पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/१२३

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२० . नशीला। मादक ३६०० माधव मादक-सज्ञा पुं० १ प्राचीन काल का एक प्रकार का अस्त्र जिमग विशेष-मना व्यकार जीव जमा ? यि हा विपय मे यह प्रसिद्ध है कि उसके प्रयाग मे शत्रु गे प्रमाद उत्पन्न Pा है । जग, माटाम्प - "।। मादा या रिमा । होता था। २ वह चीज जिसके खाने मे नशा हो। नशा मादायर = गर्दभा । नागा=गी, यादि। उत्पन्न करनेवाला पदार्थ । जैम, अफीम, भांग, शगब श्रादि । मादिका - [1० माद ! 13T 90-TIT ३ एक प्रकार का हिग्न | ४ दात्यूह पक्षी (को०) । प नील गुजान TI TIT ii हिना को- मादकता-सा रनो० [ मं० ] मादक होने का भाव । नशीनापन । घनान, पृ०४। कनक कनक ते मोगुना मादकता अधिकाय । यह या मादिकता - २] ni० [fo मानता (470)] वोरात है यह पाए बोगय । -विहारी (शब्द०)। 'मादर मादगाव सशा मा[फा० मा गार ] गौ। गाय । उ०-नाम मादिन - सा [fro मादा । 27 (3.)]: "। मादगाव एक लागर हकीर । जगन बीच पीती है पदमा मादी- TAIM [हान . 573-77 frfri शीर ।-दाक्विनी०, पृ० ३०२ । प्रान मर 7,1 tri ini ? T11-724 मादन-म-ग पु० म ०१ लाग। २ मदन वृक्ष। ३ कामदन । पृ०२४१. ४ चतूरा ।” मतवा तापन । मनत्ता (को०)। मादीना-म.] - 1. [ toj मादन -पि० २० 'मादक' । माटु---7RI . [ 10 ] भाग । ग 1 0 | मादनी-मा म [ म० ] भाँग । मादूम-० [अ० मा'दम } nा या य न गया। मदनीय- वि० [ म.] मादाता या नशा उत्पन्न करनाना । मादा । बाद। 30-तुरीद परा पर व माद। प्रागीर म०,१११। मादर'- '-सज्ञा स्त्री॰ [फा० । गि० म० मातृ >मातर, अ० मदर ] माइक्ष, मादश- [4] [५ माशी, माशी ] में माँ। माता । जननी। समान । मुझनामा तु यौ to-मादरजन = मास । वधू । माद्दा-मा पु- [५० मा परमूग तपाई परार्थ मादर-सज्ञा पु० [ स० मर्दल ] ० 'मादल' । उ०--तुम्ह पिउ माम वना ।।। २ गद व्युगात । रामून। ३ योग्यता । वांचा मैं पिय माग मेंदूर । दोउ मभारे होइ मंग वाजे मादर पाता। जन,-यापमे य' नाम गमकन रानी। तूर । —जायसी ( शन्द०)। ४ वियफ । तमाज (0) ।। ज । मूत । गुनगद (२०) । मादरजाद--वि० [ फा० मादरज़ाद ] १ जन्म का। पंदाइशी । जैसे, ६ चाप । भान । गमन (९) । ७ मबार । पाई। मादरजाद अधा। २ क मा ने उत्पन। गोदर (भा.)। माद्रवती- Th० [ भ• ] ? राजा परीक्षित को मी का नाम । ३ जैसा मा के पेट म निकना पा, वंगा ही। मिलगुल नगा। २ गजा पानी टुमरी पन्नो । माद्रो ()। दिगवर। मादिनदन-सा पुं० [ म. मादिनन्दन ].0 'मादिमत [१०] । यो०- मादरजाद नगा = एकदम नगा। पूरी नार में वियम्म । माद्रिसुत-मता ५० [ १०] मात्रा के पुत्र नपुन मोर मा । मादरिया-सज्ञा स्त्री॰ [फा० मादर+हिं० इया (प्रत्य०)] माद्री-गमा सो [ म० ] १ पाः राजा सीरितीय पी पीर नगृल 'मादर"। उ०—सासु ननदि मिलि अदल बनाई। गादरिया तथा महदेव की माता जा मद । गजागी जान्या या । राजा घर बेटी प्राई। कवार (शब्द०)। पादुके मरने पर यह उना माथ मनी थी। पतिपिता। मादरी-वि० [फा०] माता मवधी । माता । यतीस। यौ०-मादरी जबान = मातृभाषा। माद्रीपति-संशा पुं० [म.] पार। मादल - सज्ञा पुं॰ [ म० मईल ] पसावज के ढग का एक प्रकार का माद्रेय - नशा ५० [म• ] माद्री के पुत्र नकुल गौर नहदेव । वाजा जो प्राय बगाल मे कोतन आदि के ममय बजाया माधव-वि० [स० J१ मघु जैना। शहद के समान । गीग । २ जाता है। मधुनिर्मित । ३ वसत तु मवधी । वमती [को०) । मालिया-मझा स्त्री॰ [ "श० या हिं० मादल + इया (प्रत्य॰)] माधव' - सज्ञा पुं० १ विगु भगवान् । नारायण। २ श्रीकृष्ण । ताबीज । उ०- नाड के कछुए, बांच्या वेगगी वय । कामण ३ वैशाख माम। उ०--पियो गमन जनु दिननाथ उत्तर रा राग कन, मादज़िया मन माती० ग०, भा०२, मग मधु माधा नित |--तुनमी प्र०, पृ० ४८। ४ वसत पृ० १० । ऋतु । ५ एक वृत्त र नाम जिसके प्रत्येक चरण में आठ जगग मादा-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [फा० मादह, ] सा जाति प्राणी। नर का होते हैं। इसी का दूसरा नाम 'मुक्तहरा है। ६ एक राग जो उनटा । जैसे,—(क) मॉड की गादा गाय कहलाती है । (ख) भैरव राग के पाठ पुगो मे मे एक माना जाता है । ७ एक इम कबूतर की मादा कही खा गइ है। प्रकार का मकर राग जो मल्लार, बिलावल और नट to