पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/२७६

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पारिपद । 1 साहनी साहसिक साहना-क्रि० स० [म० साहित्य ( = मिलन)] भैसो का जोडा साहबी'-वि० [अ० साहिव + ई (प्रत्य॰)] माहब का। साहब खिलाना । बुहाना। सवधी । जैसे,—सायी चाल । साहबी रग ढग । साहनी-मज्ञा स्त्री० [स० सेनानी या फा० शह, १] १ सेना । फौज । साहवी-सशा स्रो १ साहव होने का भाव । २ प्रगुता। उ०-(क) आयकै आपने आश्रम मे कियो यज्ञ अरभ प्रमोद मालिकपन । ३ सर्वोच्चता। मर्वोपरि होने का माव । ईश्वरत्व । प्रफुल्ला । प्राय निशाचर साहनी साजै मरीच सुबाहु सुने मख ४ वडाई । बडप्पन । महत्व । गुल्ला।--रघुराज (शब्द०)। (ख) करत बिहार द्विरद मुहा--साहवी करना = (१) अफ गरी दिखाना। अफसरो की मतवारे । गिरि सम वपुप भूलते कारे। कोटिन वाजि साहनी आवै। नीर पियाइ नदी अन्हवाव ।-सवल (शब्द०)। तरह रहना । (२) रोव गाँठना । (३) मीमा से बाहर अधिक व्यय करके ठाटबाट मे रहना। २ साथी। सगी। उ०-हम खेलव तव साय, होइ नीच सब भांति जो। कह्यो बचन कुरुनाथ शकुनी तो सिरमौर मम । साहवीयत-संज्ञा स्त्री० [अ० साहिन + इयत (प्रत्य॰)] साहवपन । साहवी । अफसरी ढग। धरहु भार निज शीश, वैठारह किन साहनी । हमहिन पोछि महीश मैं खेलब नृप सदसि महँ ।-सवल (शब्द०)। ३ साह बुलबुल--यश पुं० [अ० शाह + फा• बुलबुल] एक प्रकार का उ०--भगत सकल साहनी बोलाए।-तुलसी बुलबुल जिसका सिर काला, सारा शरीर सफेद और दुम एक (शब्द०)।४ कोतवाल । ५ सेनापति । हाथ लबी होती है। साहब'--सञ्ज्ञा पु० [अ० साहिव] [स्त्री० साहिवा] १ मित्र । दोस्त । साहय---वि० [स०] महन करने मे प्रवृत्त करनेवाला [को०] । साथी। २ मालिक। स्वामी। ३ परमेश्वर । ईश्वर । साहस--सञ्ज्ञा पुं० [स०] १ वह मानमिक गुण या शक्ति जिसके ४ एक सम्मानसूचक शब्द जिसका व्यवहार नाम के साथ होता द्वारा मनुष्य यर्थप्ट बल के अभाव में भी कोई भारी काम है । महाशय । जैसे,--मु ० कालिका प्रसाद साहव । कर बैठता है या दृढतापूर्वक विपत्तियो या कठिनाइयों आदि का यौ०-साहबजादा । साहव सलामत । मामना करता है। हिम्मत । हियाव । जैसे,--वह साहस ५ गोरी जाति का कोई व्यक्ति । फिरगी। ६ अफसर । हाकिम । करके डाकुओ पर टूट पडा। सरदार । ७ अग्रेजोकी तरह ठाट बाट से रहनेवाला व्यक्ति । क्रि० प्र०--करना।-दिखलाना ।--होना । साहब'--वि० वाला। २ जबरदस्ती दूसरे का धन लेना । लूटना। ३ कोई बुरा काम । विशेष-इस अर्थ मे इस शब्द का व्यवहार यौगिक शब्दो मे दुष्ट कर्म। ४ द्वेप । ५ अत्याचार । ६ क्रूरता । बेरहमी । होता है । जैसे,--साहबइकबाल । साहवतदवीर । साहादिमाग । ७ परस्त्री गमन । ८ बलात्कार । ६ दड। सजा। १० साहबइसाफ-वि० [अ० साहिव ए इसाफ] न्यायो । न्यायशील किो०] । जुर्माना । ११ अविमृश्यकारिता। अविवेकिता। प्रौद्धत्य । उतावलापन। १२ वह अग्नि जिसपर यज्ञ के लिये चरु साहबखाना-सज्ञा पु० [अ० साहिब + फा० खानह] घर का स्वामी। पकाया जाता है। गृहपति (को०] । साहबगरज--वि० [अ० साहिबगरज] गर्जू । स्वार्थी । खुदगरज [को॰] । साहसकरए-सज्ञा पु० [सं०] १ साहस करना। बल प्रयोग । २ उग्रता । रता। साहबजादा-सशा पु० [अ० साहिव+फा० जादह] [स्त्री साहबजादी] १ भले या बडे आदमी का लडका । २ पुन । बेटा । जैसे, साहसकारी-वि० [स० माहसकारिन्] १ साहस करनेवाला । अाज अापके साहबजादा कहाँ है ? साहसी । वहादुर । हिम्मती । २. उद्धृत । अविवेकी (को०] । साहवदिल-वि० [अ० साहिब + फा० दिल] सहृदय । साधु । सज्जन । साहसदड--सज्ञा पुं० [स० साहसदण्ड] १ सबसे बडा दड। कठोर- मनस्वी (को०] । तम दड । प्राणदड [को०] । साहबपन--सज्ञा पु० [अ० साहिब + हिं• पन (प्रत्य॰)] साहव होने साहसलाछन-वि० [सं० साहसलाञ्छन] जिसकी पहचान साहस हो। का भाव । साहवी (को०] । जो अपने साहस से जाना पहचाना जाय (को०) । साहब बहादुर-सज्ञा पु० [अ० साहिव+फा० बहादुर] १ सम्मानित साहसाक-सज्ञा पुं० [सं० साहसाङ्क] १ राजा विक्रमादित्य का एक व्यक्ति या गजा का सवोधन । २ योरोपीय ढग से रहनेवाला नाम। २ एक कोशकार का नाम (को०)। ३ एक कवि का व्यक्ति। नाम (को०)। साहबान-सञ्चा पु० [अ० साहिव का बहु व०] सज्जन वृद। सत्पुरुष । साहसाधिपति-सशा पुं० [स०] पुलिस अफसर (को०] । साहबाना-वि० [अ० साहिवानह.] साहवी ढग का । साहबी। साहसाव्यवसायी-वि० [स० साहसाध्यवसायिन्] किसी कार्य मे साहब सलामत-मज्ञा स्त्री० [अ०] परस्पर मिलने के समय होनेवाला उतावली या जल्दीबाजी करनेवाला (को। अभिवादन । बदगी। सलाम। जैसे,—जब कमी वे रास्ते मे साहसिक-वि०, सज्ञा पु० [स०] १ वह जिसमे साहस हो । साहस मिल जाते हैं, तब साहवसलामत हो जाती है। करनेवाला। हिम्मतवर। पराक्रमी । २ डाक् । ३ चोर।