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पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 6.djvu/२००

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पहले २६०६ निकल जाना । (२) किसी काम से जी चुराना । टाल जाना। सर्वपूर्व । सर्वप्रथम । पौवल या पहली मन्तवा । जैसे,-जब जैसे,-जब जब ऐसा मौका पाता है तव तव आप पहलू वचा मैंने पहले पहल अापके दर्शन किए थे तबसे पाप बहुत मुध जाते हैं । पहलू पर होना = सहायक होना। मददगार होना। बदल गए हैं। पक्ष पर होना । जैसे,—तुम्हारे पहलू पर प्राज कौन है ? पहलौंठा- [हिं० पहला-+ोठा (प्रत्य॰) ] दे० 'पहलीठा' । ४ करवट । बल । दिशा । तरफ । जैसे,—(क) किसी पहलू पहलौंठी-राशा सी० [हिं० पहला+चाँठी (प्रत्य)] दे० 'पहलोठी' । चैन नही पड़ता। (ख) हर पहलू ने देख लिया, चीज अच्छी पहलौठा-वि० [हिं० पहला+मोटा (प्रत्य)] [वि० पी० पहलीटी] है। ५ पडोस । आसपाम । किसी के प्रति निकट का स्थान । पहली वार के गर्भ से उतान (लडया)। प्रघम गर्भजात । पार्व। पहलौठी-सशा स्त्री० [हिं० पहनोठा ] मबसे पहली जनन क्रिया। मुहा०पहलू यसाना = किसी के समीप में जा रहना । पडोस सबसे पहले गर्भमोचन । प्रथम प्रनद । पहले पहल बच्चा पावाद करना । पडोसी बनना । जनना। जैसे -यह उनका पहलोठी का लडा है। ६ [वि० पहलूदार ] किसी वस्तु के पृष्ठ देश पर का समतल पहा -सशा पुं० [ म०प्रभा, या देश०] १ ज्योति । प्रकाश । २ कटाव । पहल । जैसे, इस खभे मे पाठ पहलू निकालो। प्रतिज्ञा। प्रण (लाक्ष०)। उ०-नेम घारियो नरेम पहा न मि०प्र०-तराशना ।-निकालना । को चढे पेस। देस कह सको देस बत्री बीज गयो खेस।- ७ विचारणीय विषय का कोई एक प्रग। किसी वस्तु के सवध रघु० रु०, पृ०७६ । में उन बातो मे से एक जिनपर अलग अलग विचार किया पहाऊ-सशा ग्री० [सं० प्रभात ] प्रभाती । भोर के समय गाया जा सकता हो अथवा करने का प्रयोजन हो। किसी विषय जानेवाला गीत । उ०-सु दरदास पहाक गांव मांगत इहैं के उन कई रूपो में से एक जो विचारष्टि से दिखाई पड़े। गुण, दोप, भलाई, बुराई आदि की से किसी जु दरसन पार्य।-सु दर ग्रं०, भा० २ पृ० ८५० । वस्तु के भिन्न भिन्न अग। पक्ष । जैसे,—( क ) अभी पहाड़ -सशा पुं० [ स० पापाय ] [दी प्रत्पा० पहाड़ी] १ पत्यर, आपने इस मामले के एक ही पहलू पर विचार किया है चूने, मिट्टी आदि की चट्टानो का ऊंचा और बड़ा समूह जो और पहलुयो पर भी विचार कर लीजिए तब कोई मत प्राकृतिक रीति से बना हो। पर्वत । गिरि । (विशेष स्थिर कीजिए । (ख) उठ चलने का सोचता था विवरण के लिये दे० 'पर्वत' ) । पहलू । -नसीम (शब्द०)। ८ सकेत । गुप्त सूचना । मुहा०-पहाद उठाना = (१) भारी काम सिर पर लेना। गूढाशय । वाक्य का ऐसा प्राशय जो जान बूझकर गुप्त (२) भारी काम पूरा करना । पहाइ कटना = बहुत नारी रखा गया हो और बहुत सोचने पर खुले । किसी वाक्य और कठिन काम हो जाना। ऐसे काम का दो जाना जा या घाब्द के साधारण अर्थ से भिन्न प्रोर किंचित् छिपा हुघा असभव जान पड़ता रहा हो । यडी भारी कठिनाई दूर होना। दूसरा अर्थ । ध्वचि । व्यग्यार्थ। १०-खोटी बातें हैं और सकट कटना । पहाट काटना -मसभव कार्य पर पाबना। पहलूदार । हाँ तेरे दिन मे सीमवर है। -अज्ञातकवि वहुत भारी काम पर डालना । ऐसा फाग र सानना जिसका (पाब्द०) ६. युक्ति । ढंग । तरकीव (फो०)। १० यहावा । होने की बहुत कम प्रापा रही हो । सपट से पीछा छुडाना। मिस । व्याज (को०)। पहाड हटनी या टूट पठना = अचानक कोई भारी धापत्ति पहले-अप० [हिं० पहला] १ प्रारभ मे । सर्वप्रथम । मादि मे । आ पटना । महान सपट उपस्थित होना । एकाएक भारी शुरू मे । जैसे,—यहाँ आने पर पहले थाप फिसके यहाँ गए ? मुमीवत मा पडना । जैसे,-बैठे बैठाए बेचारे पर पहाट दट यौ०- पहले पहल । पडा । पराड से टक्कर लेना = अपने से बहुत अधिक वलवान् २ देश क्रम में प्रथम । स्थिति में पूर्व। जैसे,--उनका मकान व्यक्ति से शता ठानना । बडे मे बैर करना। जब दस्त से मेरे मकान से पहले पडता है। ३ वालक्रम में प्रथम । मुकाबिला करना । पहाडों से सिर टर राना = घपने से बहुत पूर्व मे । भागे । पेश्तर । जैसे—(क) पहले नमकीन व शक्तिमान् से संघर्ष मोल लेना। उ-पत्र प्राप पहाटों सा लो सब मीठा खाना। (ख) यहाँ आने के पहले पाप से सिर टकराइए ।—फिसाना०, भा० ३, पृ० १७६ । कहाँ रहते थे? ४ बीते समय मे। पूर्वकाल मे। गत २ किसी वस्तु का बहुत भारी वेर । किसी वस्तु का बहुत बड़ा काल मे। अगले जमाने मे । जैसे-(फ) पहले ऐसी बातें ममूह । पहाट के समान ऊँची -णि या जी-बात की सुनने में भी नही पाती थी। (स) अजी पहले के लोग बात में यहाँ पुस्तगो का पहाटला गया। अय कहाँ है? पहाई-वि०१ पहाट की तरह भारी (नोज ) | रत योजन पहलेज-सशा पुं० [ देश० ] एक प्रकार का सरबूजा जो फुछ लयो (चीज)। प्रतिपाय गुरु (वस्तु)। जैसे-तुम्नो पारमर तरा होता है। यह स्वाद मे गोल सरबूजे की अपेक्षा पुष वा बोझ भी पहा मार्ग पटना। २ (वर) गिरने हीन होता है। निम्तार न हो सके। (बह ) जिमको समाप्त यापन पर पहले पहल-प्रव्य० [हिं० पहले ] पहली बार । सबसे पहले। सफें । जैसे,—(क) र को राह हमारे निये पदारहो ६-२४