सार २०६७ साद्ध रु०, पृ० २१ । (ख) सारीखी जोडी जुडी या नारी अउ नाह । व्यापारी माल (कौटि०) । ५ कारवार करनेवाला । व्यापारी । -ढोला०, दू०६ । रोजगारी। ६, धनी व्यक्ति (को०)। ७ तीर्थयात्री (को०)। सारुg+-सज्ञा पु० [हिं०] दे० 'सार'। उ०-सगर मे सरजा ८ समाज । समूह । भीड । दल (को०)। शिवाजी अरि सैनन को, सारु हरि लेत हिंदुवान सिर सारु सार्थ-वि० १ अर्थ सहित । जिसका अर्थ हो। २ उद्देश्ययुक्त । दै।-भूपण ग्र०, पृ० ५४ ॥ जिसका कुछ उद्देश्य हो (को०) । ३ समान अर्थ या महत्व का सारूप-सञ्ज्ञा पु० [स०] समान रूप होने का भाव । सरुपना। (को०)। ५ सपन्न । धनी (को०)। ६ जो उपयोगी या काम के सारूप्य-सशा पु० [स०] १ पाँच प्रकार की मुक्तियो मे से एक लायक हो (को॰) । प्रकार की मुक्ति जिसमे उपासक अपने उपास्य देव के रूप मे सार्थक-वि० [स०] १ अर्थ सहित । २ सफल । सिद्ध । पूर्ण मनोरथ । रहता है और अत मे उसी उपास्य देवता का रूप प्राप्त कर ३ उपकारी । गुणकारी। मुफीद। ४ लाभकर । लाभदायक । लेता है । २ समान रूप होने का भाव । एकरूपता सरूपता। साथकता-सञ्ज्ञा स्त्री० [स०] १ सार्थक होने का भाव । २ सफलता। सिद्धि । उ०--अधिक प्राणो के पास, अधिक प्रानदमय, ३ अनुकूल वस्तु की सरूपता अथवा रूपसादृश्य के कारण अधिक कहने के लिये प्रगति की सार्थकता। - आराधना, जन्य चित्तक्षोभ की वृद्धि अथवा क्रोधादि व्यवहार (को०) । ४ किसी पदार्थ को या उससे मिलती जुलती सूरत को देखकर पृ०८६। होनेवाला आश्चर्य (को०)। सार्थघ्न-सज्ञा पु० [सं०] वह जो सार्थ या कारवों को नष्ट करता सारूप्य'-~-वि० सनुपयुक्त। उचित । ठीक [को०] । अथवा लूट लेता हो । डाकू (को०] । सारूप्यता-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [स०] सारूप्य का भाव या धर्म । सार्थज-वि० [स०] सार्थ मे उत्पन्न । कारवाँ मे पला हुआ (को०)। सारो@+१ - सज्ञा पु० [स० शालि] एक प्रकार का धान जो अगहन सार्थपति-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] व्यापार करनेवाला । वणिक् । रोजगारी । मास मे तैयार हो जाता है। सार्थ का स्वामी। कारवाँ का प्रधान । सारो+२- सश स्त्री० [स० सारिका] दे० 'सारिका' । सार्थपाल-वि० [स०] सार्थ की देखभाल करनेवाला। व्यापारियो के सारोदक-मशा पु० [स०] अनतमूल का रस। काफिले का रक्षक (को०) । सारोपा-सञ्ज्ञा स्त्री० [२०] साहित्य मे एक प्रकार की लक्षणा जो उस सार्थभृत्-स -सज्ञा पु० [स०] सार्थ का सचालक या प्रधान (को०] । स्थान पर होती है जहाँ एक पदार्थ मे दूसरे का आरोप होने पर सार्थवत्-वि० [स०] १ जिसका कुछ अर्थ हो। अर्थयुक्त । २ कुछ विशिष्ट अर्थ निकलता है। जैसे,-गरमी के दिनो मे यथार्थ । ठीक । ३ सार्थ या समूहवाला। विशाल समूह के पानी ही जान है। यहाँ 'पानो' मे 'जान' का आरोप किया साथ (को०)। गया है। पर अभिप्राय यह निकलता है कि यदि थोडी देर भी सार्थवाह-सञ्चा पु० [स०] १ सार्थ का प्रधान या नेता । २ पानी न मिले तो जान निकलने लगती है। व्यापारी। रोजगारी (को०] । सारोप्टिक, सारोष्ट्रिक - सज्ञा पु० [स०] एक प्रकार का विप । सार्थवाहन-सञ्ज्ञा पु० [स०] दे० 'सार्थवाह'। सारोह--वि० [स०] १ आरोहयुक्त । ऊपर उठा हुआ । २ घोडेवाले सार्थसचय -वि० [स० सार्थसञ्चय] धनी । मालदार (को॰) । या घुडसवार के साथ (को०] । सार्थहा-वि० [स० सार्थहन्] सार्थ का नाश करनेवाला (को॰] । सारौं -सज्ञा स्रो० [हिं० सारो] सारिका । मैना। सार्थहा-सञ्ज्ञा पु० डाकू (को०। सार्क-वि० [सं०] अर्क या सूर्य से युक्त । धूप या आतपयुक्त [को०] । साथहोन-वि० [स०] अपने सार्थ से बिछुडा हुआ। जो अपने दल सागंड, सार्गल--वि० [सं०] अगलायुक्त। प्रतिवधित। रोक या से बिछुड गया हो (को०] । प्रतिवध से युक्त । प्रतिरोधित (को०] । सार्थवान-वि० [स० सार्यवत्] १. अर्थयुक्त । २ अभिप्राय से युक्त । सार्गाल-वि० [स० शार्गाल ?] शृगाल सवधी । स्यार का। महत्वपूर्ण । ३ जिसके साथ बहुत बडा समूह हो (को०] । सागिक - सज्ञा पु० [स०] वह जो सृष्टि करने में समर्थ हो । स्रष्टा । सातिबाह्य-सज्ञा पु० [स०] कौटिल्य अर्थशास्त्र के अनुसार माल सृष्टिकर्ता। की चलान । व्यापारिक माल को रवाना करना । सार्जंट-संज्ञा पु० [अ० सार्जेट] दे० 'सर्जट' । साथिक'-वि० [स.] १ दे० 'सार्थक' । २ सहयात्री। साथ मे याना साज-सञ्ज्ञा पुं० [स०] राल । धूना। करनेवाला (को०)। साजनाक्षि-सज्ञा पु० [स०] एक गोत्रप्रवर्तक ऋपि का नाम । साथिक-सञ्ज्ञा पु० १ वणिक् । व्यापारी। २ सहयात्री [को०] । साटिफिकेट-सञ्चा पु० [अ० सार्टिफिकेट] दे० 'सर्टिफिकेट' । सार्थी-सरा पु० [स० सारथिन् रथ हॉकनेवाला । कोचबान । सान--सञ्ज्ञा पुं० [स०] घर । निवास [को०] । सार्दूल-सञ्ज्ञा पुं० [स० शार्दूल] सिंह । केसरी। विशेष दे० 'शार्दूल'। सार्थ'-सज्ञा पु० [स०] १ जतुप्रो का समूह । पशुग्रो का झुड। २ साद्ध-वि० [स०] १. जिसमे पूरे के अतिरिक्त आधा भी मिला या वणिको का समूह । कारवाँ । ३. समूह। गरोह । झुंड । ४. लगा हो । अर्धयुक्त । २. सहित ।
पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/२६७
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