पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/३६०

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सुदुस्तर, सुदुस्तार ६०८० सुद्युम्न सुदुरतर, सुदुस्तार-वि० [स०] जिसे पार करना बडा कठिन हो [को०] । एक पर्वत का नाम । सुदेल्ल पर्वत । ४ राजा मगर के ज्येप्ठ सुदुस्त्यज-वि० [स०] जिसे त्यागना बहुत कठिन हो [को०] । पुन असमजस का दत्तक पुत्र । सुदूर'--वि० [म० | बहुत दूर का । अति दूरवर्ती। जैसे--सुदूर पूर्व मे। सुदेष्णा--सशा स्रो० [सं०] १ वलि की पत्नी। २ विराट की पत्नी और कीचक की बहन । सुदूर--अव्य० बहुत दूर । अतिदूर । सुदेष्णु--सज्ञा स्त्री॰ [स०] दे० 'सुदेष्णा' । सुदूर पराहत-वि० [स०] १ जो बहुत पहले नष्ट हो चुका हो। पूण ध्वस्त । २ जो पूर्वनिर्णीत हो । पूर्वनिराकृत । सुदेसg:--सज्ञा पुं० [सं० सुदेश] दे० 'सुदेश' । सुदूरपूर्व-सज्ञा पु० [स०] अति दूरस्थ पूर्वीय देश । सुदेश'-मज्ञा पु० [स० स्वदण] अपना देश । स्वदेश । सुदेस-वि० सु दर । उ०—अति मुदे ममृदु हरत चियु र मन मोहन सुद्रमूल-सज्ञा पुं० [स० सुदृढमूल धमासा। हिंगुणा । मुख वगराइ । मानो प्रगट कज पर मजुल अति अवली फिर सुदृढ-वि० [म० सुदढ] बहुत दृढ । खूब मजबूत । जैसे,—सुदृढ वधन । आइ । सूर०, १०1१०८। सुदृढत्वचा--सज्ञा स्त्री० [स० सुदृढत्वचा] गभारी । गम्हार । सुदेसी-वि० [सं० स्व + देश, हिं० मुदेस + ई (प्रत्य॰)] स्वदेशी । सुदृश-वि० [म०] २ सुदर नेत्रोवाला। २ पैनी या तीक्ष्ण दृष्टि अपने देश का। वाला। ३ जो सु दर हो [को०) । सुदेह'-सरा पुं० [स०] मु दर देह । मु दर शरीर । सुदृश---सज्ञा पुं० [म.] बौद्धो का एक देववर्ग (को॰] । सुदेह-वि० सु दर। कमनीय। उ०-चले विदेह सुदेह हृदय हरि नेह सुदृश'---सज्ञा स्त्री॰ [स०] रूपवती स्त्री [को०] । वसाए । जरासध बल अध सैन सन बध मिलाए ।-गिरधर सुदृष्टि'---सज्ञा पु० [म०] गिद्ध । (शब्द०)। सुदृष्टि:--सज्ञा भी० उत्तम दष्टि । सुदैव--सज्ञा पुं॰ [सं०] १ मौभाग्य । अच्छा भाग्य । अच्छी किसमत । सुदृष्टि'-वि० १ दूरदर्शी । २ तीक्ष्णदृष्टि । तीखो चितवनवाला । २ अच्छा सयोग। सुदेल्ल-सज्ञा ५० [स०] सुदेष्ण पर्वत का एक नाम । (महाभारत) । सुदोग्ध्री-वि० [स०] अधिक दूध देनेवाली (गौ ग्रादि) । सुदेव-स्शा पु० [स०] १ उत्तम देवता । २ उत्तम क्रीडा करनेवाला। सुदोघ'-वि० सी० [स०] बहुत दूध देनेवाली (गो) । ३ एक काश्यप । ४ अक्रूर का एक पुन । ५ पौड्र वासुदेव सुदोघ-वि० दानशील । उदार । का एक पुत्र । ६ देवल का पुन । ७ विष्णु का एक पुन । सुदोह, सुदोहना-वि० [स०] सुख या पाराम से दूहने योग्य। जिसे ८ अवरीप का एक सेनापति । ६ एक ब्राह्मण जिसने दमयती दूहने मे कोई कष्ट न हो। के कहने से राजा नन का पता लगाया था। १० परावमु सुदौमी@--वि० [?] शीघ्रतापूर्वक । त्वरित । गधर्व के नौ पुत्रो मे से एक जो ब्रह्मा के शाप से हिरण्याक्ष सुद्दा-सहा पुं० [अ० मुद्दह ] दे० 'सुद्दी' । दैत्य के घर उत्पन्न हुआ था। ११ हर्यश्व का पुत्र और काशी सुद्दी-सज्ञा स्त्री० [अ० सुद्दह.] पेट का जमा हुआ वह सूखा मल जो का राजा। फुलाकर निकाला जाय। सुदेवा--मज्ञा स्त्री० [स०] १ अरिह की पत्नी । २ विकुठन की पत्नी । सुद्ध---वि० [सं० शुद्ध, प्रा० मुद्ध] दे० 'शुद्ध' । सुदेवी-मज्ञा ग्नी० [म०] भागवत के अनुसार नाभि की पत्नी और सुद्ध-अव्य० [स० सह] सहित । समेत । मिलाकर । जैसे,—उसके ऋपम की माता। सुद्धा सात आदमी थे। सुदेव्य--सञ्ज्ञा पु० [म०] श्रेष्ठ देवताओं का समूह । सुद्धात-सज्ञा स्त्री॰ [स० शुद्धान्त] जनाना । (डि०) । सुदेश-पज्ञा पु० [म०] १ सुदर देश । उत्तम देश । अच्छा मुल्क । सुद्धा -अव्व० [स० सह] दे० 'सुद्धा'। २ उपयुक्त स्थान । उचित स्थान । उ०-~-छूटि जात लाज मुद्धि'- '-सश स्त्री० [सं० शुद्ध (बुद्धि)] दे० 'सुध' । उ०--(क) हिम्मति तहाँ भूपण सुदेश केश टूट जात हार सब मिटत शृगार है। गई वजीर की ऐसी कीनी बुद्धि। होनहार जैसी कछू तैसीय -भूपण (शब्द०)। मन सुद्धि ।--सूदन (शब्द०)। (ख) जैसी हो भवितव्यता तैसी 'सु दर । उ०--(क) श्याम मु दर सुदेश पीत पट शीश उपज बुद्धि । होनहार हिरदे वस विसर जाय सब सुद्धि । - मुकुट उर माला । जनु धन दामिनि रवि तारागण उदित एक लल्लू (शब्द०)। ही काला ।--मूर (शब्द॰) । (ख) लटकन चारु भृकुटिया टेढी मेढी मुभग सुदेश सुभाए । —तुलसी (शब्द०)। (ग) सुद्धिः--सज्ञा स्त्री० [सं० शुद्धि] दे० 'शुट्टि' । सीय स्वयबर जनकपुर मुनि सुनि सकल नरेश । आए साज सुध--मज्ञा पुं० [सं०] पुरुवशी राजा चार पद के पुत्र का नाम । समाज मजि भूपन वसन सुदेश ।--तुलसी (शब्द॰) । सुद्यत्--वि० [सं०] खूब प्रकाशमान । सुदीप्त । सुदेशिक--सज्ञा पुं० [सं०] उत्तम पथप्रदर्शक (को०] । सुद्युम्न-सज्ञा पुं० [सं०] वैवस्वत मनु का पुन जो इट नाम से प्रसिद्ध है। सुदेष्ण-संज्ञा पुं० [म०] १ रुक्मिणी के गर्भ से उत्पन्न श्रीकृष्ण का विशेष-अग्निपुराण मे इसकी कथा इस प्रकार दी है--एक बार एक पुन । २ एक प्राचीन जनपद का नाम । ३ पुराणानुसार हिमालय मे महादेव जी पार्वती जी के साथ क्रीड़ा कर रहे थे। - सुदेशर--वि०