पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/३९७

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सुरेंद्रवती ७०१७ सुरोष नाम। करना। । सूरेद्रवती-सद्धा स्त्री० [सं० सुरेन्द्रवती] शची । इद्राणी। सुरेष्ट-मंज्ञा पुं० [म०] १ सफेद अंगस्त का वृक्ष । २ लाल अगस्त । सुरेद्रा-सञ्ज्ञा स्त्री० [स० सुरेन्द्रा] एक किन्नरी का नाम । ३ सुरपुन्नाग। ४ शिवमल्ली। बडी मौलसिरी। ५ साल सुरेख-वि० [स०] सुदर रेखाकन करनेवाला [को॰] । वृक्ष । साखू। सुरेखा-सज्ञा स्त्री॰ [स०] १ सुदर रेखा । २ हाय पाँव मे होनेवाली सुरेष्टक--मज्ञा सं० [स०] शाल । साखू । अश्वकर्ण । वे रेखाएँ जिनका रहना शुभ समझा जाता है । सुरेप्टा-सज्ञा स्त्री० [स०] ब्राह्मी। सुरेज्य-सज्ञा पुं० [स०] बृहस्पति । मुरेस--सञ्ज्ञा पु० [स० सुरेश] दे० 'सुरेण' । सुरेज्ययुग 1-सज्ञा पु० [सं०] फलित ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति का सुरै सज्ञा स्त्री० [देश॰] एक प्रकार की अनिष्टकारी घास जो गर्मी के युग जिसमे पाँच वर्ष है। इन पांचो वर्षों के नाम ये हैं-- मौसम में पैदा होती है। अगिरा, श्रीमुख, भाव, युवा और धाता । सुरै'- सज्ञा स्त्री० [स० सुरभी) गाय । (डि०) । सुरेज्या--सञ्ज्ञा स्त्री० [स०] १ तुलसी । २ ब्राह्मी । सुरै--वि० बहुत धनी। प्रचुर सपत्तियुक्त (को॰] । मुरेणु' --सज्ञा पु० [सं०] १ बसरेणु । २ एक प्राचीन राजा का सुरैत--सज्ञा सी० [स० सुरति] वह स्त्री जिससे विवाह सबध न हुआ हो बल्कि जो यो ही घर मे रख ली गई हो। सुरैतिन । उपपत्नी रखनी। रखेली। सुरेणु-सञ्ज्ञा स्त्री० १ त्वाष्ट्री की पुत्री और विवस्वान् की पत्नी। २ एक नदी का नाम जो सप्त सरस्वतियो मे समझी जाती है। सुरैतवाल--सज्ञा पु० [हिं० सुरैत + वाल] सुरत का लडका । सुरेणुपप्पध्वज-सज्ञा पुं० [स०] बौद्धो अनुसार किन्नरो के एक सरैतवाला-सबा पुं० (हिं०] दे० 'सुरतवाल' । राजा का नाम। सुरैतिन--सज्ञा स्त्री॰ [स० सुरति] दे० 'सुरत' । सुरेतना --क्रि० स० [देश॰] खराव अनाज से अच्छे अनाज को अलग सुरैया--सज्ञा स्त्री॰ [अ०] १ तीसरा नक्षत्र । कृत्तिका। २ कान मे पहनने का भुमका। ३ रोशनी का झाड [को०] । सुरेतर--सञ्ज्ञा पु० [स०] असुर । सुरोचन - सा पु० [स०] १ यज्ञबाहु के एक पुत्र का नाम । २ एक सुरेता--वि० [स० सुरेतस्] बहुत वीर्यवान् । अधिक सामर्थ्यवान् । वर्ष का नाम। सुरेतोषा-वि० [स० सुरेतोधस्] वीर्यवान् । पौरपसपन्न । सुरोचना-सज्ञा स्त्री॰ [स०] कार्तिकेय की एक मातृका का नाम । सुरेथ--सञ्ज्ञा पुं॰ [देश॰] सूंस । शिशुमार । उ०-रथ सुरेथ भुज मीन सुरोचि--वि० [स० सुरुचि] सुदर। उ०--गिरि जात न जानत समाना। शिरकच्छप गजग्राह प्रमाना।-विश्राम (शब्द०)। पान न खात विरी कर पकज के दल की। विहँसी सब गोप- सुरेनुका@--सज्ञा स्त्री० [स० सुरेण] दे० 'सुरेण' । उ०-~-सोमनाथ सुता हरि लोचन मंदिसुरोचि दृगचल की। केशव (शब्द०)। विरत ह आलनाथ एकग। हरिक्षेत्र नैमिष सदा अशतीशु सुरोची-सज्ञा पुं० [सं० सुरोचिस्] वशिष्ठ के एक पुत्र का नाम । चित्रग। प्रगट प्रभासु सुरेनुका हh जापु उज्जैनि। शकर सुरोत्तम--सशा पु० [स०] १ देवतागो मे श्रेष्ठ, विष्णु । २ सूर्य । पूरनि पुष्करु अरु प्रयाग मृगननि ।---केशव (शब्द॰) । ३ इद्र (को०)। ४ सुरा का फेन (को॰) । सुरेभ' --सञ्ज्ञा पु० [स०] १ सुरहस्ती । देवहस्ती । २ दिन (को०)। सुरोत्तमा-सझा स्त्री० [स०] एक अप्सरा का नाम । सुरेभ'--वि० सुस्वर । सुरीला । सुरोत्तर--सज्ञा पुं॰ [स०] चदन । मुरेवट-सञ्चा पुं० [स०] एक प्रकार का सुपारी का पेड । रामपूग । सुरोद'---सज्ञा पु० [सं०] सुरासमुद्र । मदिरा का समुद्र । सुरेश-सज्ञा पु० [स०] १ देवताओं के स्वामी इद्र । २ शिव । ३ सुरोद'-मज्ञा पु० [स० स्वरोद] दे० 'सरोद' । विष्णु । ४ कृष्ण । ५ लोकपाल । ६ अग्नि का एक नाम (को०)। सुरोद'-सञ्ज्ञा पु० [फा०] गायन । गाना (को०] । सुरेशलोक-सशा पु० [स०] इद्रलोक । सुरोदक-सज्ञा पु० [हिं० सुरोदक] दे॰ 'सुरोद' । सुरेशी-सा स्त्री० [सं०] दुर्गा । सुरोदय-~-सञ्ज्ञा पु० [५० स्वरोदय] दे॰ 'स्वरोदय' । सुरेश्वर' -सज्ञा पु० [स०] १ देवतानो के स्वामी, इद्र । २ ब्रह्मा । सुरोध-सज्ञा पुं० [०] पुराणानुसार तस के एक पुत्र का नाम ३ शिव । ४ रुद्र । ५ विष्णु (को॰) । सुरोघा--सज्ञा पुं० [सं० सुरोधस्] एक गोत्रप्रवर्तक ऋषि का नाम । सुरेश्वर-वि० देवतागो मे श्रेष्ठ । सुरोपम--वि० [स०] सुरतुल्य । देवता के समान । सुरेश्वरी--सज्ञा स्त्री० [स०] १ देवतायो की स्वामिनी, दुर्गा । २ सुरोपयाम--सज्ञा पुं० [स०] मदिरापान [को॰] । लक्ष्मी।३ राधा। ४ स्वर्गगगा। सुरोमा'-वि० [स० सुरोमन् ] सुदर रोमवाला । जिसके रोम सुदर हो। सुरेश्वराचार्य--सज्ञा पुं० [स०] मडन । सुरोमा-सञ्ज्ञा पुं० १. एक यज्ञ का नाम । २ एक असुरनाग (को॰) । सुरोषण-सज्ञा पु० [सं०] देवताओ के एक सेन , त श्री नाम।