पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/२०५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

सह ५०२५ सहजन सह-सज्ञा स्त्री० समृद्धि । तब उसे तेल या वकरी के दूध मे पकाते हैं। कहते है कि इसके सहक-वि० [स०] सहनशील । सहिष्ण । क्षमाशील (को॰] । सेवन से दांत मजबूत हो जाते है। सहकरए-सज्ञा पुं० [स०] कोई काम साथ माथ करना। सहचरित-वि० [म०] १ साथ जाने या रहनेवाला। २ सगत । सहकर्ता--मशा पुं० [स० महकर्तृ] जो काम करने में मददगार या अन्रूप । युक्त (को०)। सहायक हो को०] 1 सहचरी--सज्ञा स्त्री० [स०] १ सहचर का स्त्री० रूप । २ पली। भार्या । जोरू । ३ सखी । सहेली। ४ पीली कटमरया। पीत सहकार-सज्ञा पु० [सं०] १ सुगधियुक्त पदार्थ । २ आम का पेड । झिटी (को०)। ३ कलमी आम । ४ ग्राम की मजरी या वीर (को०)। ५ आम्र का रस (को०)। ६ सहायक । मददगार । ७ साथ सहचार-सञ्ज्ञा पु० [स०] १ वह जो सदा साथ रहता हो। सहचर । मिलकर काम करना । सहयोग । सगी। साथी। २ साथ । सग। सोहबत । ३ समन्वय । सहकार-वि० हकार की ध्वनि से युक्त (को०] । सामजस्य । सगति (को०)। ४ न्याय मे हेतु के साथ साध्य का अनिवार्य होना (को०)। सहकारता-समा स्त्री० [म०] सहायता । मदद। सहचार उपाधि लक्षा-मज्ञा स्त्री० [स०] एक प्रकार की लक्षणा सहकारभजिका-मज्ञा स्त्री॰ [स० सहकारभजिका) प्राचीन काल की जिसमे जड सहचारी के कहने से चेतन सहचारी का बोध होता एक प्रकार की क्रीडा या अभिनय । है। जैसे,-'गद्दी को नमस्कार करो, यहा गद्दी शब्द से गद्दी सहकारिता-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [स०] १ सहकारी होने का भाव । सहायक पर बैठनेवाले का बोध होता है । होने का भाव । २. सहायता । मदद । सहचारिणी-मचा स्त्री० [स०] १ साथ मे रहनेवाली। सहचरी । सहकारी- समा पु० [सं० सहकारिन्] [वि॰ स्त्री० सहकारिणी] १ सखी। २ पत्नी। स्त्री। जोरू। साथ काम करनेवाला । साथी । सहयोगी। २ सहयोगात्मक । सहचारिता-सचा स्त्री॰ [स०] सहचारी होने का भाव । सह्योगयक्त । ३ सहायक । मददगार । सहायता करनेवाला । सहचारित्व--सज्ञा पु० [१०] सहचारी होने का भाव । सहकृत्-वि० [सं०] दे॰ 'सहकारी' । सहचारी-मसा पुं० [म सहचारिन्। [ 10 सहचारिणी] १ सगी। सहगमन-सक्षा पुं० [स०] १ साथ जाने की क्रिया । २ पति के शव साथी । दे० 'सहचर' । २ सेवक । नौकर। के साथ पत्नी के सती होने का व्यापार । सती होने की क्रिया । सहगवन-सचा पुं० [स० सहगमन, प्रा० सहगवण] दे० सहज-सज्ञा पु० [स० [अ० सहजा] १ सहोदर भाई । सगा भाई । 'सहगमन'। एक माँ का जाया भाई। २ निसग। स्वभाव। ३ ज्योतिष सहगामिनी-सन्ना स्त्री॰ [स०] १ वह स्त्री जो पति के शव के साथ मे जन्म लग्न से तृतीय स्थान । भाइयो और बहना आदि का विचार इसी स्थान को देखकर किया जाता है। ४ जीवन्मुक्ति सती हो जाय । पति की मृत्यु पर उनके साथ जल मरनेवाली स्त्री। उ०--मगल सकल सोहाहिँ न कसे । सहगामिनिहि (को०)। विभूपन जेसे |--मानस, २१३७ । २ स्त्री। पत्नी। सहचरी। सहज'-वि० स्वाभाविक । स्वभावोत्पन्न । प्राकृतिक । जैसे,--काटना साथिन । तो साँपो का सहज स्वभाव है। २ साधारण। ३ जन्मजात । सहगामी-वि०, सभा पुं० [स० सहगामिन्] [स्त्री० सहगामिनी] १ साथ ४ सरल। सुगम। आसान। जैसे,-जव तुमसे इतना सहज काम भी नही हो सकता, तब तुम और क्या करोगे। ५ साथ चलनेवाला । साथी । २ अनुकरण करनेवाला । अनुयायो। साथ उत्पन्न होनेवाला। सहगीन--सक्षा पु० [स० सहगमन, प्रा० सहगवन] दे० 'सहगमन' । सहजरि प्रकृति-सञ्ज्ञा पुं॰ [स०] वह राजा जो विजेता का पडोसी सहचर-मधा पु० [स०] [ली० सहचरी] १ वह जो साथ चलता हो। और स्वभावत शनुता रखनवाला हो। साथ चलनेवाला। साथी। हमराही। २ सेवक । दास । सहजकृति भृत्य । नौकर । ३ दोस्त । सखा। मिन्न । ४ कटसरैया - सञ्चा पु० [स०] सोना । स्वर्ण । ५ पति (को०)। ६ प्रतिवधक । जामिन (को०)। सहजकलव्य-सञ्ज्ञा पुं॰ [स०] नपुसकता रोग का एक भेद। वह नपुसकता जो जन्म से ही हो। सहचरणा-सबा पु० [स०] साथ साथ जाना या लगे रहना। सहजजन्मा-वि० [सं० सहजजन्मन्] १ यमज । यमल । जुडवाँ । २ सहचरा-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [स०] नीली कटसरैया। सगा। सहोदर [को०] 1 सहचराद्य तेल-सज्ञा पुं० [स०] वैद्यक मे एक प्रकार का तेल । सहजता-पधा सी० [सं०] १ सहज होने का भाव । २ सरलता । विशेष--यह तैल बनाने के लिये नीले फूलवाली कटसरैया, स्वाभाविकता। धमास, कत्था, जामुन की छाल, ग्राम की छाल, मुलेठी, कमलगट्टा सब एक टके भर लेते हैं और उनका चूर्ण बनाकर सहजवार्मिक-वि० [स०] जो स्वभावत धर्मनिष्ठ हो ।को०] । १६ सेर जल मे डालकर प्रौटाते है । जब चौथाई रह जाता है, सहजन-सच्चा पुं० [हिं० सहिजन दे० 'सहिजन'।