पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/१५८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

समासक्ति ४९७६ समाहित समासक्ति-मसा ग्री० [सं०] १ लगाव। सवध । २ अनुरक्ति। समाहर-वि० [स०] विध्वसक । विनाशक [को०] । ग्रामक्ति । ३ दे० 'मनामा' (सो०। समाहरण-सक्षा पु० [स०] दे० 'समाहार'। ममामत्ति-समा म्हौ• [२०] नजदीक होने का माव । ममीपता को०। समाहर्ता -सज्ञा पुं० [स० ममाहर्ता । १ समाहार करनेवाला। समासन-" ०1०] १ पटपर या नम भूमि पर बैठने की त्रिया। २ वह जो किसी चीज का सक्षेप करता हो । ३ मिलाने- २ ( लोगा का) एक नाथ बैठना को । वाला । ४ कौटिल्य के अनुसार प्राचीन काल का राजकर' समापन्न-वि० [२०] १ प्राप्त । पहुँचा हुा । जो आ गया हो । २ एकत्न करनेवाला प्रधान कर्मचारी नजदीपावाला। जो पान हो [को० । विशेष – चद्रगुप्त के समय मे इसका मासिक वेतन २००० पण समासपर-सरा पु० [स०] १ मोजगज के एक प्राचीन नगर का नाम । था। यह जनपद को चार भागो मे विभक्त करके और ग्रामो २८० 'समासप्राय' । का ज्येष्ठ, मध्यम और कनिष्ठ के नाम से विभाग करके करो के रजिस्टर में निम्नलिखित वर्गीकरण करता था- समामप्राय-वि० [स०] पद या छद आदि जिसमे समास की परिहारक, प्रायुधिक, धान्यकर, पशुकर, हिरण्यकर, कुप्पकर, बहुलता हो। विशिप्टकर और प्रतिकर। इनमे मे प्रत्येक के लिये वह 'गोप' समामवहुल-वि० [म०] दे० समानप्राय' । नियुक्त करता था, जिनके अधिकार मे पाँच से दस गांव समासम-वि० [म०] जो सम और अमम हो (को०] । तक रहते थे। इन गोपो के ऊपर स्थानिक होते थे। समापर्जन-मशा पु० [स०] १ पूर्णत परित्याग या छोडना । २ दे समाहर्ता-वि० १ समाहार करनेवाला । सग्राहक । २ मिलानेवाला। देना । अपित करना । न्यस्त या सुपुट करना ।को०] । समाहर्तृपुरुष -सञ्ज्ञा पु० [स०] कौटिल्य अर्थशास्त्र के अनुसार समाहर्ता समामवानु'-वि० [स० समासवत् ] जिनमे समास हो । समास युक्त । का कारिदा। समानवाला (को॰] । समाहार-सज्ञा पु० [स०] १ बहुत सी चीजो को एक जगह इक्ट्ठा समामवान् – सझा पु० [म०] एक बहुत बडा पेड । तुन नामक वृक्ष । करना । सग्रह । २ समूह । राशि । ढेर। ३ मिलना। विशेप दे० 'तुन' [फा०, मिलाप । ४ शब्दो या वाक्यो का परस्पर सयोग (को०)। ५ समासादन-सहा पु० [स०] १ निकट होना या पहुँचना । २ प्राप्त दृद्व और द्विगु समासो का समप्टिविधायक एक उपभेद करना या होना। मिल जाना। ३ सपन्न करना। पूर्ण (को०)। ६ सक्षेपण। सकोचन (को०)। ७ वर्णमाला के दो करना (को०] । अक्षरो का शब्दाश मे योग । प्रत्याहार (को॰) । समामादित-वि० [स०] १ निकटस्थ । समीपस्थ । २ जो पहुँच समाहारद्वद्व-सञ्ज्ञा पु० [स० समाहारद्वन्द्व ] एक प्रकार का द्वद्व गया हो। ३ प्रासादित । प्राप्त । लब्ध । ४. पूर्ण या सिद्ध समास । वह द्वद समास जिससे उसके पादो के अर्थ के मिवा किया हुआ (को०)। कुछ और अर्थ भी सूचित होता हो। जैसे,-सेठसाहूकार, समासार्या-सहा स्त्री० [स०] किसी छ्द का वह अतिमाश जिसके हाथपाँव, दालरोटो आदि। इनमे से प्रत्येक के उनके पादो के आधार पर छद पूरा किया जाय । ममस्या किो०] । अर्थ के सिवा उसी प्रकार के कुछ और व्यक्तियो या पदार्थों समासीन--वि० [स०] १ अच्छी तरह बैठा हुअा। २ एक साथ बैठा का भी वोध होता है। हुअा (को०] । समाहित'-वि० [स०] १ रोका हुअा। पकडा हुआ । अधिकृत । २ समासोक्ति-मठा स्त्री० [सं०] एक प्रकार का अर्यालकार जिसमे जोडा हुआ । लगाया हुआ । जैसे,—याग मे ईधन । ३ सयो- समान कार्य, समान लिंग और समान विशेपण आदि के द्वारा जित । ४ सकलित । ५ सचित किया हुआ। ६ व्यवस्थित । किसी प्रस्तुत वर्णन से अप्रस्तुत का ज्ञान होता है। जैसे,- ७ प्रतिपादित किया हुआ। प्रतिपन्न । ८ स्वीकार किया 'कुमुदिनिहू प्रफुलित भई, साँझ क्लानिधि जोय' यहाँ प्रस्तुत हुया । ६ समजित। जिसमे सामजस्य स्थापित किया गया 'मुदिनी' से नायिका का और 'कलानिधि' से नायक का हो। १० दवाया हुआ। कम किया हुआ । जैसे,—उठता ज्ञान होता है। हुआ स्वर । ११ त किया हुअा (को०)। १२ शात (मन) (को०)। १३ प्रवृत्त। लीन (को०)। १४ सुपुर्द किया हुआ स्मात्या-सा श्री० [स०] १ कार्य काल । सन्न । २ साक्षात्कार । (को०)।१५ समान। सदृश । अनुरूप (को०)। १६ समभाव का। मुलाकात । ३ एक साथ बैठने की क्रिया [को०) । एक ही जैमा (को०)। १७ समध्वनित । सवादी। सगत समाहत-वि० [म०] १ मिला हुगा। जुड़ा हुा । २ घायल । (को०)। १८ भेजा हुा । प्रेपित (को॰) । चोट पाया हुया । ३ अावातित । मारा हुअा। पीटा हुया। यौ०-समाहितबी, समाहितबुद्धि, समाहितमति = स्थिर बुद्धि । जैने,-नगाग, घीना यादि । ४ एक साथ प्राधातित या प्रहा समाहितमना (मनस्) = स्थिर चित्त । रित पो०] समाहित'-सहा पुं० १ एकाग्रचित्त होना। एकनिष्ठता। २ वह समाहनन--समा पु० [सं०] हनन या मारन को निया (को०] । व्यक्ति जिमकी बुद्धि पुण्यमय हो । पुण्यात्मा [को०] ।