पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/४८९

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1 लडता/-कि... लढवद १५५० लढा वाला लट्ठबद-सञ्ज्ञा पु० [हिं० लट्ठ+ बाँधना ] लाठी रसनेवाला । लाठी लडतिया-सज्ञा पुं० [हि० लटत + इया (प्रत्य॰)] लटनेवाला। बांधनेवाला । लाठी मे ल्स । लठैत । उ०- लवद चौकमी तुश्ती गाज । उ०- वां नित्य गौ पचाम लढतिये या जुटने हैं। करते चपगमियो 'पौर माली ।-भस्मावृत०, पृ० ५४ । -गादान, पृ० १७७ । लट्ठबाज- वि० [हिं० लम् + फा० वाज़ ] १ लाठी लडने वाला। लड-शा पो० [ म० यष्टि, प्रा. लठ, हिली) १ मीच में लठन । २ बडी लाठी बांधनेवाला । गुनी हुई या एक दूगरी म लगोई एक ही प्रकार की वस्तुपो लठ्ठबाजी- सज्ञा स्त्री॰ [हिं० लट्ठबाज + ई (प्रय०)] लाठी की पी पक्ति। माना जैम मानिया की ट। २ मी का एप लडाई या मार पीट। तार (जंग, कई एप माय मिलाकर ग्टे जाय)। पाम । पान । ३ पक्ति । पात । कतार । सिमिला । श्रेणी। लट्ठमार-वि० [हिं० लट्ठ + मारना ] १ लट्ठ मारनवाना । २ (बात या वचन) अप्रिय या कठोर । कर्कश । कच्वा । मुहा०-(किगी के गार) लड मिनाना = मन करना । मित्रता जैसे,—उसकी बात लट्ठमार होती है । गरना । (किती को) लठ में स्नान या पन्त ये रहना । लट्टर।-वि० [हिं० लट्ठ ] १ कठोर | कडा । कश। २ गफ । अनुयायियो मे रहना। मोटा । (कपडा श्रादि)। ४ पक्कि म लगे हुए फूलो या मजरियो या उटी में प्राकार पा लढा-सज्ञा पुं॰ [ हिं० लट्ठ लाठी लट्ठी का पुवत् रूप] १ लकडी का गुच्चा । ता'। बहुत लबा टुकडा । बल्ला । गहतीर । २ घर की छाजन या पाटन मे लगा हुआ लकड़ी का वल्ला । धरन । गाडी । ३ तकरी लडकई।-मश नी० [४ि० रटा+६ (प्रत्य०)] १ लटकान । का सभा । जैसे,—तालाब पा लट्ठा, मरद का लट्ठा । चपन । बाल्यावस्था । २. प्रत। नादानी। २ चपनता। ४ खेत या जमीन नापने का वास या बल्ला जो ५३ गज का चच नना । चिनवितान। होता है और नाप के रूप मे चलता है। ५ एक प्रकार का लडकखेल-मशा मुं० [हिं० लटका + पेन ] १ वालको का सेल । गाढा मोटा कपडा। गफ मारकोन । २ सहज याम । साधारण बात । लट्ठावदो-सज्ञा स्त्री० [हिं० लट्ठा + फा० वदो ] जमीन की साधा लडरुसेलवा! -सरा पुं० [हिं० लटया+रोन ] १ वालको का रण नाप जो लट्टे से की जाय । सेलवाड। २ महज काम | लट्व-सशा पुं० [ स०] १ घोडा । २ एक प्रकार का राग। ३ लडकन-क्रि० प्र० [हिं० लाना ] सकना । उमग मे भरना। एक जाति का नाम (को०) । नाचनेवाला वालक । नृत्य करता आनंदित होना । उ०- जुगल डूंवर को लडकि लढाये । परम हुआ बालक (को०)। प्रेमरस पारस पावै। घनानद, पृ० २६१। लट्वा-सज्ञा स्त्री० [ सं०] १ एक प्रकार का कर ज । २ एक प्रकार लड कपन-सा पुं० [हि० नटा+पन ] १ वह अवस्था जिसमे का वाजा । ३ गौरा पक्षी। ४ कुमुभ। ५ चित्र बनाने की गनुप्य बालक हो। बाल्यावस्था । जैसे,-लटकपन मे मैं वहाँ कूची । कलम । तूलिका। ६ व्यभिचारिणी स्यी। ७ वालो प्राय जाया करता था। लडको का सा चिलबिलापन । चप- की लट । अलक । ८ खेल । क्रीडा (को०)। लता। चचलता। जमे, हर दम लटकपन मत किया करा। लट्वाका-सज्ञा स्त्री॰ [ सं० ] एक प्रकार का पक्षी [को०] । कि० प्र०-करना। लठ-सचा पुं० [ प्रा० लठ्ठ ] दे॰ 'लट्ठ' । लड़पबुद्धि-सचा रस्त्री० [हिं० लटका+बुद्ध ] वानको की भी समझ। लठा-सञ्ज्ञा पुं० [हिं० लाठी ] दे० 'लट्ठ । उ०-भारी लठा कोक अपरिपक्व बुद्धि । शता । नासमझी। लिए कोउ लकुट निज कर मैं घरे।-प्रेमघन॰, भा॰ १, पृ० ११ । लडका-सा पुं० [सं० लट (= लक्ष्या का सा माचरण करना) स० लालन् = ( जिसका लाड किया जाय ) अथवा लाड लठियला-वि० [हिं० लाठी+ इयल (प्रत्य०] लाठी (= दुलार) [ मो० लडकी] १ थोडी अवस्था का मनुष्य । चलानेवाला । लठत । वह जिमकी उम्र कम हो । वालक । २ पुष । वेटा। लठिया -सञ्ज्ञा स्त्री० [हिं० लाठी+इया (प्रत्य॰)] लाठी। लकटी। यो०-लडकावाला। डडा। मुहा०-लडको का खेल = (१) दिना महत्व की वात । (२) लठैत-सञ्ज्ञा पु० [हिं० लठ + ऐत (प्रत्य॰)] लाठी चलानेवाला। सहज वात या काम । ऐसा काम जिगका करना बहुत सहज लाठी की लडाई लडनेवाला । लठ्ठवाज । हो। जैसे,- यह काम करना लडको का खेल नहीं है। राह लड़गा-सचा पु० [हिं० लडना+अगा (प्रत्य॰)] लडाका । वाट का लडका ऐसा लडका जिसे किसी ने रास्ते मे पडा योद्धा। लडैत । सौनक । उ०-सनाहे अमल्ली, हिले फौज पाया हो, और जिसके माता पिता का पता न हो। लडकी हल्ली । लडगे अलेखे, दिली ख्याल देख ।-रा० रू०, पृ० ३१ । लडका=सतान । प्रौलाद । लड़त-सज्ञा स्त्री० [हिं० लढना ] १ लड़ाई । भिडत । २ सामना। लडकाई - -सचा पी० [हिं० लड़का + ई (प्रत्य॰)] दे० 'लडकई। मुकारला। लड़का बाला-सज्ञा पुं० [हिं० लड़का+स० वालक, प्रा० बालप] बाधने या