पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/११३

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सत्यक ४६३१ सत्यमेधा देवता । १० विश्वेदेवा मे से एक | ११ शपथ । कसम | १२ प्रतिज्ञा । कौल । १३ चार युगो मे से पहला युग । कृतयुग १४ एक दिव्यास्त्र । १५ ईभानदारी। निष्कपटता (को०)। १६ भद्रता । मद्गुण | शुचिता (को०)। १७ जन । पानी (को०)। १८ विशुद्धता । खरापन (को०)। १९ एक ऋषि । २०. सात व्याहृतियो मे से एक (को०)। २१ ब्रह्म (को०)। २२ मोक्ष (को०)। सत्यदर्शी - वि० [सं० सत्यदशिन्] सत्य का पारखी। सत्य को पहचान लेनेवाला । सत्य और असत्य का विवेक करनेवाला (को०)। सत्यदर्शी-सञ्ज्ञा पुं० तेरहवे मन्वतर क एक ऋपि का नाम (को०] । सत्यदृक् -वि० [सं० सत्यदृश्] दे० 'सत्यदर्शी'। सत्यधन वि० [स०] जिसका सर्वस्व सत्य हो । जिसे सत्य सवसे प्रिय हो। सत्यवर्म-सञ्ज्ञा पुं० [स०] १. तेरहवें मनु के एक पुत्र का नाम । २ सत्य रूपी धर्म । शाश्वत सत्य । धर्म (को०] । यौ०-सत्यधर्म पथ = सत्यरुपी धर्म का मार्ग । शाश्वत सत्य का मार्ग। सत्यधर्म परायण = सत्यरूपी धर्म को माननेवाला। सत्य को माननेवाला । सत्य का पालन करनेवाला। सत्यवृति-वि० [सं०] अत्यत सत्यवादी । पूर्णत मत्यवक्ता [को॰] । सत्यनारायण-सचा पु० [सं०] विष्णु भगवान् का एक नाम जिसके सबध मे एक कथा रची गई है। इस कथा का प्रचार आजकल बहुत है। यौ०-मत्यकृत् = उचित कार्य को करनेवाला । सत्यग्रथि = जिसकी ग्रथि सत्य हो । सच्ची और ठीक गाँठ बाँधनेवाला । सत्यघ्न = सत्य की हत्या करनेवाला। शपथ या प्रतिज्ञा भग करनेवाला । सत्यनिष्ठ = मचाई पर दृढ रहनेवाला । सत्यमेव = अवि मुनि के एक पुत्र का नाम । सत्यपाल = एक ऋषि। सत्यपूत = सत्य द्वारा शुद्ध । सत्यप्रतिश्रुत = वात का धनी । सत्यप्रतिष्ठान = जिसकी नीव सत्य पर ग्राद्धृत हो । सत्यवध = जो सत्य से बँधा हुअा हो। सत्यवादी। सत्यभारत = महाभारतकार व्यासदेव का एक नाम । सत्य भेदी = वादा तोडनेवाला । सत्ययौवन । सत्यरत = (१) सत्यवादी । (२) व्यास । सत्यरथ = विदर्भ के एक राजा। सत्यरूप = (१) वास्तविक स्वरूप वाला । (२) विश्वास योग्य । सत्यवाहन = जो सत्य का वहन करनेवाला हो । सत्यविक्रम = सच्चा वीर । सत्यवृत्त = अच्छे आचरणवाला । सत्यवृत्ति = सदा- चार । सत्यशपथ = (१) जिमकी प्रतिज्ञा पूरी होकर रहे । (२) जिसका शाप झूठा न हो । सत्यसरक्षण = सत्य की रक्षा करना। वचन का पालन । सत्यसार = जो पूर्णत सत्य हो । सत्यस्वप्न = जिसका सपना सच्चा हो । सत्यक-वि० [स०] दे० 'सत्य' । सत्यक-सञ्ज्ञा पु० [स०] १ अनुबध या सौदे का पुष्टिकरण । २ कृष्ण का एक पुत्र जिसकी माता का नाम भद्रा था। यह केकयराज की कन्या थी। ३ मनु रैवतक का एक पुत्र (को०] । सत्यकाम-वि० [स०] मत्य का प्रेमी। सत्यकीति--सज्ञा पुं० [स०] १ एक अस्त्र जो मववल से चलाया जाता था। २. सधान के पूर्व अस्त्र को अभिमत्रित करने का एक मत्र (को०)। सत्यकेतु-सचा पुं० [स०] १ एक बुद्ध का नाम । २ केकय देश के एक राजा का नाम । ३ अक्र के पुत्र का नाम । सत्यक्रिया--सद्या स्त्री० [सं०] वादा । प्रतिज्ञा । शपथ । (बौद्ध)। सत्यजित-सज्ञा पुं॰ [स०] १ वासुदेव का एक भतीजा। २. एक दानव । ३ एक यक्ष । ४ तीसरे मन्वतर के इद्र का नाम । सत्यज्ञ--वि० [स०] जिसे सत्य की जानकारी हो । सत्यतपा-सज्ञा पु० [स० सत्यतपस्] वाराहपुराण में वर्णित एक ऋषि का नाम जो पहले व्याध थे। सत्यत-अव्य० [स० सत्यतस्] ठीक ठीक । वास्तव मे । सचमुच । सत्यता-सञ्ज्ञा स्त्री० [स०] १ सत्य होने का भाव । वास्तविकता। सचाई । २ नित्यता। विशेष-ऐसा पता लगता है कि अकबर के समय बग देश मे अकवर के नए मत 'दीन इलाही' के प्रचार के लिये पहले पहल यह कथा किसी पडित से लिखाई गई थी और उसका रूप कुछ इसरा ही था। जैसे, नारद और विष्णु का सवाद उसमे न था, और 'डी' के स्थान पर शाह या पीर नाम था। पीछे पडितो ने उस कथा मे आवश्यक परिवर्तन करके पौराणिक हिंदूधर्म के अनुकूल कर लिया और वह उसी परिवर्तित रूप मे प्रचलित हुई। बग भाषा मे भी सत्यपीर की कथा के नाम से यह कथा पाई गई है। सत्यपर, सत्यपरायए-वि० [सं०] सत्य मे प्रवृत्त । ईमानदार। सत्यपारमिता-सज्ञा स्त्री० [स०] बौद्ध धर्मानुसार सत्य की प्राप्ति अथवा सिद्धि (को०)। सत्यपुर--संज्ञा पुं० [स] १ विष्णुलोक । २. सत्यरूपी नारायण का लोक [को०] । सत्यपुरुष - सज्ञा पुं० [सं०] ईश्वर । परमात्मा । सत्यपूत-वि० [स०] सत्य द्वारा परिष्कृत या पवित्न [को०] । सत्यप्रतिज्ञ-वि० [सं०] प्रतिज्ञा को सत्य करनेवाला । वचन का सच्चा। मत्यफल-सज्ञा पुं० [स०] बिल्व । श्रीफल | वेल । सत्यभामा-ममा स्त्री० [सं०] श्रीकृष्ण की पाठ पटरानियो मे से एक जो सत्राजित की कन्या थी । इन्ही के लिये कृष्ण पारिजात लाने गए थे और इद्र से लडे थे। सत्यमान-सहा पु० [स०] ठोक नापजोख या नापतौल (को०) । सत्यमूल-वि० [स०] जिसका मूल सत्य हो। सत्य पर आद्धृत । उ०-सत्यमूल सव सुकृत सुहाए। वेद पुरान विदित मुनि गाए।-मानस, २।२८ । सत्यमेधा-सशा पुं० [सं० सत्यमेधस्] विष्णु [को॰] ।