पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/८३

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go स० महागुनी ३८४२ महानानी महागुनी-स -सञ्ज्ञा पुं० [अ० महोगनी ] दे० 'महोगनी' । महाछिद्रा-सचा क्षी० [सं० ] महामेदा [को०] । महागुरु-मा पु० [ स० ] अत्यत समानित या श्रद्धेय पुरुष । महाजघ-सञ्चा . [ स० महाजच) कट को०] । विशेष -इनको सख्या तीन कही गई है-माता, पिता और गुरु | महाजबीर-मज्ञा पुं० [ मे० महाजम्बार ] कमला नीवू । महागुल्मा-लज्ञा औ॰ [ स०] सोमलता । महाजवु-सञ्ज्ञा पुं० [सं० महाजम्बु ] वडा जामुन । महागृष्टि-मशा स्त्री॰ [ सं० ] वह गौ जिसके ककुद् बडे हो [को०] । महाजभ-सञ्ज्ञा पु० [सं० महाजम्म ] शिव के एक अनुचर का नाम । महागोधूम-सज्ञा पुं० [सं०] बडे दाने का गहूँ। महाजट-मज्ञा पुं॰ [ ] शिव का एक नाम (को०] । महागोपा -मज्ञा स्त्री० [सं०] शारिवा । अनतमूल । महाजटा-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [ ] १ केशा की लवी जटा। २ णिव की महागौरी -सञ्ज्ञा स्त्री० [सं०] १. दुर्गा । २ पुराणानुसार एक नदी अस्तव्यस्त केशराशि [को०) । जा विध्य पर्वत से निकली है। महाजत्रु-सज्ञा पुं॰ [सं०] शिव का एक नाम [को०] । महायिक मशा पु० [ म० महाग्रन्थिक ] वह औपच जिसके सेवन महाजन-सज्ञा पुं॰ [ मं०] १ वडा या श्रेष्ठ पुरुष , उ०-महामल्ल से रोग निश्चित रूप से रुक जाय और बढने न पावे । मुखर मोहक मित्र महाजन मनस्वी पडित पाठक 1-वर्ण०, महातह-मज्ञा पुं॰ [ स० ] गहु । पृ० १० । २. साधु । ३ धनी व्यक्ति । धनवान । दौलतमद । महाग्रीव-मा पु० [ म० १ शिव । २ शिव के एक अनुचर का ४. रुपए पैसे का लेन देन करनेवाला व्यक्ति। कोठोपाल । नाम । ३ पुराणानुसार एक देश का नाम । ४ ऊँट । उ०-महतो से मुगुल महाजन मे महाराज हाडि लीन्हें पकार महामीवी-मज्ञा पु० [ स० महामीविन् ] र्कट । उष्ट्र [को०] । पठान पटवारी से । -भूपण (श-द०)। ६. प्रामाणिक आचरण- वाला व्यक्ति । भलामानुम । उ०-पथ मी जाइ महाजन थाप महाघूर्णा~-सज्ञा स्त्री० [ स० ) सुग। शराब। -रघुनाथ (शब्द॰) । ७. जनसमाज । जनसमूह । महाघृत-सज्ञा पु० [ म०] १११ वर्ष का पुराना घी जो बहुत गुणकारी माना जाता है। वंद्यक मे इस कफनाशक, वनकारक महाजनपद-सचा पुं० स० महा+जनपद ] महादेश । वडा देश । और मेवाजनक माना है। उ०-ईसा पूर्व ६०० मे भारतवर्ष मे सोलह राज्य फैले हुए थे जिन्हें मोलह महाजनपद कहा जाता है। पू० म० भा०, महाघोप-सज्ञा पु० [सं०] १ भारी शब्द । २ हाट । बाजार । पृ०११ । महाघोप-वि० जोर की आवाजवाला [को०] । महाघोपा-सचा पुं० [ ] काकडासिंगी। महाजनी--सञ्ज्ञा स्त्री॰ [हिं० महाजन + ई (प्रत्य०) ] रुपए के लेन देन का व्यवसाय | हुंडी पुरजे का काम । कोठीवाली। २ एक महाचचु-मचा पु० [ सं० महाचञ्चु ] एक प्रकार का साग। चेंच । प्रकार की लिपि जिसमें मात्राएं आदि नहीं लगाई जाती। यह महाचर्ड'-सज्ञा पु० [ मं० महाचण्ड ] १ यम के दूत ! २ शिव के लिपि महाजनो के यहाँ वही खाता लिखने में काम याती है। अनुचर का नाम । मुडिया। महाघड-वि० प्रचड । भयानक । महाजय-सञ्चा स्त्री० [सं० ] दुर्गा । महावडा--रज्ञा मो० [सं० महाचण्डा ] चामुडा का एक नाम । महाजल-सञ्ज्ञा पु० [स०] समुद्र । उ०-मलय तनु मिलि लमति महाचक्र-सज्ञा पुं० [ ] एक दानव का नाम । मोभा महाजल गभीर । निरखि लोचन भ्रमत पुनि पुनि धरत महाचक्रवर्ती-सहा पु० [ म० महाचक्रवर्तिन् ] बहुत बडा चक्रवर्ती नहिं मन धीर । —सूर (शब्द०)। राजा । सम्राट्। महाजव-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] कृष्णसार । मृग [को०] । महाचक्रजल-मज्ञा पुं॰ [स०] वौद्धो के अनुसार एक पर्वत का नाम । महाजवा-सज्ञा स्त्री० [सं०] १ कुमार की अनुचरी एक मातृका महाचक्रो-सज्ञा पुं॰ [ स० महामिन् ] १ विष्णु। २ वह जो का नाम । २ एक नदी का नाम । पड्यत्र रचने में बहुत प्रवीण हो । महाजनु-सञ्ज्ञा पुं० [ ] शिव के एक अनुचर का नाम । महाचपला--मशा स्त्री॰ [ ] वह आर्या छद जिसके दोनों दलो मे महाजालि, महाजाली-सञ्ज्ञा पुं॰ [स०] एक पौधा । सोनामुखी [को०] । चपन्ना छद के लक्षण हो। महाचम-सझा ग्री० [ ] विशाल मेना [को०] । महाजावालि-सचा स्त्री॰ [ सं० ] एक उपनिषद् का नाम । महाजिह्व-सञ्ज्ञा पुं॰ [ स० ] १ शिव । २ पुराणानुसार एक दैत्य महाचार्य -सञ्ज्ञा पुं॰ [ स० महाचार्य ] १ शिव । २ प्रधान अचार्य । महाविना-ना स्त्री॰ [ म० ] एक अप्सरा का नाम । महाजिह्व-वि० जिसकी जीभ लबी हो । नवी जीभवाला को०] । महाचूडा-सझा झी [सं० महाचूहा] स्कद को एक मातृका का नाम । महाज्ञानी-सञ्ज्ञा पुं० [सं० महाज्ञानिन् ] १ वह जो वहा ज्ञानी महाच्छाय-सशा पु० [स] वट वृक्ष । बड का पेड । हो। २. शिव। स० 1 स० SO स० BO का नाम।