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पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/१५३

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३.३० माहिष्य ] भैमा माहिर'-वि० [ अ.] १ ज्ञाता। जानकार | तत्वश । उ०-गूपी मुधा सी मुभाय भरी पं, खरी रति केलि कलान मे माहिर । -जवाहिर (शब्द०)। २ कुशल । निपुण । चतुर (को॰) । माहिर' - T पुं० [सं०] इद्र । माहिला-नशा पुं० [अ० मह ह ] माझी । मल्लाह । उ० - कविरा मन का माहिला अपना रहै असोम । देखत ही दह में पड देइ किसी को दोन । -यावीर (जन्द०)। माहिप'-वि० [सं०] [वि०सी० माहिपो ] १ भंस का ( दूध अादि )। २ भैस सवधी। माहिप-नशा पुं० [ न० ] अत.पुर । जनानसाना । रनिवास [को०] । माहिपक-सशा पुं० [सं०] १. एक प्राचीन देश का नाम । २ इस देश मे रहनेवाली एक जाति का नाम । ३ भैस प्रादि का पालक (को॰) । माहिपवल्लरी -सग सी० [सं० ] काला विधारा । कृण वृद्धदारक । माहिषवल्ली-सा मी० [ मं० ] छिरहटी। माहिपस्थली- सज्ञा स्त्री [ म० ] एक प्राचीन जनपद का नाम । माहिपाक्ष-मझा पु. [ न० गुग्गुन । माहिपिक-संज्ञा पुं० [ स० ] ? व्यभिचारिणो वो का पति । २. भैस से जीविका निर्वाह करने वाला व्यक्ति । ३. वह व्यक्ति जा पन्नी के व्यभिचार द्वारा उपाजित धन से जीविका निर्वाह करता हो (को०)। माहिपिका-शा सी० [ स० ] एक नदी का नाम । माहिपेय-मजा पु० [ म० ] पट्टाभिषिक्त रानी या पटरानी का पुर। युवराज [को०] । मा'हष्मती- सी० सं०] दक्षिण देण क एक प्रसिद्ध प्राचीन नगर का नाम । विशप-इसका उल्लेग पुरागो, महाभारत गौर वौद ग्रथों में भाया है। यह मादिपमदन नागक जनपद की राजधानी थी। पुराणा मे इसे नर्मदा नदी के किनार लिया है। महयार्जुन यही का रहनेवाला था। महाभारत मे माहिष्मता और गिपुर का नाम साथ पाया है। त्रिपुर यो 'पाजकल त्रिपुरी कहते हैं, पर माहिमती का शवतका ठीक पता नहीं है । पुरातत्वविद कनिंघम मादल ने 'माहिपमटल' के 'मटल' शब्द को लार 'मला'नार का मा रामती लिसा। माहिप्य-मा. ] रमृतिपो के अनुसार एक गकार जाति । विशेष-याजवलय इन चाप्रिय पिता और वश्या माना यो प्रोग्य मतान मानते हैं। ग्राबतायन से मुरग नाम जाति मे यग्गा जाति री माता म ट पर मानते हैं। यदि यःमें एसको यगोपवीत मादि नारों का चश्या क गमान अधिकारी पहा है, पर पावलायन इगे या करने का विषय परते हैं। इस जातो परतावानिपने मित्रों और अपने गाँ मारिप्य क्षत्रिया है। मनमा ये तोगशिगी ममय माहिप- मल देश में रहनवाने होंगे।