पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/३७४

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, सुप्रसाद ६०६४ सुवाल सुप्रसाद'-पञ्चा पु० [म०] १ शिव । २ विष्ण। ३ स्कंद का एक सुफुल्ल-वि० [स०] फूलो से संपन्न । सुंदर फूलो से युक्त । पार्षद । ४ एक असुर का नाम । ५ अत्यत प्रसन्नता । सुफेद-वि० [अ० सुफंद] दे० 'सफेद' । सुप्रसाद-वि० १ अत्यत प्रमन्न या कृपालु । २ सरलता से अनुकूल सुफेदी सी० [अ० सुफैदी] दे० 'सफेदी' । या प्रसन्न करने योग्य (को॰) । सुफेन न-सज्ञा पुं० [स०] समुद्रफेन । सुप्रमादक-वि० [स० दे० सुप्रसाद'। सुबत-वि० [स० सुवन्त] जिसके अत मे सुप् विभक्ति हो। सम्कृत सुप्रपादा-सज्ञा स्त्री॰ [स०] कार्तिकेय को एक मातृका का नाम । व्याकरण मे विभक्तियुक्त (शब्द, सना)। सुप्रसारा-सज्ञा स्त्री० [स०] दे० 'सुप्रसरा'। सुर्घतपद-संज्ञा पुं॰ [सं० सुबन्तपद] विभक्तियुक्त सज्ञा या शब्द । सुप्रसिद्ध--वि० [सं०] बहुत प्रसिद्ध । सुविख्यात । वहुत मशहूर । सुवध'-सज्ञा पुं० [स० सुवन्ध] तिल । सुप्रसू सज्ञा स्त्री० [म०] सरलता से प्रसव करनेवाली स्त्री [को॰] । सुवध'--वि० अच्छी तरह बँधा हुआ। सुप्राकृत-वि० [स०] ग्राम्य । असभ्य । अशिष्ट [को०] । सुवधविमोचन--संज्ञा पुं० [म० सुवन्धविमोचन] शिव का सुप्राप-वि० [स०] जो सरलता से प्राप्त हो । सुलभ (को०] । नाम [को०] । सुप्रिय'--मज्ञा पुं० [40] बौद्वो के अनुसार एक गधर्व का नाम । सुबधु-सचा पु० [सं० सुबन्धु] १ एक प्राचीन ऋपि का नाम । सुप्रिय-वि० [वि॰ स्त्री० सुप्रिया] अत्यत प्रिय । बहुत प्यारा। २ अच्छा भाई। उ०--होहि कुठाय सुवधु सहाए ।--मानस, सुप्रिया--मशा स्त्री॰ [म०] १ एक अप्सरा का नाम । २ सोलह मानायो २२३०५। ३ वाणभट्ट का समकालीन संस्कृत गद्यकाव्य का एक वृत्त जिसमे अतिम वरण के अतिरिक्त शेप सब वर्ण 'वासवदत्ता' का प्रख्यात रचयिता। लघु होते है। यह एक प्रकार की चौपाई है। यथा-तवहुँ न सुबबु'-वि• उत्तम वधुअोवाला । जिसके अच्छे वधु या मित्र हो । लखन उतर कछु दयऊ । ३ मनोहारिणो स्त्री। सुदर स्त्री (को०)। ४ प्रियतमा । प्रेमिका । प्रेयसी (को०) । सुबडा--सञ्चा पु० [देश०) टलही चांदी । तावा मिली हुई चाँदी। सुबन-वि० [सं०] १ धूसर । २. चिकनी भौहवाला। सुप्रीम-वि॰ [अ०, सर्वोच्च । सबसे ऊंचा (को०)। सुवर-सज्ञा पुं० [स० सुवल] वीर । योद्धा । सुभट । सुप्रीम कोर्ट---सज्ञा पु० [अ०] १ प्रधान या उच्च न्यायालय । २ सबसे वडी कचहरी । सर्वोच्च न्यायालय । सुवरन-तचा पुं० [सं० सुवर्ण] १ सोना । २ सुदर अक्षर । विशेष--ईस्ट इडिया कपनी के राजत्वकाल मे कलकत्ते में सुप्रीम ३ सुदर रंग। उ०-सुवरन को खोजत फिरै कवि व्यभि- चारी चोर।- कोर्ट था, जिसमे तीन जज बैठते थे। अनतर महारानी विक्टो- सुबरनी-सञ्चा स्री० [स० सुवर्ण ] छडी। रिया के राजत्वकाल मे यह सुप्रीम कोर्ट तोड दिया गया और इसके स्थान पर हाई कोर्ट की स्थापना की गई। इगलंड मे सुबल'--संज्ञा पुं॰ [स०] शिव जी का एक नाम । २ एक पक्षी (वैनतेय प्रिवी कौसिल था जो सर्वोच्च माना जाता था। भारत के स्वतन्त्र की सतान) । ३ सुमति के एक पुत्र का नाम । ४ गाधार का होने पर दिल्ली में सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना हुई जिसे एक राजा जो शकुनि का पिता और धृतराष्ट्र का ससुर था। सुप्रीम कोट भी कहते है। ५ पुराणानुसार भौत्य मनु के पुत्र का नाम । ६ श्रीकृष्ण का सुप्रौढा----तशा स्री० [सं०] विवाह के योग्य कन्या (को०] । एक सखा। सुफरा-सज्ञा पुं॰ [देश॰] टेबल पर विछाने का कपडा । सुबल'---वि० अत्यत बलवान । बहुत मजबूत । सुफल-सज्ञा पुं॰ [स०] १ छोटा अमलतास । कर्णिकार । २ वादाम । सुबलपुत्र-सज्ञा ० [सं०] राजा सुबल का पुन, शकुनि [को०] | ३ अनार। दाडिम। ४ बैर। बदर। ५ मूंग। मुद्ग। सुबलपुर-सञ्ज्ञा पुं० [स०] कोकट राज्य का एक प्राचीन नगर । ६ कथ। कपित्य । ७ विजीरा नीवू । मातुलुग। ८ सुदर सुबह-सज्ञा स्त्री० [अ०] प्रात काल । सवेरा। फल । ६ अच्छा परिणाम । सुवहान--सञ्ज्ञा पुं० [अ० सुबहान] दे० 'सुभान' । उ०-प्राब सुफल:--वि० १ सुदर फलवाला (अस्त्र) । २ सुदर फलो से युक्त। आतश अर्श कुरसी सूरते सुवहान । सिर्र सिफत करदा बूदद ३ सफल । कृतकार्य। कृतार्थ । कामयाव । मारफत मुकाम ।-दादू (शब्द॰) । सुफलक--सज्ञा पुं॰ [स०] एक यादव जो अबेर का पिता था। सुबहान अल्ला-अन्य ० [१०] अरबी का एक पद जिसका प्रयोग सुफलकमुत-सज्ञा पुं० [स०] अक्रूर । किसी बात पर हर्ष या आश्चर्य प्रकट करते हुए किया जाता है। सुफला'-सज्ञा स्त्री० [सं०] १ इद्रायण। इद्रवारुणी। २ पेठा । वाह वाह । क्यो न हो। धन्य है। कुम्हडा । कुष्माड । ३ गभारी। काश्मरी । ४ केला । कदली । सुबाधव--सज्ञा पुं॰ [स० सुवान्धव] १ शिव । २ उत्तम मिन्न । ५ मुनक्का । कपिला द्राक्षा। सुवाल-सञ्ज्ञा पुं० स०] १ एक देवता। २ एक उपनिषद् का सुफना-वि०१ सुदर या वहुत फल देनेवाली। अधिक फलोवाली। नाम । ३ उत्तम बालक । २ सुदर फलवाली । जैसे,-तलवार । सुबाल-वि० वालक के समान निर्वाध । अज्ञान ।