पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/४१६

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दोस्त। सुहावरे सुहोत्र सुहाव'-सज्ञा पुं० [स० सु + हाव] सुदर हाव। उ०—किधी यह यौ०-सुहृत्याग = सुहृत् का परित्याग। सुहृत्प्राप्ति = मिन का केशव शृगार की है सिद्धि किधी भाग की सहेली के सुहाग मिलना । सुहत्प्रेम = मित्र के प्रति प्रेम । को मुहाव है। -केशव (शब्द॰) । ३ ज्योतिप के अनुसार लग्न से चौथा स्थान जिससे यह जाना सुहावता--वि० [हिं० सुहाना] [वि० श्री. सुहावती] अच्छा लगने जाता है कि मिन आदि कैसे होगे। वाला । सुहावना । भला। उ०-इस समय इसके मनभावती सुहृत्ता-सज्ञा स्त्री० [स०] १ सुहृत् होने का भाव या धर्म । २ सुहावती वात कहूँ।-लल्लू (शब्द०)। मित्रता। दोस्ती। सुहावन पु-वि० [हिं० मुहाना] दे० 'सुहावना' । उ०-जगमगात सुहृत्व-मज्ञा पु० [स०] मुहृत्ता । मैत्री। नृप गात वरम वर परम सुहावन ।-गिरिधर (शब्द॰) । सुहृद्--सज्ञा पुं० [सं०] दे० 'मुहृत्' । सुहावना'- वि० [हिं० सुहाना] [वि॰ स्त्री० सुहावनी] जो देखने मे यौ०-सुहृद्वल- मित्र राष्ट्र की सेना । सुहृद्भेद = (१) मित्र का भला मालूम हो । सुदर। प्रियदर्शन । मनोहर । जैसे, सुहावना अलग होना । मैत्री न रहना। (२) हितोपदेश का दूसरा समय, सुहावना दृश्य, सुहावना रूप। परिच्छेद । सुहृद्वाक्य = मिन की सलाह । अच्छी सलाह । उत्तम मत । सुहावना-क्रि० अ० दे० 'सुहाना' । उ०-कछु औरहु वात सुहावत है। -श्रीनिवास (शब्द०)। सुहृद-सज्ञा पुं० [स०] १ शिव का एक नाम । २ मिन । सखा । सुहावनापन - सञ्चा पु० [हिं० सुहावना+पन (प्रत्य॰)] सुहावना सुहृदय-वि० [स०] १ अच्छे हदयवाला। उन्नतमना । २ सहृदय । होने का भाव । सुदरता । मनोहरता। स्नेहशील। सुहावला--वि० [हिं० सुहावना] दे० 'सुहावना' । उ०-पारसी सुहेल-सशा पु० [अ०] एक प्रसिद्ध चमकीला सितारा जो फारसी तया पांति की पीपर पत्र लिख्यो किधो मोहिनी मन्न सुहावली।- अरवी के कवियो के अनुसार यमन देश मे उगता है। उ०-- सुदरीमर्वस्व (शब्द॰) । विछुरता जब भेट सो जाने जेहि नेह । सुक्ख सुहेला उग्गवै सुहास-वि० [स०] [वि॰ स्त्री० सुहासा] चारु या मधुर हास्ययुक्त । दुख झरे जिमि मेह। —जायसी (शब्द०)। सुदर या मधुर मुसकानवाला। उ०-उतते नेक इतै चित विशेष--कहते हैं, इसके उदय होने पर सब कीडे मकोडे मर राति वितं तजि कोह। तेरो वदन सुहास से ससि प्रकास सो जाते हैं और चमडे मे सुगध उत्पन्न हो जाती है। यह शुभ सोह ।-शृगारसतसई (शब्द०) । और सौभाग्य का सूचक माना जाता है। सुहास-सज्ञा पु० सुदर हास्य । मोहक हंसी। सुहेल रा-वि० [हिं० सुहेला+ ग (प्रत्य॰)] दे० 'सुहेला' । उ०- सुहासिनी-वि० [म०] सु दर हँसी हंसनेवानी । मधुर मुसकानवाली। अाज सुहेलरो सोहावन सतगुरु आए मोरे धाम ।-कवीर सुहासिनी--सञ्ज्ञा स्त्री० सौभाग्यवती स्त्री। सधवा स्त्री। (शब्द०)। सुहासी-वि० [स० सुहामिन्] [स्त्री॰ सुहासिनी] सुदर हँसनेवाला। सुहेला'-वि० [स० शुभ या सुखकेलि, प्रा० सुहेल्लि] १ सुहावना । मधुर मुसकानवाला। चाम्हासी। मुदर । उ०-साँझ समै ललना मिलि पाई खरो जहां नंदलाल सुहित-वि० [स०] १ बहुत लाभकारी। उपयोगी। २ किया हुआ। अलवेलो । खेलन को निसि चांदनी मांह वन न मतो मतिराम सपादित। ३ तृप्त । सतुष्ट । ४ मिन्न । स्नेही (को०)। ५ सुहेलो।-मतिराम (शब्द॰) । २ सुखदायक। सुखद। उपयुक्त । ठीक। उ०-मरना मीत सुहेला। बिछुरन खरा दुहेला ।-दादू (शब्द०)। सुहिता-सञ्ज्ञा स्त्री० [स०] १ अग्नि की सात जिह्वाग्रो मे से एक सुहेलामशा पु० १ मगलगीत । २ स्तुति । स्तव । जिह्वा का नाम । २ रुद्रजटा। सुहिया-सज्ञा स्त्री० [हिं० सुग्रा] दे० 'सुहा' । सुहेस:-वि॰ [स० शुभ] अच्छा । सुदर । भला । सुहैल-सज्ञा पु० [अ०] एक बहुत ऊँचा तारा जिसका दर्शन शुभ सुही-वि० [देश०] लाल । लाल रगवाला । उ०-इदीवर दलनि माना जाता है। मिलाय सोनजुही गुही, सुही माल हाल रूप, गुन न परे गर्ने ।- सुहोता -सज्ञा पु० [स० सुहोत्तृ] १ वह जो उत्तम रूप से हवन करता घनानद, पृ० १२३ । हो । अच्छा होता । २ भुमन्यु के एक पुत्र का नाम । ३ वितथ सुहू-सज्ञा पु० [सं०] उग्रसेन के एक पुत्र का नाम । के एक पुत्र का नाम। सुहूँ@--वि० [स० शुद्ध ?] ठीक । पूरा। उ०-घन अानंद जान सुहोत्र -सज्ञा पु० [स०] १ एक वैदिक ऋपि का नाम । २ एक बाह- सजीवन सो कहिये तो समै लहिये न सुहूँ।-घनानद, स्पत्य का नाम । ३ एक यानेय का नाम । ४ एक कौरव का पृ०७४ । नाम । ५ सहदेव के एक पुत्र का नाम । ६ भुमन्यु के एक पुन सुहृत्-सज्ञा पु० [स०] १ अच्छे हृदयवाला। २ मिन्न । सखा। का नाम । ७ वृहत्क्षत्र के एक पुत्र का नाम । ८ वृहदिषु के एक पुत्र का नाम । ६ सुधावा के एक पुत्र का नाम । १० एक वधु । दोस्त ।