पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/१८५

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मुंह ३६४४ 1 कानाफूसी करना। मुंह जोहना = अासरा ताकना। भरोमा देखना । मुंह डालना = (१) किसी पशु श्रादि का खाद्य पदार्थ पर मुह चलाना । (२) मुरगो का लडना या आक्रमण करना । (मुर्गबाज) । मुंह तक पाना = जवान पर पाना । कहा जाना । मुँह थकना बहुत अधिक बोलने के कारण शिथिलता पाना । मुंह थकाना = बहुत अधिक बोलकर अपने पापको शिथिल करना । मुंह देना = किसी पशु आदि का किसी वरतन या खाद्य पदार्थ मे मुंह डालना । जैसे,- इस दूध मे बिल्ली मुंह दे गई है। मुंह पकडना=बोलने से रोकना। वोलने न देना। जमे,-कहो न, कोई तुम्हारा मुहं पकडता है । मुंह पर न रस्व ना= तनिक भी स्वाद न लेना। जरा भी न खाना । जैसे,-लडके ने कल से एक दाना भी मुंह पर नही रखा। मुंह पर यात थाना = (१) कुछ कहने को जी चाहना । (२) कुछ कहना । मुंह पर मोहर करना = बोलने से रोकना । कहने न देना । चुप कराना । मुह पर लाना मुह से कहना । वर्णन करना । जैसे,—अपनी की हुई नेकी मुह पर नही लानी चाहिए । मुंह पर हाथ रखना = बोलने से जबरदस्ती रोकना या मना करना । मुंह पसारपर दौडना = कुछ पाने के लालच मे बहुत उत्सुक होकर आगे बढना। मुंह पसारकर रह जाना = (१) परम चकित हो जाना । हक्का बक्का हो जाना। (२) लज्जित होकर रह जाना। शरमाकर रह जाना । मुंह पेट चलना = के दस्त होना। हैजा होना । मुंह फटना = चूना प्रादि लगने के कारण मुंह मे छोटे छोटे घाव हो जाना। मुह फाटकर कहना = वेहया बनकर जबान पर लाना। निर्लज्ज होकर कहना । जैसे,—हमने उनसे मुह फाडकर कहा भी, पर उन्होंने कुछ ध्यान ही न दिया । मुँह फैलाना = (१) दे० 'मुंह वाना' । (२) अधिक लेने की इच्छा या हठ करना । जैसे,—कचहरीवाले तो जरा जरा सी बात पर मुंह फैलाते हैं । मुँह फोडकर कहना = दे० 'मुंह फाड- कर कहना' । मुंह बंद करना=चुप कराना । बोलने से रोकना। मुंह बंद कर लेना= बिलकुल चुप हो जाना। कुछ न बोलना । मुँह बंद होना = चुप होना । जैसे तुम्हारा मुंह कभी बंद नहीं होता । मुंह वाँधकर बैठना = चुपचाप बैठना। कुछ न बोलना। मुंह बाँधना या वाँध देना = चुप करा देना। वोनने न देना। मुँह वाना = (१) मुंह फाडना या खोलना । (२) जंभाई लेना । (३ ) अपनी हीनता सिद्ध होने पर भी हंस पडना । (४) बुरी तरह से हंसना । वेहूदेपन से हंसना । मुँह विगहना = (१) मुंह का स्वाद खराव होना । जैसे,- तुमने कैसा श्राम खिला दिया, विलकुल मुंह बिगड गया । (२) किसी बात या काम पर नाराजी व्यक्त करना। (३) उपेक्षा व्यक्त करना । मुंह विगाहना = मुंह का स्वाद खराब करना। मुँह भर पाना = (१) मुंह में पानी भर आना। किसी चीज को लेने के लिये बहुत लालच होना । (२) मितली आना। जी मिचलाना। के करने को जी चाहना । मुंह भरके = (१) मुंह तक । लबालव । (२) जहाँ तक इच्छा हो। जितना जी चाहे। जैसे—(क) जो कुछ मांगना हो, मुंह भरके मांग लो। (ख) उन्होने मुझे मुंह भरके गालियां दी। ( ३ ) पूरी तरह से। भली भांति । मुंह भर बोलना = अच्छी तरह वोलना । जैसे,—वहां मुझसे कोई मुंह भर बोला तक नही । मुँह भरना = (१) रिश्वत देना। घूस देना। (२) खिलाना। भोजन कराना। (३) मुह बद करना । वोलने से रोकना । मुंह मारना = (१) खाने को चीज मे मुंह लगाना । (२) दान लगाना । काटना । (३) जल्दी जल्दी भोजन करना । (किसी का) मुंह मारना = (१) किमी को वोलने से रोकना । चुप करना। (२) रिश्वत देना। (३) कान काटना । बढकर होना । जमे,- यह कपडा रेशम का मुंह मारता है । मुंह म ठा करना = (१ मिठाई खिलाना । (२) देकर प्रसन्न करना । मुंह मीठा होना = (१) खाने को मिठाई मिलना । (२) प्राप्ति होना । लाभ होना। (३) मंगनी होना । (वात) मुंह में श्राना - कहने को जी चाहना। कहने की प्रवृत्ति होना । जैसे,—जो कुछ मुंह मे प्राता है, कह चलते हो। मुंह म खून या लहू लगा चसका पडना । चाट पडना । जैसे -क दिन मे तुम्हें रुपए क्या मिल गए, तुम्हारे मुह मे खून लग गया। मुंह में जवान होना = कहने की सामर्थ्य होना । बोलने की ताकत होना । मुंह में तिनका लेना = बहुत अधिक दीनता या अधीनता प्रकट करना । मुंह मे पडना खाया जाना । खाने के काम आना । (वात का) मुँह में पहना = बात का मुंह से निकलना या कहा जाना । जैसे,—जो वात तुम्हारे मुह मे पडी, वह सारे शहर मे फैल जायगी। मुंह में पानी भर भान% (१) कोई पदार्थ प्राप्त करने के लिये बहुत लालायित होना । जैसे,-सेव का नाम सुनते ही तुम्हारे मुंह मे पानी भर आता है । (२) ईर्ष्या होना। मुँह में बोलना या वात करना = इतने धीरे धीरे बोलना कि जल्दी औरो को सुनाई न दे । मुंह में लगाम देना = समझ वूझकर वातें करना। कम और ठीक तरह से बालना । मुंह में लगाम न होना = बोलने के समय सचेत न रहना। जो मुह मे प्रावे, सो कह देना। मुँह लगाना = खाना । चखना। मुँह सँभालना = व्यर्थ वकने या गालीगलौज से जवान को रोकना । जवान मे लगाम देना। अपना मुंह सीना = बोलने से रुकना । मुंह से बात न निकालना। बिलकुल चुप रहना । मुह सुखना = प्यास या रोग आदि के कारण गला खुश्क होना। गले और जवान मे कांटे पडना । मुँह से दूध फी वू पाना = दे० 'मुह से दूध टपकना'। मुँह से दूध टपकना=बहुत ही बालक होना। ( परिहास )। जैसे,—आप इन बातो को क्यो जानने लगे, आपके मुह से तो अभी दूध टपक रहा है। मुंह से निकालना = कहना। उच्चारण करना । जैसे,—ऐसी वात मुंह से मत निकाला करो जिससे किसी को दुख हो । मुंह से फूटना = कहना । वोलना । (उपेक्षा या व्यग) । जैसे,- आखिर तुम भी तो कुछ मुंह से फूटो। मुंह से फूल झडना%D मुंह से बहुत ही मु दर और प्रिय बातें निकलना। उ०-रगर्ते 1 अनजान या