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पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/१५७

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घमडी। चाम सरि। मिजाजा मिट्टी व्यवहार किसी का शारीरिक कुशल मगल पूछने के लिये होता मिटिहा-वि० [हिं० मिट्टी+हा (प्रत्य॰)] मिट्टी का। मिट्टी- है । आप अच्छे तो ह ? आप मकुशल तो हैं ? वाला। उ०-ची दिवाल मिटिहा मदिर कचन कलई लागा। मिजाजी-वि० [अ० मिजाज + ई (प्रत्य०) ] बहुत अधिक मिजाज सोदत खाक जाक मव भूलेव पाक भया नहिं कागा।-सत. करने या रखनेवाला । अभिमानी । घमडी दरिया, पृ० १२३ । मिजाजो-वि० सी० [अ० मिजाज+श्रो (प्रत्य॰)] मिट्टना पु क्रि० प्र०, स० [हिं० मिटना ] दे० 'मिटना' । उ० - अभिमाना । (क) यह कह करे द्विजराज चलि फेरि रोकि कहि नारि । म्हां कलक को मिट्टइय उहते कहहु विचारि ।-प० रासो, मिजालूपुर-नज्ञा स्त्री० [सं० मज्जा ] मज्जा । चो। उ० पृ० १० । २ दे० 'मिटना'। उ० तिहि परसे ताप मिट्टत ही चाम घमता गुरदेव दिन दिन छोज काया । होठ कठ तालुका ह० रानो, पृ० १६ । मोपी काढि मिजालू खाया ।-गोरख०, पृ० १४५ । मिट्टी-- --मज्ञा स्त्री० [ म. मृत्तिका, प्रा० मिट्टिा ] १ पृथ्वी। भू मे । मिझमाण91-सज्ञा पु० [हिं० मेहमान ] दे० 'मेहमान' । उ- जमान । जैस,-जा चाज मिट्टी मे बनती है, वह मिट्टी मे ही माहन उदमाद्या जी म्हारे पाया छ मिझमान ।-व्रज० ग्र०, मिल जाती है। पृ०१६५। मुहा०-मिट्टी पकडना = जमीन पर दृढतापूर्वक जम जाना । मिझमानी !-सज्ञा पी० [हिं० मेहमानी ] २० 'मेहमानो' । उ०- २ वह भुरभुरा पदाय जो पृथ्वी के ठोम विभाग अयवा स्यल मे ठानी मिझमानी जव दुयावन मावर को, वाजी गजराज निजराने साधारणत सब जगह पाया जाता है और जो कारी तल की का बने रहे। -राम० वर्म०, पृ० २७१ । प्रधान वस्तु है । खाक | धूल । मिझोना- सज्ञा पु० [ स० मध्य, पु० हिं० मांझ ] वह खूटी जो हल मुहा०-मिट्टी करना = नष्ट करना । खराव करना चौपट करना। मे वेडे पल मे लगी हुई लकडी के बीच मे रहती है । (युदेल०) । जन, रुपया मिट्टी करना, इज्जत मिट्टी करना, शरीर मिट्टी मिटका-मना पु० [हिं० ] दे० 'मटका' । करना, कपडे मिट्टी करना । मिट्टी के मोज = वहुत मस्ता। मिटना-ऋ० अ० [ स० मृष्ट, प्रा० मिठ | १ किसी अकित चिह्न बत हा थोडे मूल्य पर । जसे-वह मकान तो मिट्टी के मोल श्रादि का न रह जाना । जैमे,—इस पन्ने के कई अक्षर मिट विक रहा है। मिट्टी डालना = (१) किसी बात को जाने देना । गए हैं । २ नष्ट हो जाना । न रह जाना। ३ सराव होना । घाड देना । (२) किसी के दोप छिपाना । परदा डालना । (३) वरवाद होना । जैने, घर मिटना। ४ रद्द होना । जैसे, एक प्रकार का प्रयोग जिसमे किसी की कोई छोटी मोटी चीज, विधाता का लेख मिटना। विशेषत गहना प्रादि, खो जान पर सब लोग एक स्थान पर सयो क्रि०-जाना। जाकर थोडी थोडी मिट्टी हाल पाते हैं। इस प्रकार कभी कभी मिटाना - क्रि म [हिं० मिटना का सफ० रूप] १ रेखा, दाग, चिह्न चुरानवाला भा भयवश अथवा और किसी कारण से चुराई श्रादि का दूर करना । उ०—कर्म रेख नहि मिटे मिटाई।- हुई चाज उसी ।मट्टी के साथ वहा रख आता है, जिससे मालिक कबीर सा०, पृ० ६६० । २ नष्ट करना । न रहने देना। दूर का त्रीज ता मिल जाती है और यह नहीं प्रकट होने पाता कि करना । उ०-ताकर तोहि भेद समझाऊँ मनोकामना सकल कौन चोर है। मिट्टा डलवाना चारी गई हुई चीज का पता मिटाऊं। -कवीर सा०, पृ० १००६ । ३ खराब करना । लगाने के लिये लोगो में किसी स्थान पर मिट्टी डालने के लिये चापट करना । बरवाद करना । ४ रद्द करना। कहना । विशेष २० 'मिट्टी डालना' । मिट्टी देना = (१) मुम नमानो मे किसी के मरने पर सव लोगो का उमकी कव मे सयो० कि-जाना ।—देना । तीन तीन मुट्ठी मिट्टी डालना जो पुण्य कार्य समझा जाता है । मिटिया-पसा स्ली [हिं० मेटा-- इया (प्रत्य॰)] मिट्टी का छोटा (२) कव्र मे गाडना । (मुसल०)। मिट्टी पफड़े या छुए वरतन जिनमे प्राय दूध आदि रखा जाता है । मटकी । साना होना = भाग्य का प्रबल होना। मितारा चमकना । मिटिया-वि० [हिं० मिट्टी+इया (प्रत्य०)। मिट्टी का । साधारण काम मे भा विशेष लाभ होना । मिट्टी में मिलना%D मिटियाना--क्रि० स० [हिं० मिट्टी + पाना (प्रत्य०) ] मिट्टी लगाकर (१) नष्ट होना। चौपट होना। खराव होना । (२) मरना । साफ करना, रगडना या चिकना करना। जैसे, लोटा मिट्टी में मिलाना = नष्ट करना । चौपट परना । घरपाद करना मिटियाना। मिट्टी हाना = (१) नष्ट होना । खराव होना । (२) गदा या मिटियाफूस--वि० [हिं० मिटिया+ फूम , जो कुछ भी दृढ न हो। मला दुचैला होना। बहुत ही कमजोर । यौ०-मिट्टी का पुतला = मानव शरीर । मिट्टी की सूरत = मानव मिटियामहल - ज्ञा पुं० [हिं० मिटिया+ फा० महल ] मिट्टी का शरीर । 1मट्टी के माधव = मूर्स वेवकूफ । भाटू । मिट्टी मकान । झोपड़ी। ( व्यग्य )। खराबी = (१) दुर्दशा । (२) बरबादी । नाश । मिटियासौंप-मशा पुं० [हिं० मिटिया+सांप ] मटमैले रग का एक ३ किमी चीज को जलाकर तैयार की हुई राख । भस्म । जैसे, प्रकार का साप जिसके ऊपर काले रग की चित्तियां होती हैं। पारे को मिट्टी। सोने को मिट्टी। ४, कुछ विशेष प्रकार की -