पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/४४६

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रेती ४२०५ रेगिस्तानी रेगता ही बहते थे। उ०-दिल नि 7 तरह न सीचे प्रशपार विशेष-रत्नारीनागेना. -16: गत है । बेटार किया है मैंने इग ऐनको दनर ने पिता पा, पापा । मो०, भा० ४, पृ० १५८ । (ग) बाके तुम्ही उन्ताद नहीं 107 111 T.1. 071 wymi 571 हा गानिः । कहन है शगले जमाने में कोई मीर भी था ।- गया है। मला कोर, भा०४, पृ० १२२ । ७ पक्कि । कार If I { 111 रेवती-सा मी० [फा० रेती नियो की बोली मे यी हुई पापिता । 351 Tor TT * उ०-नाम पर हाथ रख रखकार रेग्मती पटनेवाले।--प्रेमघन०, रेखागणित- TV ० [ 0] नगि TAIT Frगामी भा०२,०८७1 द्वारा गुपतिनगिदिनको जिता विशेप-खती रायादतयार सांरगी की ईजाद है। यह जाना धिर नेमाना गरिगा। चोली है। रगी के बाद णा ने इसमे कुछ कलम चनाई और विशेप- TR का प्रयोग पहीन परिगनापने जान माहब न तो दीवान ही ना धाला। पिया। उनकाने "मी" नी रागा रेग्यना-प्र० स० [सं० रेसन या लेखन ] १ रेसा सोचना । रेन जतिर पी नावाम पार II परिक बनाना । लकीर खीचना । अकित करना । चिह करना । उ०- पिया भीम-RTI पारमाण (क) गोभित स्वकीय गण गण गनती। तहाँ तेरे नाम ही की 'शुन्ध गुप' है, जिनम यानी 17 नारा एप रेसा रेपियन है । —पनाकर (शब्द॰) । (स) सत्य कही आवारो का कितार किया गया। दो मी गड़ा झूठ में पायत देखो वेई जिन रेसी क्या गव लीलावती बनी जो क्षेत्रमिति TTI (शब्द०) । (ग) उरज फरज रेस रेसी बहु भांति है।--केशव है ति प्राचीन मार्य चानमिति (i) काले, पर (गया)। २ परीचना । गरच दालना । छेदना । उ०- रेखागणित नहीं जाना ।। पर TRA ठी मी का देगति जनु रेखत तनु नान नयन कोरही।-कोराव (पन्द०)। मिय पी यूनान में भी नही । मार निवाणित रेसामन-सा पुं० [० रेखा+ अम] १. चित्र बनाना । उरेहना । का पहले पहल व्यवहार पाया। २. रेगानो द्वारा प्राकृति बनाना। ३ (साहित्य मे) शन्नचिय। रेखाचित्र-सा पुं॰ [ P० रे चा+चिन] १ या नि पानि रेशंकित-वि. [ मं० रेसा + प्रक्षित ] चिह्नित । जिसमे माप साधा प्रयोग पिया गया ।। २ (गारि विशेप-लेस आदि मे किमी शब्द या पाक्य के नीचे विशेष रूप मे) शब्द नित्र । पोद कशे में नुन वर्ग कि मबी गमत्र पिरोपनाए मुम्पाट । मे पाठक का ध्यान आकृष्ट करने को लिये रेखा सीच देते हैं। ऐरो शद या वाक्य रेखांकित' कहे जाते है। रेसाभूमि -सा पी० [सं०] मर और गा मा पनिागा रेयाश-सा पुं० [ स० 'को गीध में पनवारे देश । (जोनिम)। ] द्राधिमाश । याम्योत्तर वृत्त की एक एक विशेष-प्रागत ज्योतिषी नाम गुर पोर लस के मायन गगा रिफर रेखा-सर सी० [सं०] १ सूत के प्राकार वा लया गया हुषा पटनेवाले देशो गागपुमा RELATE रिख । दणमार चिह्न । उ दी। नीर । उ०-रेसा रचिर गायु कल सोया । - तुलनी (शद०)। रेगामात्र - मिसि जगमा भी। निता। कि प्रा-वाचना। tiga-F40 [tin File litt 5511 Trif: 797.1371) २. किसी वस्तु पा सूचक चिह । हट प्रा। २ जिपर या या-फरंगामाग्री लिपि जो पारिगया के मस्तक पर फटापा 1 30-निा "FAT पर सही मकित मानी जाती है। भाग्य का लेरा। उ०- TTTTTIII-9591773,! गो प्रेम गार कर देता । अविना दुय भगति फ रेवा । रेग-1 [ IT7। गुनगी (गः)। ३. गणना | शुमार । गिनती। 30 यो०-रमिनाnai ! ... ग जन जाकर लेगा। रा भगत म जानु नरेगा।- गोम्पामगी। ' . . ! 7 - 2 तुमी (76) 1 ४ नि । पागर । गत । 31""3"T?-29, 1:,"soires योग-परेखा ५ रोजी राना मानिने पटी जिनो नागरिक में माय रेगिस्तान- [.. } : in या जाला । -रग, रेगिस्ता--- {1} ग', मामाको दिन । ili À f 50 F1171T त्रिी या प्रश। 710