सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 7.djvu/४१५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

भापना २५४ उ०-भापण करने में भी तुझसे न लग जाय हा, मुझको 48 95915 17 f490 7, mit uf: 62 -11 1814 पाप । शुस करूंगी में इस तनको पनि पाप में अपने मारा है। It. Ltte भाप ।-सात, पृ० ३८६ | दिखी। ५. 4द गोरी nint 2011 में कि प्र-करना -दना-सुनना।-गुनाना । tu.दी। ४.RE eat I l भापना'-fh० प्र० [.. भाषण] पोलना। विना। पार बिदा पनि मान--13018" को मिली। . 1 1 piiiiiii करना। २.पाणी.it भापना'-० १० [ ५० भदाण ] भोग्न करना । साना । (4-) !!, wala iti ultimi भाषांतर-सा पुं० [ भाषान्तर ] एका भागामे निय प्रादि पापार पर दुमरी भाषा में लिपा से। पनुदि । उल्पा । तरनुमा । III - CH) 16113 it dif! vile! भाषा-ज्ञा . [ में०] १. ना को गति मिकी 11.11. सहायता से किसी समाजमा मनोग पानमनोगत भाव तथा बिमार दुसरे पर प्रकट की। मुग

  • 7131415! 11 ] Trillo & 4.", it it 1.6.1

उपारित होने से गमो मोर पालिकामा रुको timfsati जिनके द्वारा मन को चार वतनाना। पी.जी। *1'111*--,( ) ux}:4111 जवान । वाणी। 37141' (,) HINITY :1 173 *41?! SA विशेष-स समप सारे मंमार में पान मारो प्रारको 1171** ** t salt for (**) 1 भाषाएं बोली जातीको साधारण: मानेभाषियों को मापाविधान-01-RI TH4 mins छोड़ पर लोगों की समझ में नहीं पा.मनाया 61 077*** 1 T 114 4141 * 4:49. fiti, देश की भाषा तो लोग बचत गेही पाहोने 517f1th, 1991n, tak1, **t, slice पच्छी तरह जानते हैं, पर दुरदेवों या ममा मोनो भाषा of21:3-4, STRA**1,7f, c'1x1-:, विना पदो तरह पीनही मागे। भावानापों *171967 ans:1/13* 1,115 1161 ने भापाको पापं, सेमेटिकमिटिमारिपारित mm 191 AR4. 6:14 61: * "19u1 कर उनमें से प्रत्येक को पा. पग पसाएं मानती Strji, गुमनाम Rit ६. मोर नशामाको भी पोजना में 1141, fity 14**{* 4131 1 बड़ी वो भाषामों पोर न सती मंदा, उमापायों

  • TI********** (1* 2611 * x23:4$7.: ***7

अपवा बोलियों को मा है। बदमागे दिदी भाषा *** wit glat 101 **N? भाषाविज्ञान की रष्टि में भाषामा प्राय गं को भारतीय पायं पासा को एक भाषा पोर भाषा, पापी, iteit gut il ft1914 e ftu- Wicu बुदेलखी मादि इमो उपमापाएंगा पोनिमा। पास UBIC tilt: 35 is 411, A1, dil, पास वोली जानेवाली पनेक उपभापों या योनियों में अद 416 HT, urat gift 16 HITS कुछ साम्य होता है। पौर उमी साम्रा प्रापार पर उनके में होगा। वर्ग या कुल स्थापित किए जाने कामहो पात बड़ी बढ़ो भाषामों में जिनका पारारिक भापासमिति-in-[if ginger माम्प उतना पधिक तो नही, पर फिर भी पात नुप पापारामा पानी पान होता है। संसार को समो वाठों को मोति भाषा का बोग प्रमान योर महो। भी मनुष्प की पादिम अवस्या के प्रयात नाद से पर वक aufge.m'[-] *14*1 dayti वरावर विकास होता पाया ; पोर इसी विकास कारण भापिका'--. [i] पीसनेवासो रहा । भाषामो में सदा परिवर्तन होता रहता है। भारतीय प्रायो भाषिका'-islatrji। की पदिफ भाषा से संस्थत और प्रारों का मातों में मपनशों का मोर मांगों ये पाधुनिक भारतीय भाषाओं tifua (4) *[4S itu फा विकास हुमा है। भापित'-43401 क्रि० प्र०-जानना ।-बोलना ।-सीसना ।-समझना। यो-भाकाम्गापित । भापित २. किसी विशेष जनसमुदाय में प्रचलित बातचीत करने का भापिता-[i• भापित ] 4 | शेतात बंग। चोली | जये, ठगो की भाषा, सातों की भाषा । ३. भापितेशा-- • [0] मरो