पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 7.djvu/८७

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फोद ३३२६ के प्रधान कार्यालय में भेजी जाती है। २. मृत सिपाही की विशेष-छापने के समय कागज के तख्ते को डाले पर रखकर मृत्यु की वह सूचना जो सेनाविभाग की भोर से उसके घर इसी चौखटे से ऊपर से बंद कर देते हैं, फिर डाले को गिरा- के लोगों के पास भेजी जाती है। कर प्रेस मे दबाते हैं । कागज के तख्ते पर उन जगहों पर फौद: -सज्ञा स्त्री० [अ० फ़ौज] दे० 'फौज'। उ०—(क) निस्सरिप्र जो फिस्केट के छेद से खुली रहती हैं मैटर छप जाता है और फौद अवरत, कत तत परिगणना पारके।-कीति०, शेष घश ढंके रहने से सादा रहता है। पृ० ८८ । (ख) प्रसी हजार फौद चलि पाई। गढ़ि ढहाए फ्रो-वि० [अ० फ्री ] १. स्वतत्र । जिसपर किसी की दाब न हो । सभ गर्द मिलाई ।-संत० दरिया, पृ० ११ । २. कर या महसून से मुक्त । मुक्त । जैसे, फो स्कूल, फ्री फौरन-क्रि० वि० [म० फौरन् ] तुरंत । तत्काल । चटपट । पढ़ना। फौरी-वि० [अ० फ़ौरी ] तात्कालिक । जल्दी का (को०] । फ्री ट्रेड-संज्ञा पु० [अ० फ्रोट्रेड ] वह वाणिज्य जिसमें माल के फौलाद-संज्ञा पु० [फा० पोलाद ] एक प्रकार का कड़ा पौर मच्छा थाने जाने पर किसी प्रकार का कर या महसूल न लिया लोहा जिसके हथियार बनाए जाते हैं । खेड़ी। जाय। फौलादी'-- [फा० फौलादी ] १. फौलाद का बना हुआ । फ्रीमेसन-सज्ञा पुं० [अ० फोमेसन ] फ्रोमेसनरी नाम के गुप्त संघों जैसे, फौलादी जिरह। २. दृढ । कठिन । मजबूत । जैसे, का सभ्य । फौलादी बदन। फ्रोमेसनरी-संज्ञा स्त्री० [अ० फ्रीमेसनरी ] एक प्रकार का गुप्त फौलादी-सशा सी० वल्लम की छड़। भाले की लकड़ी। संघ या सभा जिसकी शाखा प्रशाखाएं यूरप, अमेरिका तथा फौवारा-संज्ञा पु० [अ० फौधारह ] दे॰ 'फुहारा' । संसार के उन सब स्थानों मे है जहाँ यूरोपिन हैं । यह भारत मे भी है। फ्याहुर-मंज्ञा पु० [ सं० फेरु ] गीदड़ । शृगाल | विशेष-इस सभा का उद्देश्य समाज की रक्षा करनेवाले सत्य, फ्यूज-सज्ञा पु० [अ० फ्यूज ] प्रचड ताप से गल या पिघल दान, औदार्य, भ्रातृभाव आदि का प्रचार कहा जाता है । जाना। फोमेसनों की सभाएं गुप्त हुप्रा करती हैं और उनके वोच कुछ फ्युडेटरी चीफ-संज्ञा पुं० [सं० फ्युडेटरी चौफ ] वह राजा जो ऐसे संकेत होते हैं जिनसे वे अपने संघ के अनुयायियो को किसी बडे राजा या राज्य के अधीन हो और उसे कर देता पहचान लेते हैं । ये संकेत कोनिया, परकार, प्रादि राजगीरो हो। करद राजा । सामंत राजा । माडलिक । के कुछ प्रौजार के चिह्न कहे जाते हैं । प्राचीन काल में यूरोप फ्युडेटरी स्टेट-सज्ञा पुं० [पं० फ्युडेटरी स्टेट ] वह छोटा राज्य में उन कारीगरों या राजगीरों की इसी नाम की एक संस्था जो किसी बड़े राज्य के अधीन हो और उसे कर देता हो । थी जो बड़े बड़े गिरजे बनाया करते थे। इन्हीं संकेतों के करदराज्य । कारण. जो असली कारीगर होते थे वे ही भरती हो पाते थे। फ्रंट-संज्ञा पुं० [अ० ट] युद्धक्षेत्र। लड़ाई का मैदान । इसी प्रादर्श पर सन् १७१७ ई० में फ्रोमेसन सस्थाएं स्थापित मोर्चा। हुई जिनका उद्देश्य अधिक व्यापक रखा गया । फ्रांक-संशा पु० [० फ्रांक ] फ्रांस का एक चांदी का सिक्का। फ्रेंच'-वि० [मं० च ] फ्रास देश का । जो प्रायः अंगरेजी ६॥ पेनी मूल्य का होता है। एक पेनी फ्रेंचर-सज्ञा ली० फ्रांस की भाषा । प्रायः तीन पैसो के बराबर मूल्य की होती है । च-संज्ञा पुं० फास का निवासी। फ्रांटियर-संज्ञा पुं० [५० फ्रंटियर ] सरहद । सीमांत । जैसे,- फ्रेंच पेपर-संज्ञा पुं० [अ० ऋच पेपर ] एक प्रकार का हलका मांटियर प्राविन्स । पतला और चिकना कागज । फ्रांस-सरा पु० [4. फ्रांस ] योरप का एक प्रसिद्ध देश जो स्पेन फ्रम-सज्ञा पुं० [पं० फ्रेम ] चौकठा । के उत्तर में है। फ्लाईव्वाय-संज्ञा पुं० [पं० फ़्लाईव्वाय ] प्रेस में वह लड़का जो फ्रांसीसी-वि० [अ० फ्रांस ] १. फ्रांस देश का ।' फ्रांस देश में प्रेस पर से छपे हुए कागज जल्दी से झपटकर उतारता है उत्पन्न । २. फ्रास देश मे रहनेवाला । फ्रांस देशवासी। और उनपर आँख दौड़ाकर छपाई की त्रुटि की सूचना प्रेसमैन फ्राक-संश पुं० [फाक ] लंबी प्रास्तीन का ढीला ढाला कुरता को देता है। जिसे प्रायः बच्चो को पहनाते हैं। फ्लूट-संज्ञा पु० [अ० लूट ] बंसी की तरह का एक अंगरेजी यौ०-गंजी फ्राक = बनियान । वाजा जो फूककर बजाया जाता है । फ्रिस्केट-संश सी० [अ० फिस्केट ] लोहे की चद्दर का बना हुप्रा फ्लैग-संशा पु० [अ० फ्लैग ] झंडा । पताका । चौखटा जो हाथ से चलाए जानेवाले प्रेस के डाले में जड़ा फ्लैट-संज्ञा पु० [म फ्लैट ] 'किसी बड़ी इमारत रहता है। एक भाग। का