पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 2).pdf/१३

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भारत भारतभारती, मैथिलीशरण गुप्त, साहित्यसदन, भामस रामचरितमानस, सपा० भुनारायण चौबे, चिरगाँव, झाँसी, न० सं० । ना० प्र० सभा, काशी, प्र० सं० भारत नि०, भारत भूमि और उसके निवासी, जयचई मिट्टी० मिट्टी और फूल, नरेंद्र शर्मा, भारती भड़ार, भा० भू० विद्यालंकार, रत्नाश्रम, अगिरा, दि० स० इलाहाबाद, १ ० सं०, १९९९ वि० १९८७ वि० मिलन.. मिलनयामिनी, हरिवंश राय बच्चन' भारतीय भारतीय भारतीय राज्य और शासनविधान ज्ञानपीठ, काशी, प्र० स०, १६५० ई० भारतदु ५० भारतेंदु ग्र थावली [४ भाग], सपा प्रजरत्न- मुशौ अभि० ग्रे० । मशी अभिनदन ग्र थ, से० डॉ० विश्वनाथप्रसाद, दास, ना० प्र० सभा, काशी, प्र० स० . • हिदी तथा भाषाविज्ञान विद्यापीठ, गरी विश्वविद्यालय, आगरा मा० शिक्षा भारतीय शिक्षा, राजेंद्रप्रसाद, अत्माराम ऍड , मृगनयनी, वृदावनलाल वर्मा, मयूर प्रकाशन, सस, दिल्ली, १९५३ ई० । झाँसी भरपी शि० भापा शिक्षण, सीताराम चतुर्वेदी , मेला मैलामचल,फणीश्वर नाथ 'रेणु',समती प्रकाशन, भिखारी ग्र० भिखारीदास ने थावलौदो भाग],सं० विश्वनाथ पटनी-५, प्र० सं० प्रसाद मिश्र, ना० प्र० सभा, काशी प्र० स०। । मोहनविनोद, स० कृष्णविहारी भित्र, इलाहाभीख। श० भीखा शव्दावली बाद ला जर्नल प्रेस, प्र० स० भूपर्ण अ ० भूपण ग्र थाली, स० विश्वनाथप्रसाद मिश्र, अशोक यशोधरी, मैथिलीशरण गुप्त, साहित्य सदन, साहित्य सेवक कार्यालय, काशी, प्र० स० चिरगांव, झौसी, प्र० सं० भूपण ( शब्द०) कवि भूपण त्रिपाठी यामा यामा, महादेवी वर्मा, किताविस्तान, प्रयाग, भोज० मा० मा० भोजपुरी भापा और साहित्य, डा० उदय प्र० से 5 नारायण तिवारी, विहीर राष्ट्रभाषा माग युगवाणी, सुमित्रानंदन पंत, 'मारती भडार, परिप, पटना प्र० स० इलाहाबाद, प्र० स० मति० ग्र० मतिराम से थावली, कृष्णविहारी मिश्र, युगपथ युगपथ ।। गगी पुस्तकमाला, लखनऊ, द्वि० स० युगात युगात, सुमित्रानदन पत, इद्र प्रिंटिंग प्रेस, मतिराम ( शब्द०) कवि मतिराम त्रिपाठी अल्मोडा, प्र० स० मधु० मधुकलश, हरिवंशराय बच्चन', सुषमा निकूज, रगभूमि रंगभूमि, प्रेमचंद, गगी ग्न थागार, लखनऊ,प्र० इलाहावाद, द्वि ० से ०, १६३६ ई० सं०, १६.८१ वि० मधुज्वाले मधुज्वाल, सुमित्रानदन पत, भारती भहार, रघु० ० रघुनाथ रूपक 'गीतरो, सु० महताबचद्र खारेह, इलाहाबाद, द्वि० स०, १९३६ ई० | मा० प्र० सभा, काशी, प्र० स० रघु० दा० ( शब्द० } रघुनाथदास मधुमालती वार्ता, सं० माताप्रसाद गुप्त, ना० । मधु मा० रघुनाथ ( शब्द०) रघुनाथ प्र० सभा, वाराणसी, १० मधुशाला मधुशाला, हरिवंश राय बच्चन', सुषमा निकुज, रघुराज (शब्द०) महाराज रघुराजमह, रीवनरेश इलाहावाद, प्र० सं० रजत | रजतशिखर, सुमित्रानदन पत, लीडर प्रस, इलाहाबाद, २००८ वि० मन विरक्त मन विरक्त करन गुटका सार ( चरणदास ) मनु० मनुस्मृति जैव० । रज्जव जी की वानी, ज्ञानसागर प्रस, ववई, मुलुक० (शब्द॰) मलूकदास १६०५ वि० महा० महाराणा का महत्व, जयकर प्रसाद, भारती रतन० रतनहजारा, सपा० श्री जगन्नाथ प्रसाद भडार, इलाहावाद, चतुर्थ सं० । श्रीवास्तव, भारतजीदंन प्रस, काशी प्र० स०, महाभारत ( मन्दि०) महाभारत १९८२ ई० माधव माधवनिदान, लक्ष्मी वेंकटेश्वर प्रेस, बम्बई, रीत रंतिनाथ की चाची, नागार्जुन, किताब महल, चतुर्य स० इलाहावाद, द्वि० स०, १९५३ ई० माधवानल माधवानल, कामकदली, वोधा कवि, नवल- रन• शब्द )। रत्नसार किशोर प्रस, लखनऊ, प्र० स०, १८६४ ई० रत्नाकर रत्नाकर [ दो भाग 1, ना० प्र० सभा, काशी, माने मानसरोवर, प्रेमचंद, इस प्रकाशन, इलाहावाद चतुर्थ और द्वि० स० मानव मानवसमाज, राहुल सांकृत्यायन, किताव महल, रस० रसमीमासी, सं० विश्वनाथप्रसाद मिश्र, ना० इलाहाबाद, द्वि० ० प्र० सभा, काशी, द्वि० स०