पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/४७४

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लैगन लगना लगन-सज्ञा पुं॰ [?] एक प्रकार का मृग। दे० 'लगना' । लगनपत्री- सज्ञा स्त्री॰ [ सं० लग्नपत्रिका | विवाहसमय के निर्णय की चिट्ठी जो कन्या का पिता वर के पिता को भेजता है। लगनवट-सञ्ज्ञा स्त्री० [हिं० लगन + वट (प्रत्य॰)] १ लगन । प्रेम । मुहब्बत । उल–पाही खेता लगनवट ऋन कुन्याज मग सेठ । बैर बडे सो मापन किए पाच दुख हेत ।-तुलसी (शन्द०)। लगनवट-सज्ञा पुं० दे० 'लगनहट' । लगनहटा-सज्ञा पुं० [हिक लगन+ हट (प्रत्य०) ] लग्न का समय । वह समय जब विवाह शादियां होती हैं । लगनवट । लगना-क्रि० अ० [ H० लग्न | १ दो पदार्थों का तल आपस मे मिलना । एक चोज की सतह पर दूपरी चीज वी सतह का होना । सटना । जैसे,-टेवुल पर कपडा लगना, तमवीर पर शीन लगना, दीवार पर इश्तहार लगना । ८० - मिट्टी मे सनी हुई बदहवास एक पत्थर से लगी हुई थी।-देनकीनदन (शब्द०)। २ एक पदाथ का दूसरे पदार्थ मे सलग्न होना । मिलना । जुडना । जमे,-तसवीर मे चौखटा लगना, अलमारी मे शीशा लगना, किमी के गले लगना । उ०-लागति ह जाय कठ नाग दिगपातन के मेरे जान सोई वृत कीरति तिहारी है .~-केशव (शब्द०)। ३ किसी पदाथ के तल पर पडना । जने,-पैर मे कीचड लगना, कपडे मे मिट्टी लगना, कागज मे दाग लगना । ४ एक चीज का दूसरी चीज पर मीना, जडा, टांका या चिपकाया जाना । जैसे,-चादर मे बल लगना, धोती मे फीता लगना, कोट मे बटन लगना। उ०—(क) जटित जराय की जंजीर वीच नीलमणि लगि रहे लोगनि के नेन मानो मनहर ।-केशव (शब्द॰) । (ख) सिर पर फौलादी टोपी जिममे एक हुमा के पर की लाबी कलगी लगी हुई थी।- देवकीनदन (शब्द०)। ५ समिलित होना । शामिल होना । मिन्नना । जैस,-पुस्तक मे परिशिष्ट लगना, रजिस्टर मे पन्ने लगना । ६ उत्पन्न होना । जमना । उगना । जैसे,—(क) यह गुलाव इस जमीन मे न लगेगा । (ख) इस पेड मे खूब श्राम लग है । ७ छोर या प्रात आदि पर पहुंचकर टिकना या रुकना । ठिकाने पर पहुंचना । जैसे,-किनारे पर नाव लगना, दरवाजे पर गाही या वरात लगना । ८ क्रम से रखा या सजाया जाना । सिलसिले से रखा जाना । जैस,-अलमारी में किताबें लगना, दूकान पर माल लगना, वरात लगना, हाट लगना, नुमाइश लगना । ६ व्यय होना। खर्च होना । जंस,- (क) व्याह मे दस हजार रुपए लगे। (ख) उसे दौडन दो, तुम्हारा क्या लगता है । १० जान पडना । मालूम हाना। अनुभव होना। स,-डर लगना, मोह लगना, पेशाव लगना, अच्छा लगना, बुरा लगना, जाडा लगना, गरमो लगना । उ०-चंद्रकाता के विरह मे मोरो की अावाज तीर सी लगती है।-देवकीनदन (शब्द०)। ११. स्थापित होना । कायम होना । जैस, मकान मे कल लगना, छत के नीचे खभा लगना । १२ सवध या रिश्ते मे कुछ होना । जैसे,—वह हमारा भाई लगता है। उ०-दशरथ आपके कौन लगते है और आप दशरथ के कौन लगते हो।- बालगीकीय रामायण (गन्द०)। १३ श्राघात पडना। चोट पहुंचना । जैसे,-लाठी लगना, थप्पड लगना, तलवार लगना। उ०-धौल का लगना था कि वह पत्थर का प्रादमी उठ बैठा ।- देवकीनदन (शब्द॰) । १४ टक्षर खाना । टकराना । जैसे,-जरा सा ढकेलते ही उसका मिर दीवार से जा लगा। १५. किसी चीज के ऊपर लेप किया जाना । पोता जाना । मला जाना । जैसे,- लकडी पवारनिश लगना, फोडे पर दवा लगना, पान पर कत्या लगना, मिर मे तेल लगना । १६ किसी पदार्थ का किसी प्रकार की जलन या चुनचुनाहट प्रादि उत्पन्न करना । जैसे,- (क) यह सूरन बहुत लगता है। (ख) यह दवा पहले तो कुछ लगेगी, पर फिर ठढक डाल देगी । १७ खाद्य पदार्थ का (पकने के समय जल आदि के अभाव या अचि की अधिकता के कारण) वरतन के तल मे जम जाना। जैसे,- खचडी मे पानी छोडो, नही तो लग जायगो । १८ किसी प्रकार की प्रवृत्ति आदि का श्रारभ होना । जैसे,-चाट लगना , चसका लगना । १६. प्रारभ होना । शुरू होना । जैसे,--- क) अब तो ग्रहण लग गया है । (ख) कल से चैत लगेगा। (ग) उनकी नौकरी लग गई है । २० उपयोग मे पाना । काम में पाना । जैसे,—(क) जितना मसाला पाया था, वह सब एक ही मकान में लग गया। (ख) तुम्हारी चारो साडियाँ लग गई । २१ काम के लिये अावश्यक होना । जरुरी हाना । जैसे,—(क) इस महीने मे हमे चार गाडी भूसा लगेगा। (ख) अब तो उन्हे भी चश्मा लगता है । (ग) रजिस्टरी मे दो पाने का टिकट लगता है। (घ) तुम्हे जो जो चीजें लगें, सब मुझसे मांग लेना । २२. जारी होना। चलना । जैसे, - (क) अाजकल दोनो मे खूब लडाई लगो है । (ख) अब तो तुम्हारा ही काम लगा है, दो चार दिन मे पूरा हो जायगा। (ग) दो चार दिन मे काम लगेगा । २३ एक चीज का दूसरी चीज के साथ रगड खाना । जैसे,-चलने मे घोडे के पैर लगना, गाडी का पहिया लगना । २४ सडना। गलना। जैसे,--(क) यह आम लग गया है। (ख) इस बैल का कवा लग गया है। २५ किसी ऐसे कार्य का आरम होना जिममे बहुत स लोगो के एकत्र होने की आवश्य- कता हो । जैसे,-महाफल लगना, मेला लगना। २६. प्रभाव पहना । असर होना । जैसे,—(क) परदेस मे हमे पानी बहुत जल्दी लगता है। (ख) कडाही मे आँच लग रही है । (ग) तुम्हें डाक्टरी दवा नहीं लगती। (घ) तुम्हे उसी का शाप लगा है। (च) सुरतो बहुत तेज थी, लग गई है। मुहा०-लगती बात कहना = ऐसी पते की बात कहना कि सुनने- वाला मन मसोसकर रह जाय। मर्मभेदी बात कहना। चुटकी लेना। २७ दातव्य नियत होना। देना। निश्चित होना। जैसे,- टैक्स लगना, व्याज लगना, किराया लगना । २८. प्रारोप होना । जैसे,-दफा लगना, हत्या लगना, पाप वगना। २६, प्रज्वलित होना। जलना । जैसे-