पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/४६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

पाइ पूरण रूप को रमि सदिग्धार्थ-सज्ञा पुं० वह विषय जिमपर मतैक्य न हो। २ वह अपदाकया-पाडा स्त्री० [अ० सदूक + हि० इया (प्रत्य॰)] मदुक । सदि ४८६२ सदृश्य सदि गुपया नी० [म० सन्धि] मेल । मधि। उ०-रूप सेंवर सदोपन'-मज्ञा पुं० [सं० सन्दीपन] १ उद्दीप्त करने की क्रिया । सदि सो बहु आपुयो अनयास । उद्दीपन । प्रज्वलित करना। २ कृष्ण के गुरु का नाम । भूमि केशवदास । -केशव (शब्द०)। विशेष २० मादीपनि' । ३ कामदेव के पांच बाणो मे मे एक वाग का नाम। सदिग्ध'-वि० [मे० सन्दिग्ध] १ जिसमे किसी प्रकार का सदेह हो । सदेहपूर्ण। सशयजनक। मुश्तवह। २ सना हुआ। ढका सदीपन' -वि० १ उद्दीपन करनेवाला। उनेजन करनेवाला । २ हुआ। ३ भ्रात । विह्वल । ४ सशक (को०)। ५ अव्यवस्थित । मुनगानेवाला । प्रज्वलित करनेवाला (को०)। अस्पप्ट। जैसे,—वाक्य। ६ खतरनाक । असुरक्षित (को०)। सदोपनी'-सा मी० [म० मन्दीपनी] मगीत मे पचम स्वर की चार ७ विप से भरा हुमा । विपाक्त (को०)। श्रुतियो मे से तीमरी श्रुति । सदिग्ध-सज्ञा पुं० १ उत्तराभाम। मिथ्या उत्तर का एक लक्षण । सदोपनी-वि० सदीपन करनेवानी । उद्दीप्त करनेवाली । २ एक प्रकार का व्यग्य जिममे यह नही प्रकट होता कि वाचक सदीपित-व० [म० सन्दीप्न] १ जिमका सदोपन किया गया हो । या व्यजक मे व्यग्य है। ३ वह जिसपर किसी अपराध का सदीप्त । उद्दीप्न । २ जलाया हुया । प्रज्वलित । सदेह किया जाय । जैसे,—राजनीतिक सदिग्ध । ४ सशय । सदीप्त-वि० (म० सन्दीप्न] १ प्रज्वलित । २ उद्दीप्त । ३ उत्तेजन । अनिश्चय (को०) । ५ अनुलेपन । लेपन (को०)। उकमाया हुअा (को० ॥ सदिग्धता-मज्ञा स्त्री० [स० सन्दिग्धता] दे॰ सदिग्धत्व' (को०] । सदीप्य'-सा पुं० [म० मन्दीप्य] मयूरशिखा नामक वृक्ष । सदिग्धत्व-सक्षा पु० [स० सन्दिग्धत्व] १ सदिग्ध होने का भाव या सदोप्य-वि० मदीपन करने के योग्य । सदीपनीय । धर्म । सदिग्धता। २ अलकार शास्त्रानुसार एक प्रकार का सदुष्ट-वि० [म०] १ कलुपित किया हुना। खराव । २ नीच । दोप जो उम समय माना जाता है जब कि किसी उक्ति का दुष्ट । ३ विकृत । कुरूप [को०] । ठोक ठीक अर्थ प्रकट नही होता। अर्थ के सबध मे कुछ सदेह वना रहता है। सदूक-पक्षा पु० [अ० मटूक] [अल्पा० सदूकचा, सदूकची] लकडी, लोहे, चमड़े आदि का बना हुमा चौकोर पिटारा जिसमे प्रार संदिग्धनिश्चय-वि० [स• सन्दिग्ध निश्चय] किसी बात या कार्य कपडे, गहने ग्रादि चीजें रखते हैं । पेटो । वकस । पर दृढ न हो सकनेवाला (को०] । सदूकचा-सज्ञा पु० [प्र० सदूक + चह, (प्रत्य॰)] छोटा सदूक । संदिग्धफल-वि० [स० सन्दिग्धफल] १ विपाक्त वाण रखनेवाला । छोटा वकस । छोटो पेटी। २ जिसकी नोक विपवुझी हो । जैसे,—तीर, गाँसी [को०] । सदकनी-मज्ञा स्त्री० [अ० सदूक + ची (प्रत्य॰)] छोटो पेटो या सदिग्दधबुद्धि-वि० [स० सन्दिग्धबुद्धि] सदेही । शकी (को०] । सदिग्धमति- वि० [सं० सन्दिग्धमति] दे॰ 'सदिग्धबुद्धि' [को०] । सदकडो-महा स्त्री० [अ० सदूक + डी (प्रत्ग०)] छोटा रदूक । सदिग्धार्थर-वि० [स० सन्दिग्धार्थ] सदिग्ध अर्थवाला। जिसका मतलब छोटा बकस। सदेहास्पद हो [को०)। वकम । पेटो। जो सदेहास्पद हो [को०] 1 सदुकी-वि० [अ० सदूक] सदुक मा। वसनुमा। सदूक के आकार सदिग्धीकृत-वि० [स० सन्दिग्धीकृत] जिसे सदिग्ध किया गया हो जिसे का । जैसे, मदूकी कन। सशय युक्त या सदेहास्पद किया गया हो। सदख-स्वा पु० [हिं० सदूक दे० 'मदूक' । संदित-वि० [स० सन्दित] बाँधा हुआ । ग्रस्त । निगडित (को० सदूर पु-सज्ञा पुं० [स० सिन्दूर] दे० 'निदूर'। उ०-नवल सिंगार सदिष्ट'-वि० [म० सन्दिष्ट] १ कथित । कहा हुअा। बताया हुआ। बनाहत कीन्हा । सोस पसाहि सदुर दीन्हा ।-जायमी २ सकेतित । इगित (को०)। ३ वादा किया हुआ । प्रति (शब्द०)। ज्ञात (को०)। ४ निर्दिष्ट (को०)। सदूषण--सञ्ज्ञा पुं० [स० सन्दूपरण] सदुष्ट करना। कल्पित या सदिष्ट-सज्ञा पु० १ वार्ता। बातचीत । २ समाचार। खराब करना [को०] । ३ सदेशवाहक । चर (को०)। सदूषित--वि० [स० सन्दूपित] १ दूपित किया हुआ। २ (रोग) सदिष्टार्थ-सञ्ज्ञा पु० [म० सन्दिष्टार्थ] वह जो एक का समाचार दूसरे जो असाध्य हो गया हो। जिसकी हालत और भी खराब हो तक पहुँचाता हो। संदेसा ले जानेवाला दूत । कासिद । उठी हो (मर्ज) । ३ जिमको निंदा की गई हो। सदिहान-वि० [म० सन्दिहान सदिग्ध । सशयपूर्ण (को०] । सहब्ध-वि० [स० सन्दृब्ध] परस्पर गुंथा हुया [को०)। सदी-सज्ञा सी० [स० सन्दी] शय्या | पलग । खाट । सदृश्य-वि० [स० सन्दृश्य] १ किसी के अनुरूप या समान देख पड़ने- सदोपक-वि० [स० सन्दीपक] उद्दीपन करनेवाला । उद्दीपक । वाला। २ दे० 'सदृष्ट'। मदक। खबर।