पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/४९०

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लडकिनी ४२५१ लड़ह १ सतति । संतान । औलाद । बाल बच्चा । जैसे,—उन्हे कोई सयो० वि०-जाना -डना । लडका बाला नही है । २ पुत्र, कलत्र श्रादि । परिवार । कुटु व । यौ०. लडना मिडना। कुनबा । जैसे,—(क) परदेस मे लडके वालो की खबर न मिलने २ एक दूसरे को गिराने का प्रयत्न करना । कुश्ती करना । मल्ल- से जी घबराता है । (ख) वह अपने लडके वालो की खबर युद्ध करना । जैसे,—पहलवानो का अखाड मे लडना । ३ एक नहीं लेता। दूसरे को कठोर शब्द कहना । वाग्युद्ध करना । झगडा करना। लड़किनी = सज्ञा सी० [हिं० लडकी + इनि (स्त्री० प्रत्य०) लरकिनी । कलह करना । हृज्जत करना । तकरार करना । जैसे,—इसी दे० 'लडकी'। वात पर दोनो घटो से लड रहे हैं। ४ वादविवाद करना। लडको-सज्ञा स्त्री० [हिं० लडका ] १ छोटी अवस्था की स्त्री। बहस करना । ५ दो वस्तुओ का वेग के साथ एक दूसरे से जा वालिका । २ कन्या । पुत्री । वेटो। लगना । टक्कर खाना । टकराना । भिडना । जैसे,-रेलगाडियो लडकीवाला--सञ्ज्ञा पुं० [हिं० लड की+ वाला (प्रत्य॰)] विवाह सबध का लडना, नावो का लडना । ६ विरोधी या प्रतिपक्षी के मे वन्या का पिता या . रक्षक । जैसे,-लडकीवाले को हानि पहुंचानेवाले प्रयत्न को निष्फल करने और उसे विफल सदा दवकर रहना पड़ता है। करने का उद्योग करना । व्यवहार आदि मे सफलता के लिये एक दूसरे के विरुद्ध प्रयत्न करना । जैसे,—मुकदमा लडना । ७ लड़कैया-सज्ञा पुं० [हिं० लड का+ऐया (प्रत्य॰)] दे० 'लड कपन'। पूर्ण रूप से घटित होना। एक बात का दूसरी वात के अनुकूल उ०-करो जतन माख साई मिलन की। गुडिया गुहवा सूप पडना । लक्ष्य के अनुकूल होना । मेल मिल जाना । उपयुक्त सुपलिया, तज दे वुव लडकया खेलन की।- कवीर श., भा० उतरना । सटीक बैठना । जैसे,—बात ही तो है, लड गई। १, पृ. ३३ । मुहो०---हिसाब लडना = (१) लेखा ठीक उतरना । (२) किसी लड़कोरो-वि० [हिं० लड का+प्रारी (प्रत्य॰)] ३० लडकौरी' । वात का सुभीता होना। उ-बेचारी अवमरी लड कोरी औरत को मारकर तुमने कोई वही जवॉमर्दी का काम नहीं किया है।-गोदान, पृ० २७३ । ८ अनुफूल पडना । ठीक होना । मुबाफिक उतरना । जैसे,—युक्ति लड़कौरी-वि० स्त्री० [हिं० लहका+ौरी (प्रत्य॰)] (स्त्री) लहना, किस्मत लडना । fe बिच्छू, भिड प्रादि का डक जिसकी गोद में लड़का हो। जिसके पास पालने पोसने के मारना । जैसे,—भिड लड गई । (पश्चिम)। १० किसी स्थान योग्य अपना वच्चा हो। जैसे,- लडकौरी स्त्री को तो बच्चे पर पडना। किसी वस्तु से मयुक्त हाना। लक्ष्य पर पहुंचना । भिडना । जैसे,-प्राख लडना । निशाना लहना। से ही छुट्टी नही मिलती। लडखडाना-क्रि० प्र० [ स० लड ( = डोलना)+ खडा ( या लड़बडा-[अनु०] १. (व्यजन) जो न बहुत गाढा और म बहुत अनुरणनात्मक ), १ न जमने या न ठहरने के कारण इधर पतला हो। लटपटा । २ जिसमे पौष का प्रभाव हो । नपुसक । उधर हिल डोल जाना । पूर्ण रूप से स्थित न रहने के कारण लडबडाना-क्र० अ० [अनु० ] दे० 'लडखडाना' । खडा न रह सकना, इधर उधर अरु पडना । झोका खाना । लड़बावरा-वि० [ स० लड (= लड़को का सा) अथवा लाड ( डगमगाना । डिगना । जैसे,—पर लडखडाना, आदमी का प्यार दुलार)+ वावरा ] [वि॰ स्त्री० लडबावरी] १. जो लडक- लडखडाकर गिरना। पन लिए हो । जो चतुर और गभीर न हो। भोला भाला और सयो० क्रि०-जाना। उजड्ड। अल्हड । मूर्ख । नासमझ। अहमक । उ०-(क) २ डगमगाकर गिरना । झोका खाकर नीचे आ जाना। ३ ठीक सखियां लडबावरी रावरी है तिनकी मति मे अति दौरति तौर से न चलना । अपनी क्रिया मे ठीक न रहना । विचलित हो।-वेनोप्रवीन (शब्द॰) । (ख) नूर कहै न सुनं, लडबावरी होना। च्युत होना। चूकना । जैसे,—कोई चीज उठाने मे चदहि दोष कछू न भलाई ।-नूर (शब्द०)। २. गंवार । उसका हाथ लडखडाता है। अनाडो। उ०-एरी लडवावरी! अहीरि ऐसी वूझी तोहि मुहा०-जीभ लडखडाना%3D (१) ठीक ठीक या पूरे शब्द और नाहि सो सनेह कीजै, नाह सो न कोजिए। -केशव (शब्द॰) । वाक्य मुंह से न निकलना। मुंह से स्पष्ट शब्द न निकलना । ३ मूर्खता से भरा हुआ। जिससे मूखता प्रकट हो। उ०- टूटे फूटै शब्द या वाक्य निकलना । (२) मुंह से रुक रुककर रावरी जो लडबावरी वात है सो सुनि राखियो, मैं न सहूंगी। शब्द निकलना। -रघुनाथ (शब्द०)। लड़खड़ी-सज्ञा स्त्री॰ [हिं० लडखडाना ] लडखडाने की क्रिया या लड़वावला-वि० [हिं० लड+वावला ] मूर्ख। येवकूफ । दे० भाव । डगमगाहट। 'लडवावरा'। लड़ना-क्रि० प्र० । सं० रणन] १ आघात करनेवाले शत्रु पर प्राघात लड़बौरा-वि० [हिं० लाड+वौरा<वावरा ] [वि० जी० लबोरी] करन का व्यापार करना । प्राघात प्रतिघात फरना । एक दूसरे दे० 'लडवावरा' । उ०-सुन री राधा प्रति लडबोरी जमुन पर वार करना । एक दूसरे को चोट पहुंचाना। युद्ध करना । गई तब सग कौन ही।—सूर (शब्द०)। भिड़ना। लह-वि० [सं०, प्रा० लट, लटह् । सुदर । खूबसूरत (को॰) ।