पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/२०४

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मुटकी अधिकतर गान मे बनता है और घोती के स्थान में परनने गुहा-पट्टी में = Tमें! निधारागने। के काम मे पाता है। 98 7777 5731 = 7771 * 11 1 47% TI = Tt गुटकी-शा पी० [ 10 ] कुलथी नामर पर। गुरथी । संधी नापर पााि मनना। मुटमरदी-रशा सी० [हिं० मोटा +० मर्द + ०ि (प्रन्य०)] सम्म प्रारमोना । गुठी भर = 4M RET IT हराममोरी। पालसीपन । निजिवता। उ०-यर गुटमरदी प्रत्पन्चा में। 50-जो १० मा मामा है कि प्रधा मागे, और नागोवाले मुमरे ठेगा । में शिना यी पित नीति के पाणावल नरनार - गभूमि, भा० २, पृ० ५६६ । गिन्ति ना है।-मासी (बा.) 20:। ही में रया होना = 377 समीप ना । पा7 ना। जैसे- मुटमुरी [-सा पुं० ["श०] एक प्रकार का भदद धान । कप' मा गला मे गे है जानु । मुटरी-सरा सां० [हिं० मोट ( = गठरी) ] 70 गठरी'। ४ उपयुत्त मुद्रा कममा यहए पीना मान । बंपी मुटाई - स... स्त्री० [हिं० मोटा+इ (प्रत्य॰)] १ मोटापन। हवनी के बराबर पा विमा। -- तिटी स्थूलता। २ पुष्टि। ३. प्रकार । घमड। गेसी। ८ वह भ ऊंचा नाना नाहिए। " नाम शिirगा की वेपरवाही या अभिमान जो भरपूर भोजन मिलन या कुछ धन विपन शाथ पैर का पा पारकर वान हित जिला हो जाने में हो जाय । गरीर की पकावट दूर ठानी। ची। मुहा०-मुटाई चढ़ना = बहुत अधिक अभिमान होना । पेगी क्रि० प्र०-भरना। होना । मुटाई झटना = अभिमान चूर्ण होना । गेखी टूटना । ६ मा प्रकार की पोटी पाली पाटी जिमा पानी मिटर मुटाना-क्रि० प्र० [हिं० मोटा+श्राना (प्रत्य॰)] १ मोटा हो मोटे सौर गोत होमोजोबाट बच्चा जिर जाना । स्थूलाग हो जाना । उ०-प्रभु में सेवक निमक हराम । दी जाती हैं। इने का भय नूगा करो। गुग।। ७ साइ खाद के महा मुटहाँ करिहा कळू न काम ।-भारतेंदु घोडे के गुम प्रौर टपन के बीच मा नाग। याना गाय ग्र०, मा० २, पृ० ५४२ । २. शेखीबाज हो जाना । अक्षारी जिलौना । दे० 'पुगी। हो जाना। अहमन्य हो जाना । उ० - हमर भारत ग्मि करत मुठभेड़-२॥ गी[हिं० मूठ • भिटना } १. टार। भित। अस तुम गए मुटाय।-विश्राम (शब्द०)। लढाई.भेंट । गामना। मुटासा- वि० [हिं० मोटा+श्रासा (प्रत्य॰) । वह जो मान पीने में मुठिका-सा भी [ H० मुष्टिका ] १. गुद्री । ३०-या गो 'मजे मे हा जान या कुछ धन कमा लेन से वारसा पार पमडी नट नया मुठिया के पाय TII-III (२०) । २ । हो गया हो। मुक्ता। उ०--मुठिा तारि गपि “नो। पर न मुटिया-सरा पुं० [हिं० माट (= गठरी)+ इया (प्रत्य॰)] वाझ धरनी ढामनी |-तुनी (द०)। ढोनवाला । मजदूर। -सश मुं० [हिं० ] २० 'मुट्ठी'। उ० सं मुठ्ठ जमदा- गाहे मुठिया- सभा स्पे० [ स० गुष्टिका : सुग, . या बाद काना फा पर भाा जी मूली गाडा । ।।६।२ म पान पैनी।-५० रासा, पृ० १७७ । भे रखी यानी जानकानी पर गम 187 मुठ्ठा मा पुं० [हिं० मूठ ] १. घाम, फूम, तृण या ठल का उतना जाता है। जाका गो मुठिया, मरा: ।। . पूला जितना हाय की मुट्ठी म मा सके । २. चगुल नर र तु । दुनिया में। पर मोनार जिमाप माना पर था। जितनी एक गुठी मे या सके उतनी वस्तु । जैसे, एक मुट्ठा पाटा। ३. समेटा या वधा हुया ममूर जो मुट्ठी म या मा। JIS 1-fir Tº [[:] [:-- 11 ( 1 (s: Trai पुलिंदा। जगे, कागज का मुठ्ठा, तार या मुट्ठा। ४. शस या ससीना पहप भी मा-बापर17...। या आदि वा वह म श जा उमक प्रयाग व नमय गुट्टा । गुटुरो। - [FE मूठ ] Tarunil Nir पपमा जाय । वेंट। दस्ता। ५. धुनिया का बलन मापार रिगाोपामार मंशा का वह प्रोजार जिनसे धुनते समय तात पर पापात त्या में करने पर मी"... - जाता।। ६. करता गदा जो प्राय पलपान मा वास fat tili 17" II-1.. पर मोटाई दिपलान या गुदरता बलान व तिने यापा IN 175 TRIOT --3?16 मुट्ठागुहेर-राधा स्त्री० [२०] मुक्ता सी । ( पहार)। (नर०)। मुट्ठी-म ली । गुष्टिका, प्रा. हिशाब पी या मुखक- [FEEना !... ! गुना जा उगानयो पोमोडपर हानी पर दवा मोने या शुकना -' है । पीती। वस्तुसिनी उस गुदा । 971'--Siem 279-**"7", 12.1.,11 समय राम माना ETCith!..। पन्ते।। 00