पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/१५०

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करना। समानार व्यव समाक्षिक ४६६८ समाजशास्त्री समाक्षिक-वि० [स०] मधु या शहद से युक्त । शहद के माथ [को' । समाचरए - सज्ञा पुं० [सं०] १ मम्बर आचरण । २ पूरण करना। समाख्या-सचा स्त्री॰ [स०] १ ख्याति । यश । कीति । २ उपाधि । पूरा करना। ३ मेवन करना। न्यवहार मे नाना। अमन सज्ञा । नाम । ३ विश्लेपण । स्पष्टीकरण । व्याख्या (को०)। समाख्यात-वि० [स०] १ जो प्रसिद्व या प्यात हो। २ अच्छी ममाचरित-वि० [सं०] जिमका अच्छी तरह व्यवहार या मेवन किया तरह जिमका वणन या विवेचन किया गया हो। ३ मे पिन गया हो । सम्यक् म्प से प्राचग्नि फो०] । लिया गया हो। ४ अभिहित । घोपित (को०)। समाचार-सक्षा पु० [P०] १ मवाद । सबर । हाल । मे, नया नया ममाचार है। उ०--समाचार नेहि समर मुनि नीय समाख्यान-सञ्ज्ञा पु० [स०] १ नाम लेना। उल्लेख करना । २ उठी अकुनाउ ।-मानम २१५७ । विवरण । व्याख्या । ३ आख्या । नाम (को०] । यौ०-समाचारपत्र । ममाचार प्रमाण = रटियो या ममाचारपत्रो समागत'--वि० [स०] १ जिमका आगमन हुआ हो । प्रागत । पाया द्वारा खबर फैनाना । वर प्रमारित करना । हुआ। जैसे,—उन्होने समस्त समागत मज्जनो की यथेप्ट बुलेटिन = राबर की छाटो विवरणिका, मचना या दश्नहा। अभ्यर्थना की। २ प्रत्यावर्तित । वापस पाया हुया (को०)। २ शिष्टाचार । अच्छा व्यवहार (को०)। गैति । या (को०)। ३ जो सयुक्त स्थिति मे हो (को०) । ४ मिला हुआ। ममिलित ४ गति । प्रागे बटना (को०)। ५ यावरण। (को०)। हार (को०)। समागत--मशा पु० गोष्ठी । समिति । समूह । दल [ो । समाचारपत्र-सपा पुं० | म० समाचार + पन] वह पन्द्र जिसमे मव समागता- सज्ञा ली० [सं०] प्रहेलिका का एक भेद (को०] । देशा के अनक प्रकार के समाचार रहत हा। बर का विशेष-इसमे पहेली का अर्थ शब्दो की सधि मे छिपा होता है। कागज। अखार। समागति--सञ्ज्ञा स्त्री० [स०] १ सयोग । मिलन । एकत्र होना। २ समाचोए -वि० [म०] १ जिसे पूग कर लिया गया हो । २ व्यव- पहुँचना । उपगमन । ३ समान दशा या गति को। हार मे लाया हुमा [को० । समागम-सज्ञा पुं० [स०] १ आगमन । अाना। जैसे,—इस बार समाचेष्टित'-वि० [म०] १ जिसके लिये प्रयत्न किया जा चुका हो । यहाँ बहुत से विद्वानो का समागम होगा। २ मिलना। मिलन । २ जो व्यवहार मे लाग गया हो यो । भेट । जैसे,—इसी बहाने आज सब लोगो का समागम हो ममाचेष्टित–समा १०१ व्यवहार । अावरण । चरिख । २ अग- गया । ३ स्त्री के साथ सभोग करना। मथुन । ४ (ग्रहो का) सचालन का ढग । मगिमा यो०) । योग । ५ सघ । समूह (को०) । समाज-सज्ञा पुं० [स०] १ समूह। सघ । गरोह । दल । २ मभा। यो०-समागम क्षण = समागम काल | समागम प्रार्थना = ममागम ३ हाथी। ४ एक ही स्थान पर रहनेवाले अथवा एक ही की इच्छा । समागम मनोरथ = मिलन की इच्छा। प्रकार का व्यवमाय ग्रादि करनेवाले वे लोग जो मिनकर समागमकारी-वि० [स० समागमकारिन्। जो मिलाने या समागम अपना एक अलग समूह बनाते हैं। समुदाय । जैसे,-शिक्षित वराने में सहायक हो [को०] । ममाज, ब्राह्मण समाज । ५ वह नम्था जो बहुत ने लोगो ने समागमन-मजा पु० [सं०] १ समागम की क्रिया या भाव । मिलने एक माथ मिलकर किसी विशिष्ट उद्देश्य की पूर्ति के लिये की स्थिति । २ अागमन । आना । ३ सभोग । मैथुन (को॰] । म्यापित की हो। समा। जैसे,--मगोत ममाज, माहित्य समागमो-वि० [स० समागमिन्] १ मिलने या समागम करनेवाला । ममाज । ६ प्राचुर्य । समुच्चय । मग्रह (को०) । ७ एक प्रकार २ अासन्न या उपस्थित भविप्य (को॰] । का ग्रहयोग । ८ मिलना । एकत्र होना (को०)। समाजत-स्शा स्री० [अ०] खुशामद । अनुनय । विनय [को० । समागलित-वि० [स०] जो गिरा हुअा हो । च्युत । पतित (को॰) । समाजवाद--सचा पुं० [स. समाज+वाद] एक राजनीतिक समागाढ-वि० [स० समागाढ] प्रगाढ । सुदृढ । सिद्धात । समाघात-सज्ञा पु० [स०] १ युद्ध । लडाई। २ जान से मार विशेष--यह शब्द अग्रेजी 'मोशलिज्म' का हिंदी स्प है। म डालना । हत्या । वध (को०)। सिद्धात के अनुमार उत्पादन और उसके समान वितरण पर समाघ्राण-सज्ञा पु० [स०] सूघने की त्रिया। खूब अच्छी तरह से पूरे समाज का अधिकार स्वीकार किया जाता है। सूचना (को० । समाजवादी--वि० [स० समाज+वादिन् | गमाजवाद के मिद्धात का समाघ्रात-वि० [स०] खूब सूघा हुया । जिसे अच्छी तरह सूंघा गया अनुगमन करनेवाला। हो । अनावात का उलटा [को० । समाजशास्त्र--सञ्ज्ञा पुं० [स० समाज + शास्त्र] वह शास्त्र जो समाचक्षण-सज्ञा पु० [स०] १ ठीक ढंग से कहना। अच्छी तरह मानव समाज का उसे सामाजिक प्राणी मानकर अध्ययन- कहना । २ विवृत करना या विवरण उपस्थित करना (को०] । विवेचन करता है। समाचयन- सञ्चा पु० [स०] सग्रहण । चयन की क्रिया (को॰) । समाजशास्त्री-वि० [स० समाज+ शास्त्रिन्] समाजशास्त्र का पडित ।