पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 6.djvu/५४४

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३२५३ प्लेट फैलने पर बहुत अधिक लोग मरते हैं। ताळन । २. एक प्रायः दीवारों मादि पर चिपकाया जाता है। पोस्टर । सक्रामक रोग जो प्राय जाड़े मे फैलता है। जैसे,--दीवारों पर थिएटर, सिनेमा पादि के रंग बिरगे विशेष-इसमें रोगी को बहुत तेज ज्वर पाता है और जांघ या प्लैकर्ड लगे हुए थे। बगल में गिलटी निकल पाती है। यह रोग प्राय ३-४ दिन क्रि० प्र०-चिपकना ।--चिपकाना ।-लगना ।-नगाना । में ही रोगी के प्राण ले लेता है और कभी कभी इसके १०० प्लैटिनम--सञ्ज्ञा पु० [म.] चांदी के रग की एक प्रसिद्ध बहुमूल्य में से ६०-६५ तक रोगी मर जाते हैं। कहते हैं, छठी धातु जो पठारहवी शताब्दी के मध्य में दक्षिण अमेरिका से शताब्दी मे यह रोग पहले पहल लेवाट से युरोप में - गया था युगेप गई थी। मौर वही से अनेक देशो में फैला । इधर सन् १९०० से भारत विशेष - यह घातु शुद्ध रूप में नहीं पाई जाती मौर इसमें कई में इसका विशेष प्रकोप था पर अब कम हो गया है । धातुप्रो का कुछ न कुछ मेल रहता है । यह प्राय सब घातुमो से अधिक भारी होती है और इसके पत्तर पीटे या तार खीचे प्लेट- सच्चा पुं० [अ०] १. किसी धातु का पत्तर या पतला पीटा हुआ जा सकते हैं। यह पाग से नहीं पिघल सकती, विजली अथवा टुकडा । चादर । २. छिछली थाली। तश्तरी। रिकाबी। कुछ रासायनिक क्रियाप्रो की सहायता से गलाई जाती है। ३. सोने चाँदी प्रादि का बना हुआ प्याला या किसी इसमें मोरचा नहीं लगता और न इसपर तेजावो आदि प्रकार की तस्ती जो किसी (विलायती) खेल में का कोई प्रभाव होता है। इसी लिये विजली के तथा और बाजी जीतनेवाले को पुरस्कार और प्रमाण के रूप मे भनेक रासायनिक कार्यों में इसका व्यवहार होता है। रूस में दी जाय । जैसे, घुड़दौड का प्लेट, क्रिकेट का प्लेट । ४ कुछ दिनो तक इसके सिक्के भी चलते थे। दक्षिण अमेरिका धातु का बना हुमा वह चौडा पत्तर जिसपर कोई लेख के अतिरिक्त यह युराल पर्वत तथा वोनियो द्वीप में भी आदि खुदा या बना हो। यह कई कामों में प्राता है, जैसे, पाई जाती है। दरवाजे या साइनबोर्ड की जगह लगाने के लिये, लेखो मादि के चित्र छापने के लिये, पुस्तको आदि की जिल्द पर प्लैन-सञ्ज्ञा पुं० [अ०] १ किसी बननेवाली इमारत का रेखा- नाम प्रादि का ठप्पा करने के लिये । ५.फोटो लेने का वह चित्र या नक्शा । ढाँचा। खाका । जैसे,—मकान का प्लैन शीशा जो प्रकाश में पहुंचते ही अपने ऊपर पडनेवालो छाया म्युनिसिपौलटी में दाखिल कर दिया है । मजुरी मिलते ही को स्थायी रूप से ग्रहण कर लेता है। पीछे से इसी शीशे काम मे हाथ लग जायगा । २ किसी काम को करने का से फोटो चित्र छापे और तैयार किए जाते हैं। विचार या भायोजन । वदिश । मनसुवा। तजवीज । योजना । स्कीम । जैसे,—तुमने यहाँ भाकर मेरा सारा प्लेन प्लेटफार्म-सञ्ज्ञा पुं॰ [4] १. कोई चौकोर और समतल चबूतरा, बिगाड दिया। विशेषतः किसी इमारत मादि मे इस उद्देश्य से बना चबूतरा प्लैनचट-सञ्ज्ञा पुं० [अं० प्लाचेट ] दे० 'प्लाचेठ' । कि उसपर खडे होकर लोग वक्तृता या उपदेश दें । २. रेलवे स्टेशनों पर बना हुआ वह ऊंचा और बहुत लंबा चबूतरा प्लोत-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] १. पट्टी। घाव पर बांधने की पट्टी (को॰) । जिसके सामने भाकर रेलगाड़ी खडी होती है मौर जिसपर से २. कपडा (को०) । ३. पित्त का विकार जो मुंह से गिरता है। होकर यात्री रेल पर चढ़ते या उससे उतरते हैं। प्लोष-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] १. भक से जल जाना। २. दाह । जलन । पित्तविकार । प्लेयर-सञ्ज्ञा पुं० [40] खिलाडी। उ०-खुदा ने मुझे वैसा 'प्लेयर' नहीं बनाया जैसा तुम्हें दोस्त ।-पद०, पृ० ५२ । प्लोषण'-वि० [सं०] [वि० सी० प्वोपणी] जलनेवाला। जैसे, मदनप्लोषण । दहकनेवाला। प्लैंटर-सज्ञा पुं॰ [अं॰] वह जो विदेश में जमीन लेकर (चाय, गन्ने, नील आदि की) सेती करता हो। बडे पैमाने में खेती प्लोषण-सञ्ज्ञा पुं० जलन । दाह । [को०] । करनेवाला। प्सा-सचा स्त्री॰ [सं०] १. मुख । बुभुक्षा | २. खाना । खाद्य वस्तु [को०] । विशेष-हिंदुस्तान में 'प्लटर' शब्द से गोरे प्लटरो का ही बोष प्सात -वि० [सं०] १. भूखा । वुभुक्षित । २. भक्षित । खाया हुआ [को॰) । होता है। जैसे,-टी प्लैटर (चाय बगान का साहब), प्सान-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] १. भोजन । २. खाना । खाद्यपदार्थ । इडिगो प्लैंटर (निलहा गोरा या साहब) प्रादि । प्सुर-वि० [सं०] १. सुंदर । सलोना । प्यारा । २. रूप या प्राकारः प्लेकर्ड-सञ्ज्ञा पुं० [4] छपा हुमा बड़ा नोटिस या विज्ञापन जो युक्त को०] ।