पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/५१६

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४२७७ लाकुटिक' कालावा। ला'-सज्ञा पुं० [अं० लॉ] १ वे राजनियम या कानून जो देश लाइफ बोट-सज्ञा स्त्री० [अ० लाइफ बोट ] एक प्रकार की नाव जो या राज्य मे शाति या सुव्यवस्था स्थापित करने के लिये समुद्र मे लोगो के प्राण बचाने के काम में लाई जाती है। वनाए जायं। २ ऐसे राजनियमो या कानूनो का संग्रह । जीवनरक्षक नौका। व्यवहारशास्त्र । धर्मशास्त्र । कानून । जैसे,-हिंदू लॉ। विशेष-ये ना विशेष प्रकार की बनी हुई होती हैं और जहाजो महह्मडन लाँ। पर लटकती रहती हैं। जब तुफान या अन्य किसी दुर्घटना से ला-सज्ञा स्त्री० [सं०] १ ग्रहण या प्राप्ति की क्रिया। २ देना। जहाज के डूबने की आशका होती है, तब ये नावें पानी मे छोडी प्रदान (को०] । जाती है। लोग इनपर चढ़कर प्राण बचाते हैं। ला'-अव्य० [अ० ] न । विना । नहीं। जैसे, लाइलाज, लाइल्म, लाइब्रेरी-सज्ञा स्त्री० [अं०] १ वह स्थान जहाँ पढने के लिये बहुत लापरवा आदि। सी पुस्तकें रखी हो । पुस्तकालय । २ वह कमरा या भवन लाइ@t-सज्ञा पु० [सं० अलात (= लुक), प्रा० अलाय ] अग्नि । जहाँ पुस्तको का संग्रह हो । पुस्तकालय । उ०-(क) तव हक हनूमत लाइ दई। केशव (शब्द॰) । (ख) ज्यो ज्यों बरसत घोर घन घनघमह गहवाइ । त्यो त्यो लाइलाज-वि० [अ० ] १ जिसकी चिकित्सा न हो सके। जिसका परति प्रचड अति नई लगन की लाइ-पद्माकर (शब्द॰) । उपचार न हो। असाध्य । २ जिसका कोई उपाय न हो। दुष्कर (को०] । लाइक वि० [अ० लाइक ] दे० 'लायक' । लाइची-सज्ञा सी० [ स० एला+ फा० ची ('च' प्रत्य॰)] दे॰ लाइल्म-वि० [अ० ] १. इल्म रहित । अशिक्षित । विद्याविहीन । 'इलायची'। २ नावाकिफ । अपरिचित । अनजान [को०] । लाइट-सज्ञा स्त्री० [अ० ] प्रकाश । दीप्ति । रोशनी । उजाला । लाइसेस--सञ्ज्ञा पु० [अ० ] दे० 'लैसस' । लाइट हाउस-सज्ञा पुं० [ अ० ] एक प्रकार का स्तभ या मीनार लाई-सज्ञा स्त्री० [ स० लावा, हिं० लावा ] उबाले हुए धान को जिसके सिरे पर एक बहुत तेज रोशनी रहती है जिसमें जहाज सुखाकर गरम बालू मे भूनने से बनी हुई खोलें। धान चट्टान आदि से न टकराय, या और किसी प्रकार की दुर्घटना न हो। प्रकाशस्तभ । लाई-सज्ञा सी० [हिं० लाना (= लगाना) 1 छिपी शिकायत । लाइन-सज्ञा स्त्री० [अ० ] १ कतार । अवली । २ पक्ति। सतर । चुगली। निंदा। ३ रेखा । लकीर । ४ रेल की सहक । ५ घरो की वह पक्ति जिनमें सिपाही रहते हैं। बारिक । लैन । ६ व्यवसाय क्षेत्र । कि० प्र०-लगाना। पेशा । जैसे,—(क) डाक्टरी लाइन अच्छी है, उसमे दो पैसे यौ०-लाई लुतरी = (१) चुगली। शिकायत । (२) वह जो मिलते हैं। (ख) अनेक नवयुवक पत्रकार का काम करना इधर उधर दूसरो का चुगली खाती फिरती हो। एक से दूसरे चाहते हैं। राष्ट्रीय विद्यापीठो, गुरुकुलों के कितने ही स्नातक की निंदा करनेवानी । चुगुलखोर (स्त्री)। इस लाइन मे पाना चाहते हैं । लाई २-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [फा०] १ एक प्रकार का रेशमी कपडा । २ एक लाइन क्लियर-सहा पु० [अ० ] रेलवे मे सकेत या पत्र जो किसी प्रकार की ऊनी चादर । ३ शराब की तलछट । रेलगाही के ड्राइवर को यह सुचित करने के लिये दिया जाता लाऊ-सञ्ज्ञा पुं० [हिं० अलावू ] लौकी। कद्दू । घिग्रा। विशेष है कि तुम्हारे जाने के लिये रास्ता साफ है । (बिना यह सकेत दे० घिया'। या पत्र पाए वह गाडी आगे नहीं बढ़ा सकता।) लाक-सञ्ज्ञा पुं० [अ० लॉक ] ताला। क्रि० प्र०-देना।-पाना।-मिलना। लाइफ-सज्ञा पुं० [अ० लाइफ] जीवन । जिंदगी। लाक अप - सक्षा पुं० [अ० लॉक अप ] हवालात । जैसे,-अभियुक्त यो०-लाइफ इन्श्योरेंस = जीवन बीमा। विशेप दे० 'बीमा'। लाक अप मे रखा गया है। लाइफ बॉय । लाइफवेल्ट = एक प्रकार की पेटी जो डूबने से लाकड़ी सज्ञा स्त्री० [हिं० लकडी ] दे० 'लकडी' । वचाने के काम आती। लाइफबोट । लाकर-सज्ञा पुं० [अ० लॉकर ] सुरक्षा की दृष्टि से बको में ग्राहको लाइफ बॉय-सज्ञा पुं० [अ० लाइफबॉय] एक प्रकार का यत्र जो ऐसे ढग की मूल्यवान वस्तुप्रो के रखने का स्थान । से बना होता है कि पानी मे डूबता नहीं, तैरता रहता है और लाफरी - सज्ञा स्त्री० [हिं० लकडी ] दे० 'लक्डी' । डूबते हुए व्यक्ति के प्राण बचाने के काम में आता है । तरेंदा। लाकिनी-सञ्ज्ञा स्त्री० [स०] तात्रिको के अनुसार एक योगिनी का नाम । विशेप-यह कई प्रकार का होता है और प्राय. जहाजो पर रखा रहता है। यदि दैवात् कोई मनुष्य पानी मे गिर पड़े तो यह लाच- सज्ञा पुं० [सं० ] दे० 'लकुच' । उसकी सहायता के लिये फेंक दिया जाता है। इसे पकड लेने से लाकुटिक'- वि० [स०] [वि॰ स्त्री० लाकुटिकी ] लाठी या दड मनुष्य हुबता नहीं। धारण करनेवाला [को०] । 1