना । (ख) करे कोई, भरे कोई। (१५) पशुओं रैभ्य को शाप दे दिया था, और पीछे से पछताफर जल . पर बोस आदि लादना। (१६) मारे शरीर में लगाना । मरे थे। पर रैभ्य के पुत्र अर्वावसु ने अपनी तपस्या के पोतना । उ.-भूषण कराल कपाल कर सब सच सोनिन प्रभाव से इनको फिर जिला लिया था। वनवास के समय तन भरे।-तुलसी। एक बार रामचंद्र इनके आश्रम में भी गए थे । भावप्रकाश संयो० क्रि०-डालना।-देना। के अनुसार अनेक ऋषियों के प्रार्थना करने पर ये स्वर्ग जा कि० अ० (१) किपी रिक्त पात्र आदि का कोई और कर इंद्र से आयुर्वेद सीख आए थे। ये राजा दिवोदास के पदार्थ पढ़ने के कारण पूर्ण होना। जैम, (क) गगरा भर पुरोहित और सप्तर्षियों में ये भी एक माने जाते है । (२) गया । (ग्व) तालाब भर गया। गड़वा भर गया। बौद्धों के अनुसार एक अर्हत का नाम । (३) एक अति यौ०-भरा पूरा=(१) जो सब प्रकार से सुखी और संपन्न हो । का नाम । (४) एक प्राचीन देश का नाम । (५) भरद्वाज (२) सब प्रकार से पूर्ण । जिसमें किसी प्रकार का ऋषि के वंशज या गोत्रापत्य । (६) भरत पक्षी । त्रुटि न हो। भरना-क्रि० स० [सं० भरण ] (१) किसी रिक्त पान आदि में (२) उँडेला या डाला जाना। (३) रिक्त स्थान की पूर्ति कोई पदार्थ इस प्रकार डालना जिसमें वह पूर्ण हो जाय । होना । स्थान का ग्वाली न रहना । जैसे,—थिएटर की खाली जगह को पूरा करने के लिये कोई चीज़ डालना। सब कुरपियों भर गई। (५) पदार्थों के बीच के छिद्र या पूर्ण करना । जैसे, लोटे में पानी भरना । गहढे में मिट्टी अवकाश का बंद होना । (५) तोप या बंतक आदि में भरना । गाड़ी में माल भरना । तकिए में रूई भरना । (२) . गोली, बारूद आदि का होना । जैसे, भरा हुआ तमंचा। उँडेलना । उलटना । डालना। (३) रिक्त स्थान की पूर्ण (६) ऋण आदि का परिशोध होना । जैसे,—सारा देना अथवा उसकी अंशतः पूर्ति करना। स्थान को खाली न । भरा गया । (७) मन में क्रोध होना । असंतुष्ट या अप्रसम रहने देना । जैसे,--(क) सेनापति ने अपनी सेना के रहना । जैसे,—जरा उन्हें जाकर देखो तो सही, कैसे भरे सारा शहर भर दिया । (ख) जुलाहे नली में सूत भरते हैं। बैठे हैं। (4) धातु के छद्र आदि का पीटकर मोटा और (ग) तस्वीर में रंग भर दो। (४) दो पदार्थों के बीच के ' छोटा किया जाना । (९) पशुओं पर बोझ आदि लदना । अवकाश या छिद्र आदि में कुछ डालकर उसे बंद करना। (१०) चेचक के दानों का सारे शरीर में निकल आना। जैसे, दरज भरना। (५) तोप या बंदक आदि में गोली ' (११) घाव में अंगुर आना । घाव का ठीक और बराबर होना। बारूद आदि डालना । जैसे, बंदक भरना । (६) पद पर (११) किसी अंग का बहुत काम करने के कारण दर्द करने नियुक्त करना । रिक्त पद की पूर्ति करना । जैसे, उन्होंने । लगना । जैसे,—लोटा उठाए उठाए हाथ भर गया। अपने संबंधियों को लाकर ही सारे पद भर दिए। (७)! (१३) शरीर का हृष्ट पुष्ट होना। (१४) पशुओं का गर्भ ऋण का परिशोध या हानि की पूर्ति करना । रफाना । । धारण करना। गाभिन होना । (१५) जितना चाहिए, देना । जैसे,—(क) यदि आपको कोई हानि होगी तो मैं । उतना हो जाना । कुछ कमी या कसर न रह जाना। भर दूंगा। (ख) अभी तो वे अपने भाई का देना ही भर : जैसे,—मेला भर गया । (भित भिम शब्दों के साथ अकर्मक और सकर्मक दोनों रूपों में आकर यह शब्द भिन्न मुहा०—(किसी का) घर भरना=(किसी को) खूब धन देना । भित अर्थ देता है। जैसे, अंक भरना, दम भरना ।ऐसे जैसे,—पहले आप अपने संबंधियों का तो घर भर लीजिए। अर्थों के लिये उन शब्दों को देखना चाहिए।) (८) खेत में पानी देना । (९) गुप्त रूप से किसी की निंदा : संशः पुं० (1) भरने की क्रिया या भाव । जैसे,—अपना करना अथवा कोई बुरी बात मन में बैठाना । जैसे,- भरना भरते हैं। (२) रिश्वत । धूस । किसी ने उनको भर दिया है, इसीलिये वे सीधे मुंह से भरनि-संज्ञा स्त्री० [सं० भरण ] पहनावा । पोशाक । कपड़े नहीं बोलते । (१०) धातु के E आदि को पीटकर अथवा लले । उ०-मंजु मेचक मृदुल मेचक तनु अनुहरति भूषन और किसी प्रकार छोटा और मोटा करना। (११) किसी मरनि।-तुलसी। प्रकार व्यतीत करना । कठिनता से बिताना । (१२) निर्वाह भरनी-संज्ञा स्त्री० [हिं० भरना ] करघे में की दरकी । नार । करना । निहना । उ-तेरे ही किए मान व्याप होत : संज्ञा स्त्री० [?] (1) छन्द र । (२) मोरनी। (३) गारुती तनक ही कैसे कै भरौं।-हरिदास । (१३) काटना। मंत्र । (४) एक प्रकार को जंगली बूटी।